Chapter 3 जनसंख्या संघटन

Chapter 3 जनसंख्या संघटन

अभ्यास प्रश्न (पाठ्यपुस्तक से)

प्र० 1. नीचे दिए गये चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए।
(i) निम्नलिखित में से किसने संयुक्त अरब अमीरात के लिंग अनुपात को निम्न किया है?
(क) पुरुष कार्यशील जनसंख्या का चयनित प्रवास।
(ख) पुरुषों की उच्च जन्मदर।
(ग) स्त्रियों की निम्न जन्मदर।
(घ) स्त्रियों का उच्च उत्प्रवास।
(ii) निम्नलिखित में से कौन-सी संख्या जनसंख्या के कार्यशील आयुवर्ग का प्रतिनिधित्व करती है?
(क) 15 से 65 वर्ष
(ख) 15 से 66 वर्ष
(ग) 15 से 64 वर्ष
(घ) 15 से 59 वर्ष
(iii) निम्नलिखित में से किस देश का लिंग अनुपात विश्व में सर्वाधिक है?
(क) लैटविया
(ख) जापान
(ग) संयुक्त अरब अमीरात
(घ) फ्रांस
उत्तर:
(i) (क) पुरुष कार्यशील जनसंख्या का चयनित प्रवास।।
(ii) (घ) 15 से 59 वर्ष।
(iii) (क) लैटविया

प्र० 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए|
(i) जनसंख्या संघटन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: किसी देश/प्रदेश में निवास करने वाली जनसंख्या में स्त्रियों-पुरुषों की संख्या, लिंग अनुपात, आयु वर्ग संरचना, उनके व्यवसाय, शिक्षा का स्तर, जीवन-प्रत्याशा तथा आवासों के आधार पर दूसरों से पृथक विशिष्ट जनांकिकीय विशेषताओं को जनसंख्या संघटने कहते हैं।
(ii) आयु-संरचना का क्या महत्त्व है?
उत्तर: किसी देश की जनसंख्या को विभिन्न आयु वर्गों में रखकर यह ज्ञात किया जाता है कि उस देश की कितनी जनसंख्या कार्यशील जनसंख्या है जो अलग-अलग व्यवसायों में संलग्न है तथा कितनी जनसंख्या उन पर आश्रित है, जो अंततः देश के विकास को इंगित करता है।
(iii) लिंग अनुपात कैसे मापा जाता है?
उत्तर: प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या अथवा प्रति हज़ार स्त्रियों पर पुरुषों की संख्या के रूप में लिंग-अनुपात ज्ञात किया जाता है। इसके आकलन की विधि इस प्रकार है-

प्र० 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर 150 शब्दों से अधिक में न दें
(i) जनसंख्या के ग्रामीण-नगरीय संघटन का वर्णन कीजिए।
उत्तर: विश्व के विभिन्न देशों में ग्रामीण और नगरीय जनसंख्या को मापने के अलग-अलग मापदंड हैं। सामान्यतः ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लोग प्राथमिक क्रियाओं जैसे-कृषि, वानिकी, मत्स्यन तथा खनन आदि व्यावसायिक गतिविधियों में संलग्न रहते हैं जबकि नगरीय क्षेत्रों में अधिकांश लोग गैर-प्राथमिक (द्वितीयक व तृतीयक) क्रियाओं जैसे-विनिर्माण, निर्माण, व्यावसायिक परिवहन सेवाओं, संचार तथा अन्य अवर्गीकृत सेवाओं के अलावा अनुसंधान व वैचारिक विकास से जुड़े कार्यों में संलग्न रहते हैं। ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में आयु-लिंग संघटन, व्यावसायिक संरचना, जनसंख्या का घनत्व, विकास का स्तर व रहन-सहने की दशाएँ अलग-अलग होते हैं। पश्चिमी देशों के ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुष-लिंग-अनुपात अधिक है जबकि नगरीय क्षेत्रों में स्त्री-लिंग अनुपात अधिक है। इसके विपरीत एशिया के देशों-नेपाल, पाकिस्तान व भारत में स्थिति बिल्कुल उलट हैं। यूरोप, संयुक्त राज्य अमेरिका व कनाडा में रोजगार के अधिक अवसरों के कारण स्त्रियाँ नगरीय क्षेत्रों की ओर प्रवास करती हैं जबकि कृषि वहाँ पर अत्यधिक मशीनीकृत होने के कारण पुरुष प्रधान व्यवसाय है। इसके विपरीत भारत जैसे एशियाई देशों में कृषि कार्यों में महिलाओं की सहभागिता काफी ऊँची है और पुरुष जनसंख्या नगरों की ओर प्रवास/पलायन करती है। भारत जैसे देशों के नगरों में आवासों की कमी, रहन-सहन की उच्च लागत, महिलाओं के लिए रोजगार के कम अवसर तथा सुरक्षा की कमी महिलाओं को गाँव से नगरों की ओर प्रवास करने से रोकते हैं। इस तरह विश्व स्तर पर ग्रामीण-नगरीय संघटन में व्यापक भिन्नता पायी जाती है। यूरोप में 2500 से अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र नगरीय क्षेत्र की श्रेणी में आते हैं वहीं भारत में 5000 से अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्र नगरीय कहलाते हैं।
(ii) विश्व के विभिन्न भागों में आयु-लिंग में असंतुलन के लिए उत्तरदाई कारकों तथा व्यावसायिक संरचना की विवेचना कीजिए।
उत्तर: जनसंख्या की आयु-लिंग संरचना का आशय विभिन्न आयु वर्गों में स्त्रियों और पुरुषों की संख्या से है। इसे जनसंख्या पिरामिड के द्वारा दर्शाया जाता है। विश्व के विभिन्न भागों में विभिन्न आयु वर्गों में लिंग अनुपात समान नहीं है। रूस सहित यूरोप के कुछ देशों में प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या अधिक है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा सूचीबद्ध 139 देशों में लिंग अनुपात स्त्रियों के अनुकूल है। जबकि शेष 72 देशों में प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या कम होने से उनके लिए प्रतिकूल दशाएँ विद्यमान हैं। ऐसा निम्न कारणों से होता है-

  1. जिन देशों/प्रदेशों में लिंग-भेद अनियंत्रित है, वहाँ लिंग अनुपात प्रत्येक आयु वर्ग में निश्चित रूप से स्त्रियों के लिए प्रतिकूल है।
  2. जिन देशों/प्रदेशों में स्त्री भ्रूणहत्या, स्त्री शिशुहत्या और स्त्रियों के प्रति घरेलू हिंसा प्रचलित है वहाँ भी स्त्रियों की संख्या प्रत्येक आयु-वर्ग में पुरुषों की तुलना में कम है।
  3. जिन क्षेत्रों में स्त्रियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति दयनीय है, वे रोज़गारोन्मुख नहीं हैं वहाँ भी स्त्रियों की संख्या प्रत्येक आयु वर्ग में पुरुषों की तुलना में कम है।
  4. व्यावसायिक संरचना का अवलोकन करने से ज्ञात होता है कि कार्यशील जनसंख्या 15 से 59 आयु वर्ग में स्त्रियों और पुरुषों के अनुपात में विश्व के विभिन्न देशों में भारी अंतर देखने को मिलता है। विकसित देशों में स्त्री साक्षरता दर तथा उनके रोजगारोन्मुख होने की दर विकासशील व अल्पविकसित देशों की तुलना में अधिक है। उनके स्वास्थ्य व रहन-सहन की दशाएँ भी अच्छी हैं। वे उन सभी सुख-सुविधाओं का उपभोग
    करती हैं जिनका उपभोग पुरुष कर रहे हैं।
जनसंख्या संघटन
जनसंख्या संघटन

जनसंख्या संघटन :-

जनसंख्या संघटन जनसंख्या की उन विशेषताओं को प्रदर्शित करता है जिसमें आयु व लिंग का विशलेषण , निवास का स्थान , जनजातियाँ , भाषा , धर्म , साक्षरता , व्यवसायिक विशेषताएँ आदि का अध्ययन किया जाता है ।

इसके अन्तर्गत ग्रामीण नगरीय संघटन व उनकी विशेषताओं का भी अध्ययन किया जाता है ।

किसी देश के भावी विकास की योजनाओं को बनाने तथा निश्चित करने में जनसंख्या संघटन का महत्वपूर्ण योगदान है ।

लिंग अनुपात :-

लिंग अनुपात से तात्पर्य किसी देश में पुरुषों और महिलाओं की संख्या से है । यह एक लिंग अनुपात के रूप में निकाला जाता है जो पुरुषों और महिलाओं की संख्या के बीच का अनुपात है ।

दुनिया में लिंगानुपात प्रति 1000 पुरुषों में 990 महिलाओं का है जो लातविया में सबसे अधिक है ( 1187 महिलाएं प्रति 1000 पुरुष ) और संयुक्त अरब अमीरात में सबसे कम ( प्रति 1000 पुरुषों में 468 महिलाएं ) ।

दुनिया के 72 देशों में लिंगानुपात प्रतिकूल है क्योंकि वहां कन्या भ्रूण हत्या , कन्या भ्रूण हत्या के साथ – साथ महिलाओं की निम्न आर्थिक स्थिति के कारण भेदभाव है ।

सामान्य तौर पर चीन , भारत जैसे एशियाई देशों में लिंगानुपात कम है जबकि यूरोपीय देशों में लिंगानुपात अधिक है ।

विश्व की जनसंख्या का औसत लिंग अनुपात :-

विश्व की जनसंख्या का औसत लिंग अनुपात प्रति हजार पुरूषों पर 990 स्त्रियां हैं ।

 स्त्रियों के लिंग अनुपात प्रतिकूल होने के प्रमुख कारण :-

लिंग अनुपात स्त्रियों के प्रतिकूल होने के प्रमुख कारण निम्न हैं :-

  • ( क ) स्त्री – भ्रूण हत्या । 
  • ( ख ) स्त्रियों के प्रति घरेलू हिंसा । । 
  • ( ग ) स्त्रियों के सामाजिक आर्थिक स्तर का निम्न होना ।

नोट :- प्रतिकूल लिंगानुपात वाला महाद्वीप – एशिया 

         अनुकूल लिंगानुपात वाला महाद्वीप – यूरोप

प्रतिकूल लिंग अनुपात :-

जिन देशों में पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या कम होती है वहाँ स्त्रियों के लिए निश्चित रूप से प्रतिकूल परिस्थितियाँ होती है । स्त्री भ्रूणहत्या , स्त्री शिशु हत्या व स्त्रियों के प्रति घरेलू हिंसा के कारण ऐसा होता है । विश्व के 72 देश इसी श्रेणी में आते हैं ।

 अनुकूल लिंग अनुपात :-

जिन देशों में पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या अधिक होती है , वहाँ स्त्रियाँ निश्चित रूप से अनुकूल स्थिति में है । स्त्री शिक्षा , रोजगार तथा इनके जीवन के विकास की अनुकूल दशाएँ तथा सरकारी नीतियाँ , स्त्रियों के लिए अनुकूल स्थिति पैदा करती है । विश्व के 139 देश इसी श्रेणी में आते हैं ।

वृद्ध होती जनसंख्या :-

जनसंख्या का वृद्ध होना एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे बुजुर्ग जनसंख्या का हिस्सा अनुपात की दृष्टि से बडा हो जाता है । विश्व के अधिकांश देशों में उच्च जीवन प्रत्याशा एवं निम्न जन्मदर के कारण उच्च आयु वर्गों की जनसंख्या बढी है ।

आयु संरचना :-

आयु संरचना विभिन्न आयु वर्गों में लोगों की संख्या को प्रदर्शित करती है । इसी के आधार पर यह ज्ञात किया जा सकता है कि विभिन्न आयु वर्गों में लोगों का कितना प्रतिशत है ।

इसके अन्तर्गत तीन आयु वर्ग आते हैं :

  • 1 ) बाल वर्ग ( 0 – 14 वर्ष ) 
  • 2 ) प्रौढ़ वर्ग ( 15-59 वर्ष )
  • 3 ) वृद्ध वर्ग ( 60 वर्ष से अधिक )

आयु संरचना जनसंख्या की किन विशेषताओं को दर्शाती है :-

यदि जनसंख्या में 0 – 14 आयु वर्ग की जनसंख्या अधिक है तो आश्रित जनसंख्या का अनुपात अधिक होगा । जिसके कारण आर्थिक विकास धीमा होगा ।

15 – 59 वर्ष की आयु में अधिक जनसंख्या होने पर कार्यशील अथवा अर्जक जनसंख्या अधिक होने की संभावना होती है जो देश के संसाधनों के दोहन करने में सहायक होती है ।

60 वर्ष के ऊपर की आयु संरचना वर्ग में बढ़ती हुई जनसंख्या से वृद्धों की देखभाल पर अधिक व्यय होने का संकेत मिलता है । उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि जनसंख्या के जनांकिकीय निर्धारक के रूप में आयु संरचना का अध्ययन बहुत महत्वपूर्ण है ।

‘ आयु – लिंग ‘ पिरामिड / संरचना :-

🔹 जनसंख्या की आयु – लिंग संरचना का अभिप्राय विभिन्न आयु वर्गों में स्त्रियों व पुरूषों की संख्या से है । पिरामिड का प्रयोग जनसंख्या की आयुलिंग संरचना को दर्शाने के लिए किया जाता है ।

आयुलिंग असन्तुलन के लिए उत्तरदायी कारक :-

 जन्मदर व मृत्युदर :- विकासशील देशों में मृत्यु दर अधिक होने के कारण लिंग अनुपात में असन्तुलन उत्पन्न हो जाता है । पुरुष जन्म स्त्री जन्म से अधिक होता है और समाज में स्त्रियों को गौण समझा जाता है ।

 प्रवास :– प्रवास के कारण भी उद्भव व गन्तव्य दोनों में लिंगानुपात प्रभावित होता है । रोजगार व शिक्षा के कारण पुरुष प्रवास अत्याधिक होता है ।

ग्रामीण व नगरीय जीवन :- गाँव के लोग रोजगार व सुविधाओं के कारण नगरों में जाकर बस जाते हैं जिससे नगरीय जीवन में लिंगानुपात अन्तर आ जाता है ।

 सामाजिक आर्थिक स्थिति :- जिन देशों में स्त्रियों की सामाजिक – आर्थिक स्थिति दयनीय है वहाँ भी स्त्रियों की संख्या प्रत्येक आयुवर्ग में पुरुषों की तुलना में कम है ।

ग्रामीण व नगरीय संघटन :-

इसका निर्धारण लोगों के निवास स्थान के आधार पर किया जाता है । यह आवश्यक भी है क्योंकि ग्रामीण व नगरीय जीवन आजीविका व सामाजिक दशाओं में एक दूसरे से भिन्न होते हैं ।

 साक्षरता दर :-

साक्षरता दर किसी भी देश की जनसंख्या का गुणात्मक पहलू है और किसी भी देश में साक्षर जनसंख्या का अनुपात उसके सामाजिक व आर्थिक विकास का सूचक होता है।

साक्षरता दर को प्रभावित करने वाले कारक :-

 आर्थिक विकास का स्तर :- अल्पविकसित अर्थव्यवस्था वाले देशों में साक्षरता की निम्न दर तथा उन्नत नगरीय अर्थव्यवरूथा वाले देशों में उच्च साक्षरता दर पाई जाती है ।

  • प्रश्न 1 : जनसंख्या संघटन  से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर : जनसंख्या संघटन या जनांकिकी संरचना जनसंख्या की उन विशेषताओं को प्रदर्शित करता है जिसकी माप  की जा सके तथा जिनकी  मदद से दो विभिन्न प्रकार के व्यक्तियों के समूह में अंतर अथवा तुलना की जा सके | आयु , लिंग, साक्षरता ,आवास  का स्थान तथा व्यवसाय आदि ऐसे महत्वपूर्ण घटक है दो जनसंख्या के संघटन को प्रदर्शित करते हैं |

किसी देश के भावी विकास की योजनाओं को बनाने तथा निश्चित करने में जनसंख्या  संघटनका महत्वपूर्ण योगदान है |

  • प्रश्न 2 :  लिंग अनुपात  किसे कहते हैं ? लिंग अनुपात कैसे मापा जाता है ?

उत्तर : जनसंख्या में पुरुष और स्त्रियों के अनुपात को लिंग अनुपात कहते हैं | यह पुरुष तथा स्त्रियों के बीच संतुलन का सूचक है |  यह प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या के रूप में मापा जाता है | लिंग अनुपात दूसरे जनांकिकीय लक्षणों को प्रभावित करता है | जैसे :  जनसंख्या की वृद्धि ,  विवाह दर  इत्यादि

लिंग अनुपात निम्न सूत्र का प्रयोग करके मापा जाता है :

भारत में ,  स्त्रियों की संख्या / पुरुषों की संख्या x  1000

कुछ देशों में  इसे इस प्रकार नापा जाता है :  पुरुषों की जनसंख्या / स्त्रियों की जनसंख्या x 1000

  •  प्रश्न 3 : महानगर किसे कहते हैं ?

उत्तर :  10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले नगर को महानगर कहते हैं | भारत में महानगरों की संख्या निरंतर बढ़ रही है | 1901 में केवल कोलकाता ही एकमात्र महानगर था | 1941 तक कोलकाता तथा मुंबई ही दो महानगर थे परंतु 1951 में इनकी संख्या 5 हो गई | 1991 में 23 महानगर थे | 2001 में इनकी संख्या 35 हो गई | महानगरों में देश की कुल नगरीय जनसंख्या का 65% भाग रहता है |

  • प्रश्न 4 : साक्षरता दर से क्या अभिप्राय है ?

उत्तर :  साक्षरता दर से अभिप्राय 15 वर्ष या इससे अधिक आयु के उन लोगों के प्रतिशत से हैं जो अपने दैनिक जीवन में अपनी समझ के अनुसार कथन को लिख और पढ़ सकने में समर्थ है | साक्षरता दर किसी देश की जनसंख्या का गुणात्मक पहलू है | वह देश के आर्थिक ,  सामाजिक  विकास का सूचक होता है |

  • प्रश्न 5 :  आयु संरचना का क्या महत्व है ?

उत्तर : आयु संरचना का एक देश के जनांकिकीय तत्व के रूप में बड़ा महत्व है | आयु संरचना के आधार पर यह ज्ञात किया जा सकता है कि विभिन्न आयु वर्गो में लोगों का कितना प्रतिशत है |

यदि जनसंख्या में  0 – 14  आयु वर्ग की जनसंख्या अधिक है तो आश्रित जनसंख्या का अनुपात अधिक होगा |  इसके कारण आर्थिक विकास धीमी होगा | 15 – 59  वर्ष के आयु वर्ग में अधिक जनसंख्या होने पर कार्यशील अथवा अर्जक जनसंख्या होने की अधिक संभावना होती है जो देश के संसाधनों के दोहन करने में सहायक होती है |  60 वर्ष के ऊपर के आयु संरचना में बढ़ती हुई जनसंख्या से वृद्धों की देखभाल पर अधिक व्यय होने का संकेत मिलता है |

उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि जनसंख्या के जनांकिकीय निर्धारक के रूप में आयु संरचना का अध्ययन बहुत महत्वपूर्ण है |

  •  प्रश्न 6 : ग्रामीण जनसंख्या तथा नगरीय जनसंख्या में अंतर स्पष्ट करें |

उत्तर :  ग्रामीण जनसंख्या तथा नगरीय जनसंख्या में निम्नलिखित अंतर है –

  1. देश की कुल जनसंख्या का वह भाग जो गांव में रहता है , ग्रामीण जनसंख्या कहलाता है जबकि देश की कुल जनसंख्या का वह भाग जो छोटे – बड़े नगरों में रहता है ,  नगरीय जनसंख्या कहलाता है |
  2.  भारत में लगभग 72% लोग गांवों में रहते हैं जबकि 28% लोग शहर में रहते हैं |
  3.  ग्रामीण जनसंख्या का जीवन स्तर निम्न होता है जबकि नगरीय जनसंख्या का जीवन स्तर उच्च होता है |
  4.  ग्रामीण जनसंख्या की वृद्धि दर निम्न होती है जबकि नगरीय जनसंख्या की वृद्धि दर उच्च होती है |
  5.  ग्रामीण जनसंख्या की जीविका का मुख्य आधार कृषि  होता है जबकि नगरीय जनसंख्या की जीविका का मुख्य आधार उद्योग -धंधे, व्यापार तथा सेवाएं हैं |

7. प्रश्न : लिंग अनुपात कैसे मापा जाता है ?

उत्तर : किसी देश की जनसंख्या में लिंग अनुपात पुरुष और महिलाओं की संख्या के बीच एक संतुलन का सूचक होता है | यह प्रति हजार पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या के रूप में मापा जाता है |

लिंग अनुपात निम्न सूत्र का प्रयोग करके मापा जाता है :

भारत में ,  स्त्रियों की संख्या / पुरुषों की संख्या x  1000

कुछ देशों में  इसे इस प्रकार नापा जाता है :  पुरुषों की जनसंख्या / स्त्रियों की जनसंख्या x 1000

 

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