भारत की नदियाँ -सूची,लंबाई,वर्ग,उद्गम स्थान,सहायक नदियाँ

भारत की नदियाँ -सूची,लंबाई,वर्ग,उद्गम स्थान,सहायक नदियाँ,प्रवाह क्षेत्र (सम्बन्धित राज्य) ,प्राचीन नाम,आधुनिक नाम

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भारत में नदियों को चार वर्गों में बांटा जा सकता है जैसे :-

हिमालय से निकलने वाली नदियाँ
दक्षिण से निकलने वाली नदियाँ
तटवर्ती नदियाँ
अंतर्देशीय नालों से द्रोणी क्षेत्र की नदियाँ

हिमालय से निकलने वाली नदियाँ

हिमालय से निकलने वाली नदियाँ बर्फ़ और ग्लेकशियरों के पिघलने से बनी हैं अत: इनमें पूरे वर्ष के दौरान निरन्तनर प्रवाह बनारहता है। मॉनसून माह के दौरान हिमालय क्षेत्र में बहुत अधिक वृष्टि होती है और नदियाँ बारिश पर निर्भर हैं अत: इसके आयतनमें उतार चढ़ाव होता है। इनमें से कई अस्था यी होती हैं। तटवर्ती नदियाँ, विशेषकर पश्चिमी तट पर, लंबाई में छोटी होती हैं औरउनका सीमित जलग्रहण क्षेत्र होता है। इनमें से अधिकांश अस्था्यी होती हैं। पश्चिमी राजस्थान के अंतर्देशीय नाला द्रोणी क्षेत्र कीकुछ्‍ नदियाँ हैं। इनमें से अधिकांश अस्था।यी प्रकृति की हैं। हिमाचल से निकलने वाली नदी की मुख्य् प्रणाली सिंधु, गंगा,ब्रह्मपुत्र और मेघना नदी की प्रणाली की तरह है।

सिंधु नदी

विश्व की महान, नदियों में एक है, तिब्बत में मानसरोवर के निकट से निकलती है और भारत से होकर बहती है और तत्पदश्चांत्पाकिस्तान से हो कर और अंतत: कराची के निकट अरब सागर में मिल जाती है। भारतीय क्षेत्र में बहने वाली इसकी सहायकनदियों में सतलुज (तिब्बनत से निकलती है), व्यातस, रावी, चिनाब, और झेलम है।

गंगा

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ganga



ब्रह्मपुत्र मेघना एक अन्यह महत्वेपूर्ण प्रणाली है जिसका उप द्रोणी क्षेत्र भागीरथी और अलकनंदा में हैं, जो देवप्रयाग में मिलकरगंगा बन जाती है। यह उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, बिहार और प.बंगाल से होकर बहती है। राजमहल की पहाडियों के नीचे भागीरथीनदी, जो पुराने समय में मुख्य नदी हुआ करती थी, निकलती है जबकि पद्भा पूरब की ओर बहती है और बांग्लादेश में प्रवेश करतीहै।

ब्रह्मपुत्र

रह्मपुत्र तिब्बत से निकलती है, जहाँ इसे सांगणो कहा जाता है और भारत में अरुणाचल प्रदेश तक प्रवेश करने तथा यह काफ़ीलंबी दूरी तय करती है, यहाँ इसे दिहांग कहा जाता है। पासी घाट के निकट देबांग और लोहित ब्रह्मपुत्र नदी से मिल जाती है औरयह संयुक्त नदी पूरे असम से होकर एक संकीर्ण घाटी में बहती है। यह घुबरी के अनुप्रवाह में बांग्लादेश में प्रवेश करती है।



सहायक नदियाँ

यमुना, रामगंगा, घाघरा, गंडक, कोसी, महानदी, और सोन; गंगा की महत्वrपूर्ण सहायक नदियाँ है। चंबल और बेतवामहत्वयपूर्ण उप सहायक नदियाँ हैं जो गंगा से मिलने से पहले यमुना में मिल जाती हैं। पद्मा और ब्रह्मपुत्र बांग्लादेश में मिलती हैऔर पद्मा अथवा गंगा के रुप में बहती रहती है। भारत में ब्रह्मपुत्र की प्रमुख सहायक नदियाँ सुबसिरी, जिया भरेली, घनसिरी,पुथिभारी, पागलादिया और मानस हैं। बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र तिस्तं आदि के प्रवाह में मिल जाती है और अंतत: गंगा में मिलजाती है। मेघना की मुख्यह नदी बराक नदी मणिपुर की पहाडियों में से निकलती है। इसकी महत्वमपूर्ण सहायक नदियाँ मक्कू ,ट्रांग, तुईवई, जिरी, सोनई, रुक्वी , कचरवल, घालरेवरी, लांगाचिनी, महुवा और जातिंगा हैं। बराक नदी बांग्लाुदेश में भैरव बाज़ारके निकट गंगा-‍ब्रह्मपुत्र के मिलने तक बहती रहती है।

दक्षिण क्षेत्र से निकलने वाली नदियाँ

दक्कन क्षेत्र में अधिकांश नदी प्रणालियाँ सामान्य त पूर्व दिशा में बहती हैं और बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं।
गोदावरी, कृष्णा , कावेरी, महानदी, आदि पूर्व की ओर बहने वाली प्रमुख नदियाँ हैं और नर्मदा, ताप्तीी पश्चिम की बहने वालीप्रमुख नदियाँ है। दक्षिणी प्रायद्वीप में गोदावरी दूसरी सबसे बड़ी नदी का द्रोणी क्षेत्र है जो भारत के क्षेत्र 10 प्रतिशत भाग है।इसके बाद कृष्णाा नदी के द्रोणी क्षेत्र का स्था्न है जबकि महानदी का तीसरा स्थाहन है। डेक्करन के ऊपरी भूभाग में नर्मदा काद्रोणी क्षेत्र है, यह अरब सागर की ओर बहती है, बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं दक्षिण में कावेरी के समान आकार की है और परन्तुैइसकी विशेषताएँ और बनावट अलग है।

तटवर्ती नदियाँ

भारत में कई प्रकार की तटवर्ती नदियाँ हैं जो अपेक्षाकृत छोटी हैं। ऐसी नदियों में काफ़ी कम नदियाँपूर्वी तट के डेल्टाँ के निकटसमुद्र में मिलती है, जबकि पश्चिम तट पर ऐसी 600 नदियाँ है।



राजस्थान में ऐसी कुछ नदियाँ है जो समुद्र में नहीं मिलती हैं। ये खारे झीलों में मिल जाती है और रेत में समाप्तऐ हो जाती हैंजिसकी समुद्र में कोई निकासी नहीं होती है। इसके अतिरिक्त कुछ मरुस्थमल की नदियाँ होती है जो कुछ दूरी तक बहती हैं औरमरुस्थहल में लुप्तत हो जाती है। ऐसी नदियों में लुनी और मच्छक, स्पेहन, सरस्वपती, बानस और घग्गषर जैसी अन्यद नदियाँहैं।

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भारत की प्रमुख नदियों की सूची:


क्रम नदी लम्बाई(कि.मी.) उद्गम स्थान सहायक नदियाँ प्रवाह क्षेत्र(सम्बन्धित राज्य)
1 सिन्धु नदी 2,880 (709) मानसरोवर झील के निकट(तिब्बत) सतलुज, व्यास,झेलम, चिनाब, रावी,शिंगार, गिलगित,श्योक जम्मू और कश्मीर, लेह
2 झेलम नदी 720 शेषनाग झील, जम्मूकश्मीर किशन, गंगा, पुँछ लिदार,करेवाल, सिंध जम्मूकश्मीर,कश्मीर
3 चिनाब नदी 1,180 बारालाचा दर्रे के निकट चन्द्रभागा जम्मूकश्मीर
4 रावी नदी 725 रोहतांग दर्रा,कांगड़ा साहो, सुइल पंजाब
5 सतलुज नदी 1440 (1050) मानसरोवर के निकट राकसताल व्यास, स्पिती, बस्पा हिमाचल प्रदेश,पंजाब
6 व्यास नदी 470 रोहतांग दर्रा तीर्थन, पार्वती, हुरला हिमाचल प्रदेश
7 गंगा नदी 2,510 (2071) गंगोत्री के निकट गोमुख से यमुना, रामगंगा,गोमती, बागमती,गंडक, कोसी,सोन,अलकनंदा, भागीरथी,पिण्डार, मंदाकिनी, उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, बिहार,पश्चिम बंगाल
8 यमुना नदी 1375 यमुनोत्री ग्लेशियर चम्बल, बेतवा, केन,टोंस, गिरी, काली,सिंध, आसन उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली
9 रामगंगा नदी 690 नैनीताल के निकट एक हिमनदी से खोन उत्तरांचल, उत्तर प्रदेश
10 घाघरा नदी 1,080 मप्सातुंग(नेपाल)हिमनद शारदा, करनली,कुवाना, राप्ती,चौकिया, उत्तर प्रदेश,बिहार
11 गंडक नदी 425 नेपाल तिब्बत सीमा पर मुस्ताग के निकट काली गंडक, त्रिशूल,गंगा बिहार
12 कोसी नदी 730 नेपाल में सप्तकोशिकी(गोंसाईधाम) इन्द्रावती, तामुर,अरुण, कोसी सिक्किम, बिहार
13 चम्बल नदी 960 मऊ के निकट जानापाव पहाड़ी से काली सिंध, सिप्ता,पार्वती, बनास मध्य प्रदेश
14 बेतवा नदी 480 भोपाल के पास उबेदुल्ला गंज के पास मध्य प्रदेश
15 सोन नदी 770 अमरकंटक की पहाड़ियों से रिहन्द, कुनहड़ मध्य प्रदेश, बिहार
16 दामोदर नदी 600 छोटा नागपुर पठार से दक्षिण पूर्व कोनार, जामुनिया,बराकर झारखण्ड, पश्चिम बंगाल
17 ब्रह्मपुत्र नदी 2,880 मानसरोवर झील के निकट(तिब्बत में सांग्पो) घनसिरी, कपिली,सुवनसिती, मानस,लोहित, नोवा, पद्मा,दिहांग अरुणाचल प्रदेश,असम
18 महानदी 890 सिहावा के निकट रायपुर सियोनाथ, हसदेव,उंग, ईब, ब्राह्मणी,वैतरणी मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़, उड़ीसा
19 वैतरणी नदी 333 क्योंझर पठार उड़ीसा
20 स्वर्ण रेखा 480 छोटा नागपुर पठार उड़ीसा, झारखण्ड,पश्चिम बंगाल
21 गोदावरी नदी 1,450 नासिक की पहाड़ियों से प्राणहिता, पेनगंगा,वर्धा, वेनगंगा,इन्द्रावती, मंजीरा,पुरना महाराष्ट्र, कर्नाटक,आन्ध्र प्रदेश
22 कृष्णा नदी 1,290 महाबलेश्वर के निकट कोयना, यरला, वर्णा,पंचगंगा, दूधगंगा,घाटप्रभा, मालप्रभा,भीमा, तुंगप्रभा, मूसी महाराष्ट्र, कर्नाटक,आन्ध्र प्रदेश
23 कावेरी नदी 760 केरकारा के निकट ब्रह्मगिरी हेमावती, लोकपावना,शिमला, भवानी,अमरावती, स्वर्णवती कर्नाटक,तमिलनाडु
24 नर्मदा नदी 1,312 अमरकंटक चोटी तवा, शेर, शक्कर,दूधी, बर्ना मध्य प्रदेश,गुजरात
25 ताप्ती नदी 724 मुल्ताई से(बेतूल) पूरणा, बेतूल, गंजल,गोमई मध्य प्रदेश,गुजरात
26 साबरमती 716 जयसमंद झील(उदयपुर) वाकल, हाथमती राजस्थान, गुजरात
27 लूनी नदी नाग पहाड़ सुकड़ी, जनाई, बांडी राजस्थान,गुजरात, मिरूडी,जोजरी
28 बनास नदी खमनौर पहाड़ियों से सोड्रा, मौसी, खारी कर्नाटक,तमिलनाडु
29 माही नदी मेहद झील से सोम, जोखम,अनास, सोरन मध्य प्रदेश,गुजरात
30 हुगली नदी नवद्वीप के निकट जलांगी
31 उत्तरी पेन्नार 570 नंदी दुर्ग पहाड़ी पाआधनी, चित्रावती,सागीलेरू
32 तुंगभद्रा नदी पश्चिमी घाट में गोमन्तक चोटी कुमुदवती, वर्धा,हगरी, हिंद, तुंगा,भद्रा
33 मयूसा नदी आसोनोरा के निकट मेदेई
34 साबरी नदी 418 सुईकरम पहाड़ी सिलेरु
35 इन्द्रावती नदी 531 कालाहाण्डी,उड़ीसा नारंगी, कोटरी
36 क्षिप्रा नदी काकरी बरडी पहाड़ी, इंदौर चम्बल नदी
37 शारदा नदी 602 मिलाम हिमनद,हिमालय,कुमायूँ घाघरा नदी
38 तवा नदी महादेव पर्वत,पंचमढ़ी नर्मदा नदी
39 हसदो नदी सरगुजा मेंकैमूर पहाड़ियाँ महानदी
40 काली सिंध नदी 416 बागलो,ज़िला देवास,विंध्याचल पर्वत यमुना नदी
41 सिन्ध नदी सिरोज, गुना ज़िला चम्बल नदी
42 केन नदी विंध्याचल श्रेणी यमुना नदी
43 पार्वती नदी विंध्याचल,मध्य प्रदेश चम्बल नदी
44 घग्घर नदी कालका,हिमाचल प्रदेश
45 बाण गंगा नदी
494
बैराठ पहाड़ियाँ,जयपुर यमुना नदी
46 सोम नदी बीछा मेंड़ा,उदयपुर जोखम, गोमती,सारनी
47 आयड़ या बेडच नदी
190
गोमुण्डा पहाड़ी,उदयपुर बनास नदी
48 दक्षिण पिनाकिन 400 चेन्ना केशव पहाड़ी,कर्नाटक
49
दक्षिणी टोंस
265 तमसा कुंड,कैमूर पहाड़ी
50 दामन गंगा नदी पश्चिम घाट
51 गिरना नदी पश्चिम घाट,नासिक




ऋग्वैदिककाली नदियाँ
नदियों के प्राचीन नाम एवं आधुनिक नाम

प्राचीन नाम

आधुनिक नाम
कुभु
कुर्रम
कुभा
काबुल
वितस्ता
झेलम
आस्किनी
चिनाव
पुरुष्णी
रावी
शतुद्रि
सतलज
विपाशा
व्यास
सदानीरा
गंडक
दृषद्वती
घग्घर
गोमती
गोमल
सुवास्तु
स्वात
सिंधु
सिन्ध
सरस्वती/दृशद्वर्ती
घघ्घर/रक्षी/चित्तग
सुषोमा
सोहन
मरुद्वृधा
मरुवर्मन





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ब्रह्मपुत्र नदी प्रणाली

ब्रह्मपुत्र दुनिया में सबसे बड़ी नदी घाटियों में से एक है जो मानसरोवर झील के पास कैलाश पर्वत श्रेणी के चमयुंगडुंग ग्लेशियर से शुरू होती है यहाँ से यह दक्षिणी तिब्बत के सूखे और सपाट क्षेत्र में लम्बाई में लगभग 1,200 किलोमीटर की दूरी के लिए पूर्व की ओर बहती है जहां इसे संग्पो ( जिसका अर्थ है ‘शोधक’ )के रूप में जानी जाती है । तिब्बत में नदी राँगो संग्पो इसकी  दाहिनी किनारे की प्रमुख सहायक नदी है। यह नमचा बरवा (7755 मीटर) के पास मध्य हिमालय में एक गहरी खाई बनाने के बाद एक उपद्रवी और गतिशील नदी के रूप में उभर कर आती हैं।

यह नदी सियांग या डिहनग के नाम से तलहटी से उभर कर आती हैं। यह भारत में दक्षिण-पश्चिम की ओर बहती हुई अरुणाचल प्रदेश के सादिया शहर के पश्चिम से प्रवेश करती है। इसके मुख्य बाएं किनारे की सहायक नदियों दिबांग या सिकंग और लोहित है, इसके बाद यह ब्रह्मपुत्र के रूप में जानी जाती है।



यह असम घाटी के माध्यम से अपने 750 किलोमीटर की लंबी यात्रा में कई सहायक नदियों को प्राप्त करती है। इसकी बाएं किनारे की प्रमुख सहायक नदियों है – बरही दिहिंग, धनसारी (दक्षिण) और कलंग जबकि दाहिने किनारे की महत्वपूर्ण सहायक नदिया है – सुबनसिरी, कामेंग, मानस और संकोश सुबनसिरी जिसका मूल तिब्बत में है एक पूर्वगामी नदी है।

ब्रह्मपुत्र धुबरी के पास बांग्लादेश में प्रवेश करती है और दक्षिण की ओर बहती है। बांग्लादेश में तिस्ता इसको दाहिने किनारे पर मिल जाती है जहां ये यमुना नदी के रूप में जानी जाती है। यह अंत में पदमा नदी के साथ विलीन हो जाती है जो बंगाल की खाड़ी में गिरती है । ब्रह्मपुत्र बाढ़, चैनल शिफ़्टिंग और किनारे के कटाव के लिए अच्छी तरह से जानी जाती है। यह सच है कि इसकी सहायक नदिया बडी हैं और इसके द्वारा जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा का कारण इन नदियों का बड़ी मात्रा में अपने साथ अवसादों को लाना है।



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