प्रश्न अभ्यास
1. कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहते हैं ?
उत्तर
कवि आत्मकथा लिखने से इसलिए बचना चाहते हैं क्योंकि उनका जीवन दुखदायी घटनाओं से भरा पड़ा है। अपनी सरलता के कारण उन्होंने कई बार धोखा भी खाया है। वे मज़ाक का कारण नहीं बनाना चाहते| उन्हें लगता है की उनकी आत्मकथा में कुछ रोचक और प्रेरक नहीं है|
2. आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में ‘अभी समय भी नहीं’ कवि ऐसा क्यों कहता है ?
उत्तर
कवि के अनुसार उन्हें कोई बड़ी उपलब्धि प्राप्त नहीं है| उनका जीवन संघर्षों से भरा पड़ा है| वह अपने अभावग्रस्त जीवन के दुःखों को खुद तक सिमित रखना चाहते हैं| इसलिए कवि कहते हैं उनके आत्मकथा लिखने का अभी समय नहीं हुआ है|
3. स्मृति को ‘पाथेय’ बनाने से कवि का क्या आशय है?
उत्तर
स्मृति को ‘पाथेय’ बनाने से कवि का आशय जीवनमार्ग के प्रेरणा से है। कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था, वह उसे कभी प्राप्त नहीं हुआ। इसलिए कवि स्वयं को जीवन-यात्रा से थका हुआ मानता है। जिस प्रकार ‘पाथेय’ यात्रा में यात्री को सहारा देता है, आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है ठीक उसी प्रकार स्वप्न में उसके द्वारा देखे हुए सुख की स्मृति भी कवि को जीवन-मार्ग में आगे बढ़ने का सहारा देती हैं।
4. भाव स्पष्ट कीजिए –
(क) मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया।
आलिंगन में आते-आते मुसक्या कर जो भाग गया।
उत्तर
कवि कहना चाहता है कि जिस प्रेम के कवि सपने देख रहे थे वो उन्हें कभी प्राप्त नहीं हुआ। उनका जीवन हमेशा उस सुख से वंचित ही रहा। सुख उसके बेहद करीब आते-आते उससे दूर चला गया|
(ख) जिसके अरुण कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।
अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।
उत्तर
इन पंक्तियों में कवि ने अपनी प्रेयसी के सौंदर्य का वर्णन किया है| वे कहते हैं कि उनके प्रेयसी के गालों की लालिमा इतनी अधिक है की उषा की लालिमा भी उसके सामने फीकी हैं|
5. ‘उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ, मधुर चाँदनी रातों की’ – कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?
उत्तर
अपने प्रेयसी के साथ बिताये निजी प्रेम के मधुर और सुख भरे क्षणों को कवि किसी के सामने प्रकट करना नहीं चाहते| चाँदनी रातों में बिताए गए वे सुखदायक क्षण किसी उज्ज्वल गाथा की तरह हैं| इन स्मृतियों को वह औरों को बताकर अपना मज़ाक नहीं उड़ाना चाहते हैं| उन स्मृतियों को वह निजी सम्पत्ति की तरह अपने तक रखना चाहते हैं|
6. ‘आत्मकथ्य’ कविता की काव्यभाषा की विशेषताएँ उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर
‘जयशंकर प्रसाद’ द्वारा रचित कविता ‘आत्मकथ्य’ की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
• कवि ने खड़ी बोली में कोमल शब्दों का प्रयोग किया है|
जिसके अरुण-कपोलों की मतवाली सुन्दर छाया में|
• मानवीकरण शैली जो छायावाद की प्रमुख विशेषता है, का प्रयोग किया गया है|
अरी सरलते तेरी हंसी उड़ाउँ मैं|
• तत्सम शब्दों का प्रयोग प्रमुखता से किया गया है|
इस गंभीर अनंत-नीलिमा में अंसख्य जीवन-इतिहास
• गीत में गेय और छंदबद्ध है|
उसकी स्मृति पाथेय बनी है थके पथिक की पंथा की|
7. कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था उसे कविता में किस रूप में अभिव्यक्त किया है ?
उत्तर
कवि के सुखद स्वप्न में उन्हें अपने प्रेयसी के साथ कुछ क्षण बिताने का मौका मिला| आलिंगन में लेने से पूर्व उनकी प्रेयसी उनसे दूर चली गयी| चाँदनी रात में प्रेयसी के साथ हुई बातें सदा के लिए दुःख में तब्दील हो गयीं|
8. इस कविता के माध्यम से प्रसाद जी के व्यक्त्तित्व की जो झलक मिलती है, उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर
जयशंकर प्रसाद जी छायावादी काव्य के परवर्तक हैं| उनका जीवन सादगी भरा रहा| उन्होंने अभावग्रस्त जीवन जीया| वे विनम्र स्वभाव के थे| दिखावे नाम की कोई चीज़ उनके जीवन में नहीं रही| उन्होंने धोखे खाये परन्तु अपनी सरलता और भोलापन नहीं छोड़ा| अपनी कमज़ोरियों को वो सबके सामने लाने में वे हिचकते थे चूँकि उन्हें पता था कि ऐसा कर वे उपहास का पात्र बन जाएँगें| वे अपने दुःखों को खुद तक सीमित रखना चाहते थे|