विजयगढ़ क़िला, सोनभद्र | |
विवरण | ‘विजयगढ़ क़िला’ उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक स्थानों में से एक है। इसका आधा क्षेत्र कैमूर की खड़ी चट्टानी पहाड़ियों से घिरा हुआ है। |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
ज़िला | सोनभद्र |
निर्माण | कोल राजाओं द्वारा |
निर्माण काल | पाँचवीं सदी |
संबंधित लेख | दुर्ग, भारत के दुर्ग |
अन्य जानकारी | क़िले की अनूठी विशेषता इसमें बने गुफ़ा चित्र, मूर्तियां, चट्टानों पर लिखे शिलालेख और चार बारहमासी तालाब आदि हैं। |
विजयगढ़ क़िला उत्तर प्रदेश के सोनभद्र ज़िले में स्थित है। यह 400 फीट ऊंचा है, जिसे पांचवीं सदी में बनाया गया था। कोलराजाओं ने इसका निर्माण करवाया था। यह क़िला मऊ कलां ग्राम में रॉबर्ट्सगंज-चर्च मार्ग पर रॉबर्ट्सगंज से लगभग 30 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
- इस क़िले का आधा क्षेत्र कैमूर की खड़ी चट्टानी पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
- क़िले की अनूठी विशेषता इसमें बने गुफ़ा चित्र, मूर्तियां, चट्टानों पर लिखे शिलालेख और चार बारहमासी तालाब हैं।
- विजयगढ़ क़िले के मुख्य द्वार पर एक मुस्लिम संत की क़ब्र बनी हुई है। इन संत का नाम सैय्यद जैन-उल-अबदीन मीर साहिब था, जो हज़रत मीरान साहिब बाबा के नाम से विख्यात हैं।
- बाबा को समर्पित एक मेले या उर्स का आयोजन प्रत्येक वर्ष अप्रैल में किया जाता है। इस मेले में सभी धर्म के श्रद्धालु, निष्पक्ष भाव से दर्शन करने आते है।
- इस क़िले के पास दो लैंडमार्क स्थित हैं, जिन्हें ‘मीरा सागर’ और ‘राम सागर’ के नाम से जाना जाता है। इन दोनों के मध्य ‘रंग महल पैलेस’ है, जो खूबसूरत चट्टानी नक़्क़ाशियों के लिए जाना जाता है।
- काँवरिया या भगवान शिव के भक्त अपने घरों से पैदल जाते हैं और राम सागर से पानी लेकर शिवलिंग के ऊपर रखते है।
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