तत्वों के निष्कर्षण के सिद्धांत एवं प्रक्रम
अयस्क के सांद्रण की विधियां, इनका शोधन, निस्तापन तथा भर्जन और विभिन्न तत्वों के निष्कर्षण एवं उनके उपयोग
तत्वों के निष्कर्षण के सिद्धांत एवं प्रक्रम
- आयोडीन समुद्री खरपतवार में, वैनेडियम समुद्री वनस्पतियों में पाया जाता है।
- भूपर्पटी में ऑक्सीजन की मात्रा सर्वाधिक लगभग 49.5% पायी जाती है।
- हेमेटाइट मैग्नेटाइट तथा सिडेराइट यह सभी आयरन के अयस्क हैं।
- बॉक्साइट, एलुमिनियम का अयस्क है।
- झाग प्लवन विधि द्वारा सल्फाइड अयस्क का सांद्रण किया जाता है।
- काॅपर का मैलेकाइट CuCO3•Cu(OH)2 कार्बोनेट अयस्क है।
- धातुओं का निष्कर्षण निस्तापन, भर्जन, प्रगलन, सिंटरन आदि विधियों द्वारा किया जाता है।
- प्रगलन की क्रिया सामान्यतः वात्या भट्टी में कराई जाती है।
गालक
वे पदार्थ जो अयस्क में उपस्थित अलगनीय अशुद्धियों से संयोग करके गलनीय धातुमल बनाते हैं। उन्हें गालक (flux in Hindi) कहते हैं।
गालक दो प्रकार के होते हैं।
(1) अम्लीय गालक
(2) क्षारीय गालक
1. अम्लीय गालक
जब किसी अयस्क में अशुद्धियां क्षारीय प्रकृति की होती हैं तो इन अशुद्धियों को दूर करने के लिए प्रयुक्त गालक को अम्लीय गालक (acidic flux in Hindi) कहते हैं।
2. क्षारीय गालक
जब किसी अयस्क में अशुद्धियां अम्लीय प्रकृति की होती हैं तो इन अशुद्धियों को दूर करने के लिए प्रयुक्त गालक को क्षारीय गालक (basic flux in Hindi) कहते हैं।