सेन्ट जॉर्ज क़िला चेन्नई
सेन्ट जॉर्ज क़िला एक ऐतिहासिक इमारत है और यह मुग़लों से अलग शैली की है। सेन्ट जॉर्ज क़िले में ग्रे पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। यह क़िला ब्रिटिश फ़ौजों की बैरक थी। क़िले का सेन्ट मैरी चर्च मद्रास का सबसे प्राचीन चर्च है।
- सेंट जॉर्ज फ़ोर्ट ध्यातव्य है कि ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया का दक्षिण भारत का मूल व्यापार केन्द्र 1611 ई. में मसुलीपट्टनम (मछलीपट्टनम) में स्थापित किया गया था। कालांतर में यह केन्द्र मद्रास ले जाया गया और वहाँ यह किला निर्मित किया गया, जिसे सम्प्रति में तमिलनाडु राज्य द्वारा संरक्षित किया हुआ है।
- सेंट जॉर्ज फ़ोर्ट 1639 ई. में ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के कर्मचारी फ्रांसिस डे ने विजयनगर के राजा से कुछ भूमि लेकर मद्रास (चैन्नई) की स्थापना की थी। यहीं पर ब्रिटेन के संरक्षक संत की स्मृति में यह क़िला बनाया गया था।
- 1641 ई. में यह स्थल दक्षिण भारत में कम्पनी का मुख्यालय बन गया। भारत में यह कम्पनी का पहला किलेबंद उपनिवेश था।
- 1746 ई. में इसे समय के लिए फ़्रांसीसियों ने हथिया लिया था और 1748 ई. में वापस क़ब्ज़ा होने पर इसका वृहत् स्तर पर पुनर्निर्माण किया गया। इसीलिए 1758 -59 ई. में फ़्रांसीसी सेना के हमले से अंग्रेज़ इसकी सफलतापूर्वक सुरक्षा कर पाए।
- हैदरअली ने दो बार (1769 एवं 1780 ई.) इस किले पर हमला किया।
- कालांतर ,में यह स्थल दक्षिण भारत में ब्रिटिश प्रशासन का केन्द्र बनाया गया।
अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमे फेसबुक (Facebook) पर ज्वाइन करे Click Now