ग्रंथियां (Glands) किसी जीव के उस अंग को कहते हैं जो हार्मोन, दूध आदि का संश्लेषण करती हैं। इस लेख में मानव शरीर की ग्रंथियों से सम्बंधित जानकारी दी गई है। जीवों के शरीर में विशेषतया दो प्रकार की हैं। एक वे जिनमें स्त्राव बनकर वाहिनी द्वारा बाहर आ जाता […]
Biology notes
ऊतक इस लेख में मानव शरीर से संबंधित उल्लेख है। समान गुणों वाली, एक ही आकार की तथा एक ही कार्य करने वाली कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं। जैसा कि ज्ञात है कि मानव एक बहुकोशीय प्राणी है, जिसमें कोशिकाओं रचना तथा कार्य में एक-दूसरे से भिन्न होता […]
पाचन और श्वसन {Digestion and Respiration} पाचनतंत्र :- पाचन तंत्र असल में एक लम्बी लचीली नली होती है जो कि मुँह से मलद्वारा तक जाती है। इसमें गला, ग्रासनली, आमाशय, छोटी और बड़ी आँतें और गुदा शामिल होते हैं। लार ग्रंथियॉं, अग्न्याशय, लीवर और पित्ताशय पाचन द्रव स्रावित करती हैं। […]
मेरुरज्जु मेरुरज्जु Spinal cord :- मेरुरज्जु अधिकांश जीव जंतुओं के शरीर का आवश्यक अंग हैं। इस लेख में मानव शरीर से संबंधित उल्लेख है। मस्तिष्क का पिछला भाग लम्बा होकर खोपड़ी के पश्च छोर पर उपस्थित महारन्ध से निकलकर रीढ़ की हड्डी तक फैला रहता है। इसे मेरुरज्जु या सुषुम्ना […]
मस्तिष्क संरचना व कार्य परिचय:- मानव मस्तिष्क अनके जटिल संरचनाओं से युक्त महत्वपूर्ण अंग है| जन्म के समय ही अन्य अंगों की तूलना में अधिक परिपक्व हो चुका होता है| मस्तिष्क के विकास संबंधी जानकारियों में दो बिंदूओं को प्रमुखता दी गयी है| प्रथम, अतिसूक्ष्म मस्तिष्क कोशिकाएं, द्वितीय, प्रमस्तिष्क कार्टेक्स […]
मानव दाँत हिंदी में दांत :- मुंह (या जबड़ों) में स्थित छोटे, सफेद रंग की संरचनाएं हैं जो बहुत से कशेरुक प्राणियों में पाया जाती है। दांत, भोजन को चीरने, चबाने आदि के काम आते हैं। कुछ पशु (विशेषत: मांसभक्षी) शिकार करने एवं रक्षा करने के लिये भी दांतों का […]
अंडा अंडा उस गोलाभ वस्तु को कहते हैं जिसमें से पक्षी, जलचर और सरीसृप आदि अनेक जीवों के बच्चे फूटकर निकलते हैं। पक्षियों के अंडों में, मादा के शरीर से निकलने के तुरंत बाद, भीतर केंद्र पर एक पीला और बहुत गाढ़ा पदार्थ होता है जो गोलाकार होता है। इसे […]
ऊष्मागतिकी ऊष्मागतिकी तन्त्र या निकाय (System):– ब्रहमाण्ड का वः भाग जो ऊष्मागतिकी अध्ययन के लिये चुना जाता है , तन्त्र कहलाता है | ( उष्मा + गतिकी = उष्मा की गति संबंधी या ऊष्मा और गति ) पारिपार्श्विक या परिवेश (Surroundings):- चुने गए निकाय के अलावा ब्रह्माण्ड का शेष भाग पारिपार्श्विक कहलाता है […]
मानव शरीर- पाचन तंत्र आहारनाल में भोजन के जटिल एवं अघुलनशील अवयव (कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं वसा) एन्जाइम्स के द्वारा घुलनशील एवं सरल अवयवों (ग्लूकोज़, अमीनों, अम्ल, वसीय अम्ल) में परिवर्तित हो जाते हैं। इस प्रक्रिया को भोजन का पाचन कहते हैं। इसमें यान्त्रिक एवं रासायनिक दोनों ही प्रकार की क्रियाएँ होती हैं। […]
मानव शरीर उत्सर्जन तंत्र शरीर द्वारा अपशिष्ट तथा अवांछित पदार्थों का त्याग उत्सर्जन (Excretion) कहलाता है। भोजन से हमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा आदि पदार्थ प्राप्त होते हैं। ये पदार्थ पचने के बाद पाचन नलिका से रक्त कोशिकाओं द्वारा शरीर की विभिन्न ऊतक कोशिकाओं में पहुंचते हैं। कोशिकाओं के अंदर ऊर्जा […]
मानव शरीर- जनन तंत्र एवं भ्रूण विज्ञान जनन वर्तमान जीवों (जनकों) से उसी जाति की नई व्यष्टियों के उत्पन्न होने की प्रक्रिया है। जनन के प्रकार सजीव में जनन, मुख्यत: दो विधियों से होता है: अलैंगिक जनन (Asexual reproduction) लैंगिक जनन (Sexual reproduction) अलैंगिक जनन में संतति एक ही जनक […]
रोग एवं चिकित्सा सामान्य परिचय वर्तमान समय में भारत जिस प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहा है, वह अत्यन्त ही कठिन एवं चुनौतीपूर्ण है। आज भी हम कई महामारी फ़ैलाने वाले रोगों, एड्स, कैंसर, हेपेटाइटिस जैसी खतरनाक बीमारियों से निजात पाने के लिए संघर्षरत् हैं। इस संदर्भ में […]
पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी की समस्या विश्व समुदाय के समक्ष एक चुनौती बनकर उभरी है । विश्व के सभी देश इस चुनौती से निपटने के लिए प्रयास कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी इसके लिए अनेक कदम उठाए हैं । इस समस्या से निपटने के लिए […]
विटामिन C Vitamin C शरीर के लिए एक बहुउपयोगी पोषक तत्व हैं। हमारे उम्र के अनुसार हमें रोजाना कितने मात्रा में Vitamin C की आवश्यकता होती है इसकी जानकारी निचे दी गयी हैं :- आपकी/बच्चे की उम्र विटामिन सी की मात्रा 0 – 6 महीने तक 40 mg 7 महीने […]
विटामिन बी विटामिन बी – 1 रासायनिक नाम:- थाइमिन (Thaimine) यह वाटर-सॉल्युबल विटामिन है। स्रोत:– सूरजमुखी के बीज, अनाज, आलू, संतरे और अंडे। फायदे:- मस्तिष्क को विकसित रखने के लिए बहुत ही उपयोगी है। इसकी कमी से हमे बेरीबेरी रोग हो सकता है | विटामिन बी – 2 रासायनिक नाम:- […]
विटामिन के रासायनिक नाम विटामिन के रासायनिक नाम:- विटामिन A – रेटिनॉल विटामिन B1 – थायमिन विटामिन B2 – राइबोफ्लेविन विटामिन B3 – निकोटिनैमाइड या नियासिन विटामिन B5 – पैंटोथेनिक अम्ल विटामिन B6 – पाईरीडाक्सिन विटामिन B7 – बायोटिन विटामिन B11 – फॉलिक अम्ल विटामिन B12 – साए नोकाबाला मिन […]
विटामिन A विटामिन ए क्या है:- विटामिन ए का आविष्कार 1931 में हुआ था. आसानी से जल, तेल और वसा में घुलने वाला विटामिन ए मुख्य रूप से रेटिनॉइड और कैरोटिनॉइड के रूप में पाया जाता है. ज़्यादातर विटामिन ए गहरे रंग वाली सब्जियों और फलों में पाया जाता है […]
विटामिन्स क्या होते है विटामिनस ऐसे कार्बनिक यौगिक है जो की चाहे कम मात्रा में ही सही परन्तु हमारे शरीर के उचित कामकाज के लिए बहुत ही आवश्यक है। यह हमे भोजन से मिलते है। हमारा शरीर खुद से विटामिन्स नहीं बनता या बहुत ही कम मात्रा में बनता है […]
पौधों में जल का परिवहन कैसे होता है जंतुओं की तरह पेड़ तथा पौधों को जीवित रहने के लिए विभिन्न प्रकार के पोषक तत्वों की आवश्यक्ता होती है. इन पोषक तत्वों का पेड़ तथा पौधों के सभी भागों में पहुँचना अनिवार्य होता है चाहे जड़ें (roots) हो, टहनियां, पत्तियां आदि. […]
लाल रक्त कोशिका लाल रक्त कोशिका (Red Blood Cells or RBCs):- मानव शरीर में रक्त की सबसे प्रमुख कोशिका है। यह कोशिकाएँ रीढ़धारी प्राणियों के श्वसन अंगों से ऑक्सीजन लेकर उसे शरीर के विभिन्न अंगों की कोशिकाओं तक पहुंचाने का कार्य करती हैं। इन कोशिकाओं में केन्द्रक अनुपस्थित होता है। […]
जीवधारियों का वर्गीकरण जीवधारियों का वर्गीकरण:- जीवधारियों के वर्गीकरण को वैज्ञानिक आधार जॉन रे (John Ray) नामक वैज्ञानिक ने प्रदान किया, लेकिन जीवधारियों के आधुनिक वर्गीकरण में सबसे प्रमुख योगदान स्वीडिश वैज्ञानिक कैरोलस लीनियस (1708-1778 ई०) का है। लीनियस ने अपनी पुस्तकों जेनेरा प्लाण्टेरम (Genera Plantarum), सिस्टमा नेचुरी (Systema Naturae), […]
अनुलेखन की क्रियाविधी अतः DNA को टेम्पलेट (Templet) के रूप में उपयोग करके आरएनए का निर्माण किया जाता है, इस प्रक्रिया को अनुलेखन (Transcription) कहते हैं। DNA से आनुवंशिक सुचनाओ का RNA में स्थानान्तरण अनुलेखन (Transcription) कहलाता है। आइए अनुलेखन (Transcription) के बारे में ओर अधिक जानकारी प्राप्त करते हैं। […]
DNA प्रतिकृति DNA प्रतिकृति:- डीएनए के द्वारा अपने समान नया डीएनए बनाने की प्रक्रिया को डीएनए प्रतिकृति कहते है। DNA की प्रतिकृति चरणों में पूरी होती है – भौतिक संरचना डीएनए अणु त्रिविमीय होता है और दो तंतुओं से बना होता है जो कि एक-दूसरे के चारों ओर कुंडलित होते […]
आरएनए की संरचना, प्रकार तथा उनके कार्य RNA का पूरा नाम राईबोज न्यूक्लिक अम्ल होता (Ribose Nucleic Acid ) है। यह एकल पॉलीराईबोन्यूक्लियोटाइड श्रृंखला (Single Polyribonucleotide Chain) का बना होता है। इसमें राईबोन्यूक्लियोसाइड (Ribonucleoside) तथा राईबोन्यूक्लियोटाइड (Ribonucleotide) होते है। राईबोन्यूक्लियोटाइड के प्रकार आरएनए एकल पॉलीराईबोन्यूक्लियोटाइड श्रृंखला का बना होता है। […]