दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना
दया कर दान भक्ति का हमें परमात्मा देना,
दया करना हमारी आत्मा में शुद्धता देना।
हमारे ध्यान में आओ, प्रभु आँखों में बस जाओ।
अँधेरे दिल में आकर के, परम ज्योति जगा देना।
दया कर……………………………………………….।
हमारा कर्म हो सेवा, हमारा धर्म हो सेवा।
सदा ईमान हो सेवा, व सेवक चर बना देना।
दया कर………………………………………………।
बहादो प्रेम की गंगा दिलो में प्रेम का सागर।
हमंे आपस में मिलजुल के प्रभो रहना सिखा देना।
वतन के वास्ते जीना वतन के वास्ते मरना
वतन पर जाँ फिदा करना, प्रभो हमको सिख देना।
दया कर……………………………………………..।