जन्तर मन्तर जयपुर | |
विवरण | जन्तर मन्तर राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में स्थित है। |
राज्य | राजस्थान |
ज़िला | जयपुर |
निर्माता | सवाई जयसिंह |
निर्माण काल | 1718 ई.-1724 ई. |
स्थापना | 1718 ई. |
भौगोलिक स्थिति | उत्तर -26° 55′ 28.99″, पूर्व -75° 49′ 27.98″ |
कैसे पहुँचें | हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है। |
जयपुर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | |
जयपुर रेलवे स्टेशन, बैस गोदाम रेलवे स्टेशन | |
सिन्धी कैंप बस अड्डा | |
स्थानीय बस, ऑटो रिक्शा, साईकिल रिक्शा | |
क्या देखें | आर्ट गैलरी, छवि निवास, मुकुट महल, श्री गोविन्द देव मंदिर। |
कहाँ ठहरें | होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह |
एस.टी.डी. कोड | 0141 |
ए.टी.एम | लगभग सभी |
गूगल मानचित्र | |
संबंधित लेख | सिटी पैलेस, हवा महल, अल्बर्ट हॉल संग्रहालय, जल महल, ईसरलाट, आमेर का क़िला |
अन्य जानकारी | जयपुर की वेधशाला सबसे विशाल एवं विश्व विख्यात हैं। यहाँ स्थित सम्राट यंत्र विश्व की सबसे बडी सौर घड़ी मानी जाती हैं। |
अद्यतन | 16:44, 9 नवम्बर 2016 (IST) |
जन्तर मन्तर राजस्थान राज्य के जयपुर शहर में स्थित है।
- महाराजा सवाई जयसिंह ने सन 1718 में इस वैधशाला की आधार शिला रखी।
- इस ज्योतिष यंत्रालय में समय की जानकारी, सूर्योदय, सूर्योस्त एवं नक्षत्रों की जानकारी प्राप्त करने के उपकरण अवस्थित हैं।
- वैधशाला में स्थापित यंत्रों में वृहत सम्राट यंत्र, जय प्रकाश यंत्र, राम यंत्र, कपाली यंत्र, नाडी वलय यंत्र, घोटा यंत्र आदि मुख्य है।
- देश में सबसे पहली वेधशाला दिल्ली में 1724 में बनवाई गई और उसके दस वर्ष बाद जयपुर में वेधशाला बनाई गई थी|
- जयपुर के बाद उज्जैन, बनारस और मथुरा में वेधशालाएं बनवायी गई।
- जयपुर की वेधशाला सबसे विशाल एवं विश्व विख्यात हैं।
- यहाँ स्थित सम्राट यंत्र विश्व की सबसे बडी सौर घड़ी मानी जाती हैं।
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