मोतीलाल तेजावत- एकी नामक आंदोलन के की शुरुवात की .. इनको आदिवासियों का मसीहा कहा जाता है.
स्वामी कुमारानंद- काकोरी षड़यंत्र केस में बटुकेश्वर को पुलिस से बचने के लिए आश्रय देने वाले .. किसानों को राष्ट्रीय योगदान ले लिए संगठित करने वाले’
बलवंत सिंह मेहता – सावधान निर्माती सभा के सदस्य , भरता समाज के अद्ध्यक्ष , वनवासी छात्रा वास के संस्थापक |
लादूराम जोशी– नमक सत्याग्रह और सन 1942 की अगस्त क्रान्ति में भाग लेने वाले ,राजस्थान सेवा संघ के आजीवन सदस्य ,महात्मा गांधी के अनुयायी |
देवी शंकर तिवाड़ी- राजस्थान विश्वविघालय,सवाई राजा मानसिंह मेडिकल कॉलेज ,महारानी कॉलेज तथा लाल बहादुर शास्त्री महाविघालय की स्थापना में योगदान ,जयपुर नगर विकास न्यास के अध्यक्ष , राजस्थान लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष |
जुगल किशोर चतुर्वेदी- भारत छोड़ो आंदोलन में सक्रिय भाग , भरतपुर में जबरन बेगार के विरोध में चलाए गये आंदोलन के संचालक , मतस्य संघ की स्थापना पर उपप्रधानमंत्री बने, वृहद् राजस्थान बनने पर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और जयनारायण व्यास मंत्रिमंडल में मंत्री बने |
गणेश लाल व्यास ‘उस्ताद’- पीड़ियों , शोषित किसानों और मजदूरों के हितों के पोषक, ‘गरीबों की आवाज़’, बेकसों की आवाज़ तथा ‘इकबाल –ए- तराने नामक गीत पुस्तकाओ के लेखक |
बालमुकुन्द बिस्सा- स्वदेशी का प्रचार ,जेल में भूख हड़ताल के कारण मृत्यु |
मोहन लाल सुखाड़िया- अकिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ,मेवाड़ के प्रथम मंत्रीमंडल में मंत्री ,आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के राज्यपाल |
हरिदेव जोशी- मुख्यमंत्री, शिक्षा का प्रचार, नशाबंदी एवं दलितोत्थान के लिए समर्पित, ;दैनिक नवयुग’ तथा ‘कांग्रेस सन्देश के सम्मादक |
सूरज प्रकाश पापा– वैज्ञानिक बालक नामक समाचार पत्र के प्रकाशक |
ठा. केसरी सिंह बारहठ- ‘वीरसभा’ के संस्थापक, 1912 में महाराणा मेवाड़ को दिल्ली जाते समय ‘चेतावनी रा चूंगटिया’ में डिंगल भाषा के 13 सोरठे भेंट कर उन्हें अतीत की याद दिलाकर नीति परिवर्तन के लिए कहा |
अर्जुन लाल सेठी– भारतीय प्राशासनिक सेवा के जिलाघिश पद को अस्वीकार करने वाले, जयपुर में व वर्द्धमान जैन विघालय के संस्थापक ,देश के राजनीतिक इतिहास के प्रथम अनशनकर्ता, हिन्दू और मुस्लिमो में एकता स्थापित करने के भरसक प्रयास करने वाले उनकी मृत्यु के पश्चात लोगों ने उनकी अंतिम इच्छानुसार उन्हें अजमेर में ख्वाजा की दरगाह में दफना दिया |
रामनारायण चौधरी- हरिजन सेवक संघ की राजस्थान शाखा के संचालक ,’तरुण राजस्थान’ के सम्पादक ’नया राजस्थान‘ तथा ‘दैनिक नवज्योति’ नामक पत्र के प्रकाशक |
दामोदर रास राठी- प्रमुख उधोगपति |
हरिलाल शास्त्री- ‘जीवन कुटीर’ नामक संस्था के संस्थापक ‘वनस्थली विघापीठ महिला शिक्षण संसथान’ के संस्थापक |
प्रतापसिंह बारहठ- बनारस षड्यंत्र केस में पांच साल का कठोर कारावास, बरेली जेल यातनाए सहन करने वाले |
गोकुल भाई भट्ट- राजपुताना प्रान्तीय देशीय राज्य प्रजा परिषद् के अध्यक्ष मघनिषेध के लिए अथक प्रयास करने वाले ,जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित |
माणिक्य लाल वर्मा- शोषण एवं उत्पीडन से किसानों को मुक्त करने हेतु प्रयासरत ,सयुक्त राजस्थान के प्रधानमंत्री, सभी प्रमुख आंदोलनों में भाग लेने वाले |
नानक भील- बेगू और बूंदी के किसानों में जागृति, बूंदी किसान आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा गोली चलाये जाने से मृत्यु |
भोगीलाल पांड्या- आदिवासियों में निरक्षरता उन्मूलन हेतु शिक्षा का प्रचार प्रसार, डूंगरपुर प्रजामंडल की स्थापना ,सागवाडरा से विधायक पद्मविभूषण प्राप्त |
जमनालाल बजाज – सेठ बच्छराज के दत्तक पुत्र, गांधीजी के पांचवे पुत्र के रूप में प्रसिद्ध, अंग्रेजो द्वारा दिए गये रायबहादुर के सम्मान को लोटाने वाले, जयपुर राज्य प्रजामंडल के पुनर्गठनकर्ता तथा ‘नवजीवन’, ‘राजस्थान केसरी’, ‘कर्मवीर’, ‘त्यागभूमि’ एवं ‘प्रताप’ जेसे रास्ट्रीय समाचार-पत्रों को पूर्ण आर्थिक सहायता प्रदान करने वाले |
जयनारायण व्यास- पहले व्यक्ति जिहोने रियासतों में उत्तरदायी शासन को स्थापित करने और सामन्तशाही को समाप्त करने के ;इए आवाज़ उठाई, ‘अग्निवाण’, ‘अखण्ड भारत’ के प्रकासक तथा ‘तरुण राजस्थान’ के प्रधान सम्पादक, राजस्थान के मुख्यमंत्री |
विजय सिंह पथिक-किसान आंदोलन के जनक, बिजौलिया किसान आंदोलन के संचालक| क्रान्तिकारी सचींद्र सान्याल के संपर्क में आने के पश्चात क्रान्तिकारी बने| ‘प्रताप’ समाचार पत्र के माध्यम से बिजौलिया के किसान आंदोलन को सर्वत्र चर्चित बनाया, ‘राजस्थान केसरी’ समाचार पत्र प्रारंभ किया|
सागरमल गोपा- ‘विजय’ एवं ‘राजस्थान केसरी’ में लेख लिखकर राजस्थान के लोगों में चेतना फूंकी| ‘आज़ादी के दीवाने’ तथा ‘जैसलमेर में गुंडाराज’ जैसी पुस्तके लिखी, जेल में अत्यधिक यातना से दुखी होकर आत्मदाह कार जीवनलीला समाप्त की |
हरबिलास शारदा- सुप्रसिद्ध इतिहासकार और विधि विशेषज्ञ, इनके प्रयासों से शारदा एक्ट (बाल विवाह निरोधक कानून) पारित हुआ, ‘अजमेर हिस्टोरिकल एंड ‘हिन्दू सुपीरियोरिटी’, ‘महाराणा सांगा’, ‘हम्मीर ऑफ़ रणथम्भौर’, ‘शंकर’ और ‘दयानंद स्वामी’ व ‘विरजानंद सरस्वती’ जैसी पुस्तकों के लेखक|
हरिभाऊ उपाध्याय- ‘औटुम्बर’ नामक मासिक पत्र और ‘सरस्वती’ पत्रिका के सम्पादक (महावीर प्रसाद,दिव्वेदी के साथ), नमक कानून का उल्लंघन करने वाले, अजमेर राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री, पद्मश्री से सम्मानित|