जनसंख्या का घनत्व – 2011 Census Data और Measurement की विधि
आज इस पोस्ट में हम भारत की जनसंख्या के घनत्व के विषय में facts and figures according to 2011 Census को आपके सामने रखेंगे और साथ-साथ यह भी बताएँगे कि population density को नापा (measure) कैसे किया जाता है? 1901 में भारत में जनसंख्या का घनत्व (density of population) 77 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी. मात्र था जो 1951 में 117, 1991 में 267 और 2001 में 324 व्यक्ति पहुँच गया. 2001 में राज्य स्तर पर पश्चिम बंगाल का घनत्व सबसे अधिक (904) था. केंद्र-शासित प्रदेशों में जनसंख्या घनत्व के मामले में दिल्ली (9294) सबसे आगे था. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत में जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी. है.
जनसंख्या घनत्व कैसे मापा जाता है?
जिस क्षेत्र (शहर, राज्य, देश, महादेश) की जनसंख्या का घनत्व जानना हो तो उस क्षेत्र के क्षेत्रफल को उसकी जनसंख्या से भाग दे देने से प्रति किलोमीटर जनसंख्या घनत्व का पता चलता है. उदाहरण के लिए किसी शहर का क्षेत्रफल 100 वर्ग किलोमीटर है और जनसंख्या 10 लाख है तो उस क्षेत्र के जनसंख्या का घनत्व = 1000000/100 अर्थात् होगा 10,000 population density होगा.
Population Density = Number of People / Land Area
2011 के कुछ जरुरी आँकड़े
राज्य
2011 की जनगणना के अनुसार सर्वाधिक जनघनत्व वाले पाँच राज्य हैं –
- बिहार (1102)
- पश्चिम बंगाल (1029)
- केरल (859)
- उत्तर प्रदेश (828)
- हरियाणा (573)
केंद्रशासित राज्य
2011 की जनगणना के अनुसार सर्वाधिक जनघनत्व वाले तीन केन्द्रशासित राज्य हैं –
- दिल्ली (11297)
- चंडीगढ़ (9252)
- पुडुचेरी (2598)
पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु, गोवा व असम भी उच्च घनत्व वाले राज्य हैं जबकि कई राज्यों में जनसंख्या का घनत्व राष्ट्रीय औसत से कम हैं. जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से भारत को तीन भागों में बाँटा जा सकता है –
जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से भारत के तीन भाग
- उच्च घनत्व के क्षेत्र – इसके अन्दर पूरे देश के लगभग 1/4 जिलें आते हैं. इसका विस्तार पश्चिमी बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में है. यहाँ जनसंख्या का घनत्व (population density) 500 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी से अधिक मिलता है. ये क्षेत्र भारतीय कृषि के प्रमुख क्षेत्र हैं.
- मध्यम घनत्व के क्षेत्र – भारत में लगभग 130 जिलों में 300-500 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी घनत्व पाया जाता है. भारत में मध्यम घनत्व के क्षेत्र उत्तरी भारत के उच्च घनत्व के निकटवर्ती क्षेत्र जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, आंध्र के तटवर्ती भाग, छोटा नागपुर के पठार आदि हैं. इन क्षेत्रों में धरातल की विषमता और जल की कमी पाई जाती है. इसलिए ये क्षेत्र कृषि में महत्त्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाते. इसलिए इन क्षेत्रों में कम जनसंख्या पाई जाती हैं. पर यहाँ खनिजों का भण्डार है जिससे ये क्षेत्र औद्योगिक और आर्थिक रूप से विकसित हैं. पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कृषि तथा लघु उद्योगों के विकास के कारण मध्यम घनत्व के कुछ क्षेत्र विकसित हुए हैं.
- निम्न घनत्व के क्षेत्र – भारत के लगभग 150 जिलों में 300 व्यक्ति प्रतिवर्ग किमी से भी कम जनसंख्या का घनत्व मिलता है. उत्तर-पूर्व हिमालयी क्षेत्र में और पश्चिमी भारत में कमी और जनसंख्या का अल्प घनत्व मिलता है. मध्य प्रदेश और उड़ीसा के पठारी और जनजातीय क्षेत्रों, कर्नाटक के पूर्वी भाग और आंध्र प्रदेश के मध्यवर्ती भाग में भौतिक बाधाओं और कृषि के अविकसित होने के चलते कम जनसंख्या पाई जाती है. कच्छ के दलदल वाले क्षेत्र भी निम्न घनत्व वाले क्षेत्र हैं.