Chapter 1 मानव भूगोल प्रकृति एवं विषय क्षेत्र
- प्रश्न : मानव भूगोल से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर : जैसा कि हम जानते हैं कि मानव अपने वातावरण से पूर्णतः स्वतंत्र नहीं है | मानव एवं वातावरण दोनों का संबंध पारस्परिक एवं अटूट है इन्हीं संबंधों का अध्ययन ही विशेष रुप से मानव भूगोल कहलाता है |
मानव भूगोल की व्याख्या भिन्न-भिन्न विद्वानों द्वारा भिन्न-भिन्न प्रकार से की गई है , जैसाकि निम्नांकित परिभाषाओ से स्पष्ट होता है :
- जर्मन मानव भूगोलशास्त्री फ्रेडरिक रैटजेल के अनुसार : “ मानव भूगोल के दृश्य सर्वत्र वातावरण से संबंधित होते हैं जो स्वयं भौतिक दशाओं का एक योग होता है | ”
- रैटजेल की शिष्या कुमारी सैंपल ने मानव भूगोल की व्याख्या इस प्रकार की है : –
“ मानव भूगोल क्रियाशील मानव और अस्थायी पृथ्वी के परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन है | ”
2. प्रश्न : मानव भूगोल के कुछ क्षेत्रों के नाम बताइए |
उत्तर : मानव भूगोल के महत्वपूर्ण उपक्षेत्र निम्नलिखित हैं –
- सामाजिक कल्याण का भूगोल
- सांस्कृतिक भूगोल
- लिंग भूगोल
- ऐतिहासिक भूगोल
- अधिवास भूगोल
- कृषि भूगोल
- औद्योगिक भूगोल
- संसाधन भूगोल
- 3. प्रश्न : नियतिवाद / निश्चयवाद / पर्यावरणीय निश्चयवाद / पर्यावरणीय नियतिवाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर : इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य के प्रत्येक क्रियाकलाप को पर्यावरण से नियंत्रित किया जाता है | इसके अनुसरण करने वाले मानते हैं कि भौतिक कारक जैसे जलवायु , प्राकृतिक वनस्पति आदि मानव के समस्त क्रियाकलाप और जीवनशैली आदि को नियंत्रित करते हैं |
- 4. प्रश्न : संभववाद / संभावनावाद से आप क्या समझते हैं |
उत्तर : इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य अपने पर्यावरण में परिवर्तन करने में समर्थ है तथा वह प्रकृतिदत्त अनेक संभावनाओं का इच्छानुसार अपने लिए उपयोग कर सकता है | मानव एवं पर्यावरण को परस्पर संबंध में यह विचारधारा मानव केंद्रित है |
- 5. प्रश्न : नव नियतिवाद / नव निश्चयवाद से आप क्या समझते हैं |
उत्तर : यह विचारधारा उपरोक्त दोनों विचारधाराओं की चरम अवस्था के बीच का दर्शन है | ग्रिफिथ टेलर ने माना है कि मानव एक निश्चित सीमा तक ही पर्यावरण को प्रभावित कर सकता है | इसी प्रकार उसने मानव की बुद्धि कुशलता को भी पर्यावरण को प्रभावित करने में एक सीमा तक ही सक्षम माना है |
- 6. प्रश्न : मानव भूगोल किस प्रकार अन्य सामाजिक विज्ञानों से संबंधित है ?
उत्तर : मानव भूगोल के अंतर्गत भूपटल के विभिन्न भागों में प्राकृतिक वातावरण के संदर्भ में मानवीय क्रियाकलापों के अध्ययन को प्रधानता प्रदान की जाती है | चुकी मानव मानवीय समाज की एक महत्वपूर्ण इकाई है , अतः मानव भूगोल का उन सभी सामाजिक विज्ञानों से स्वतः संबंध हो जाता है जो अपने अध्ययनों में मानवीय क्रियाकलापों के अध्ययन को प्रमुखता से सम्मिलित करते हैं |
- 7. प्रश्न : संभववाद और निश्चयवाद में अंतर बतावे |
उत्तर : संभववाद और निश्चयवाद में निम्नलिखित अंतर है :-
संभववाद | निश्चयवाद |
1. इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य अपने पर्यावरण में परिवर्तन करने में समर्थ है तथा वह प्रकृतिदत्त अनेक संभावनाओं का इच्छानुसार अपने लिए उपयोग कर सकता है | मानव एवं पर्यावरण को परस्पर संबंध में यह विचारधारा मानव केंद्रित है |2. इस विचारधारा को मानने वाले में विडाल डी ला ब्लाश तथा लूसियान फैब्रे प्रमुख थे | 1. इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य के प्रत्येक क्रियाकलाप को पर्यावरण से नियंत्रित किया जाता है | इसके अनुसरण करने वाले मानते हैं कि भौतिक कारक जैसे जलवायु , प्राकृतिक वनस्पति आदि मानव के समस्त क्रियाकलाप और जीवनशैली आदि को नियंत्रित करते हैं |2. इस विचारधारा के प्रमुख समर्थक फ्रेडरिक रेटजेल थे | |
भूगोल ( Geography ) :-
ज्योग्राफी ( Geography ) का शाब्दिक अर्थ है पृथ्वी का वर्णन करना तथा उसके बदलते रूप का वर्णन करना । भूगोल को ज्ञान की शाखाओं की जननी कहा जाता है ।
भूगोल की दो शाखा :-
- 1 ) भौतिक भूगोल
- 2 ) मानव भूगोल
भौतिक भूगोल :-
भौतिक भूगोल भूगोल की एक प्रमुख शाखा है जिसमें पृथ्वी के भौतिक स्वरूप का अध्ययन किया जाता है। यह धरातल पर अलग अलग जगह पायी जाने वाली भौतिक परिघटनाओं के वितरण की व्याख्या व अध्ययन करता है, साथ ही यह भूविज्ञान, मौसम विज्ञान, जंतु विज्ञान और रसायन विज्ञान से भी जुड़ा हुआ है। इसकी कई उपशाखाएँ हैं जो विविध भौतिक परिघटनाओं की विवेचना करती हैं।
मानव भूगोल :-
मानव भूगोल भौतिक पर्यावरण और सामाजिक – सांस्कृतिक पर्यावरण के बीच अंतर – संबंध का अध्ययन करता है जो मानव द्वारा एक – दूसरे के साथ पारस्परिक संपर्क के माध्यम से बनाया जाता है ।