Chapter 1 जय-जय भारत माता
Questions and Answers, Notes, Summary
एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
जय-जय भारत माता कविता के कवि कौन हैं ?
उत्तर:
जय-जय भारत माता कविता के कवि मैथिली शरण गुप्त हैं।
प्रश्न 2.
गुप्त जी को कौन-सी उपाधि मिली है ?
उत्तर:
गुप्त जी को साहित्यिक सेवा के सम्मानार्थ सन् 1961 ई. में पद्म भूषण उपाधि मिली है।
प्रश्न 3.
कवि किस देवी की वंदना कर रहे हैं ?
उत्तर:
कवि भारतमाता की वंदना कर रहे हैं।
प्रश्न 4.
हिमालय रूपी हृदय में क्या भरा है ?
उत्तर:
हिमालय रूपी हृदय में स्नेह भरा है।
प्रश्न 5.
पानी कैसे फूटा आता है ?
उत्तर:
पानी सौ-सौ स्त्रोतों से बह-बहकर आता है।
प्रश्न 6.
पानी में क्या खिले हैं ?
उत्तर:
पानी में कमल खिले हैं।
प्रश्न 7.
सुन्दर भाव कहां पले हैं ?
उत्तर: भारतमाता की धानी आँचल में सुन्दर भाव पले है।
दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :
प्रश्न 1.
हिमालय के बारे में कवि की भावना क्या है?
उत्तर:
हिमालय के बारे में कवि की भावना है। कि – हिमालय सुन्दर और विशाल है। हिमालय के हृदय में स्नेह भरा है। हिमालय का हृदय विशाल है। जहाँ सब को सुख मिलता है।
प्रश्न 2.
दिल में आग दबाकर का मतलब क्या है ?
उत्तर:
‘दिल में आग दबाकर’ का मतलब है कि अपने दिल में ही कितने ही दुःख भरे होते हैं। इसलिए कवि कहता है कि अपने दिल में दु:ख की आग यानी आग दु:ख के समान है उन्हें मन में ही रखकर हमें सुख शांति यानी भारत में सब तरह हरा भरा देता है।
प्रश्न 3.
कवि ऊँचा हिया क्यों कहते हैं ?
उत्तर:
कवि ऊँचा हिया इसलिए कहते हैं कि – हिमालय का शिखर बहुत ऊँचा है। इसके समान भारतमाता का हृदय बहुत ऊँचा या श्रेष्ठ और विशाल है।
प्रश्न 4.
हमें मिलजुल कर कौन-सा गाना गाना चाहिए ?
उत्तर:
हमें भारतमाता का यश का गाना गाना चाहिए। भारत में सब लोगों में एकता की भावना सदा रहे और इसी एकता से हमें आपस में मिलकर भारतमाता की यश या कीर्ति का गाना गाना चाहिए।
III. खाली स्थान भरिए :
- भारत का हिया ………… है।
- दिल में ……….. दबाकर रखता हमको ………. ।
- ………….. चिरकाल रहें।
उत्तर:
- भारत का हिया ऊँचा है।
- दिल में आग दबाकर रखता हमको हरा-भरा ।
- चंद्र-सूर्य चिरकाल रहें।
- नमूने के अनुसार तुकांत शब्द लिखिएः
उदा : स्नेह-भरा हरा-भरा
- आता – ग़ता
- पले – फले
- नाता – माता
- इस कविता में बह-बहकर पानी आताका प्रयोग हुआ है। उसी प्रकार निम्नलिखित शब्दों में से सही शब्द चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए :
(गिर-गिरकर, मिट-मिटकर, सुन-सुनकर, देख-देखकर) |
- इस कविता में बह-बहकर पानी आताका प्रयोग हुआ है। उसी प्रकार निम्नलिखित शब्दों में से सही शब्द चुनकर वाक्य पूर्ण कीजिए :
- बालक ……………… सीखता है।
- भाषा …………….. बोली जाती है।
- मेघ ……………. बरसते हैं।
- बच्चा ……………….. चलता है।
उत्तर:
- बालक मिट-मिटकर सीखता है।
- भाषा सुन-सुनकर बोली जाती है।
- मेघ गिर-गिरकर बरसते हैं।
- बच्चा देख-देखकर चलता है।
- इस कविता की प्रथम आठ पंक्तियों को कंठस्थ कीजिए।
VII. अनुरूपता :
उत्तर:
जय-जय भारत माता Summary in Hindi
जय-जय भारत माता कविता का सारांश:
कवि कहता है कि भारतमाता की जय हो। तुम्हारा हृदय हिमालय जैसा विशाल है। उसमें बहुत स्नेह भरा है। तुम अपने दिल में अपनी दुःख की आग छिपाकर हमें सुखी रखती हो। यहाँ पर नदियों की धाराएँ बहकर पानी फूट आता है।
भारतमाता, तेरे पानी में कमल सदा खिले और इस धरती पर आम का फल है। तेरी हल्की हरियाली, आँचल में कितने ही सुन्दर, मधुर भावनायें पले हैं।तेरी इस धरती में हमेशा लोग भाई-भाई की तरह मिले रहे। उनमें हमेशा एकता की भावना रहे। कभी यह भाई का नाता टूट न जाय।
भारतमाता, तेरी लाल दिशा में हमेशा चंद्र-सूर्य अमर रहे। तेरे पवित्र आँगन में यानी भारत में हमेशा लोगों के मन के अज्ञान का अंधकार हटकर सबको ज्ञान की ज्योति मिले। हम सब मिलजुलकर तेरी यश या कीर्ति की गाथा गाते रहे। हमेशा तेरी जय हो। इस प्रकार कवि मैथिलीशरण गुप्त अपनी सुन्दर काव्य शैली में भारतमाता की कीर्ति और महत्व को बताया है।