क्या आप जानते हैं कि 20 छोटे चांदों से मिलकर बना है अपना चांद
सौरमंडल के अन्य ग्रहों की तुलना में, हमारे ग्रह के पास एकमात्र चन्द्रमा है। जैसा कि हम जानतें हैं कि शनि ग्रह के पास 62 चन्द्रमा, बृहस्पति के पास 67 चन्द्रमा और यहाँ तक कि मंगल गृह के भी दो चन्द्रमा, फोबोस और डीमोस है। सुनने में यह अजीब लगता है कि पृथ्वी के पास केवल एक ही चन्द्रमा है। लेकिन नए शोध से पता चला है कि पृथ्वी के पास भी कई चन्द्रमा थे लेकिन एक ही समय मे एक साथ दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण वर्तमान में हमारे ग्रह के पास एकमात्र चन्द्रमा है|
चांद की उत्पत्ति हमेशा से ही रहस्यों से भरी रही है | वैज्ञानिक कई समय से लगातार इससे जुड़े रहस्यों का पता लगा रहें है और इसी क्रम मे इसरायल के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि मौजूदा चांद की उत्पत्ति 20 छोटे चांदों से हुई है | ऐसा माना जाता है कि अरबों साल पहले जब हमारी प्रथ्वी अस्तित्व मे आई, उस दौरान कुछ छोटे ग्रह टकराए | तब जो तत्व पृथ्वी से निकले थे उनसे छोटे चांदों का निर्माण हुआ | फिर सदियों तक आपस मे जुड़े रहने से अभी का मौजूदा चांद बना और तो और वैज्ञानिकों ने मौजूदा सिधांत जायंट इम्पैक्ट हाइपोथिसिस (Giant- Impact Hypothesis) पर भी सवाल उठाए है अपनी जारी की हुई ताज़ा रिपोर्ट मे |
अब देखते है आखिर जायंट इम्पैक्ट हाइपोथिसिस (Giant- Impact Hypothesis) है क्या ?
जायंट इम्पैक्ट हाइपोथिसिस (Giant- Impact Hypothesis)1975 में दिया गया था और इसी सिधांत को चांद के निर्माण का मौजूदा विज्ञानिक सिधांत माना जाता है | इसके अनुसार करीब 4.31 अरब साल पहले मंगल ग्रह के आकार का बड़ा ग्रह थिया पृथ्वी से टकराया था | इस टक्कर से थिया से धूल, चट्टान आदि जैसे तत्व निकले और पृथ्वी की कक्षा में फैल गए और वर्षों तक इस कक्षा मे परिक्रमा करने पर ये आपस में जुड़ते गए और चांद बना | क्या आपको पता है कि इस तरह सिर्फ एक ही टक्कर हुई इसीलिए इस सिधांत पर सवाल भी उठते रहे हैं |
जायंट इम्पैक्ट हाइपोथिसिस (Giant- Impact Hypothesis)जानने के बाद अब सवाल यह उठता है कि फिर क्यों इसरायल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Israel Institute of Technology) और विजमैन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस(Weizmann Institute of Science) के वैज्ञानिकों का दावा इस हाइपोथिसिस से अलग हैं|
सिधांत के अनुसार चांद थिया से निकले हुए तत्वों से मिलकर बना है | लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि चांद कि सतह पर पृथ्वी से मिलते जुलते तत्व मिले हैं, इसीलिए यह सिधांत गलत है | क्योंकि अगर चांद थिया से निकले हुए तत्वों से मिलकर बना है तो वहाँ पाए जाने वाले पृथ्वी के तत्व जो कि अपोलो मिशन के तहत मिले थे कैसे मिलसकते हैं | इस पर चांद से लाए गए नमूनों कि जांच वैज्ञानिक कर रहे है |
सौर मण्डल और इसके ग्रहों की जानकारी
आइये अब देखते है कि नए दावा के अनुसार चांद कैसे बना |
इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि चंद्रमा का निर्माण कैसे हुआ था, यह अवश्य ही एक असामान्य घटना है। सौरमण्डल के सभी चन्द्रमाओं में हमारे ग्रह के चन्द्रमा का स्थायीकरण प्रभाव सबसे अद्वित्तीय है|
अंत में चाँद के बारें में कुछ रोचक तथ्य :
– धरती के समुंदरों में आने वाले ज्वार और भाटे के लिए चांद ही जिम्मेदार है |
– चांद धरती के आकार का सिर्फ 27% ही हिस्सा है |
– अगर चांद गायब हो जाए तो प्रथ्वी पर दिन मात्र 6 घंटे का रह जाएगा |
– चांद का वजन 81 अरब टन है |
– जब सारे अपोलो अंतरिक्ष यान चांद से वापिस आए तब वह कुल मिलाकर 296 चट्टानों के टुकड़े लेकर आए थे जिनका वजन 382 किलो था
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