जन धन योजना पर निबंध

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धन योजना पर निबंध - जन धन योजना पर निबंध
जन धन योजना पर निबंध

भूमिका : प्रधानमंत्री जन धन योजना गरीबी को ध्यान में रखकर बनाई गई है जिससे उनमें बचत की भावना का विकास हो और साथ-साथ उनमें भविष्य की सुरक्षा का एक अहम भाव भी जागे। प्रधानमंत्री जन धन योजना केंद्र सरकार का बड़ा और अहम फैसला है जो देश की नीव को मजबूत रखेगा। अगर जरूरत पड़ने पर हमारे पास पैसे हों तो हमारी सारी चिंताएं दूर हो जाती हैं।

जीवन में आपात स्थिति कभी-न-कभी सामने आ जाती हैं। ऐसी स्थिति में अगर हमारे पास पैसा हो तो किसी के भी सामने हाथ फैलाना नहीं पड़ता है। लेकिन आज की पीढ़ी भौतिकतावाद से प्रभावित है। उनके जीवन का मूलमंत्र होता है – कमाओ, खाओ और मौज करो लेकिन ऐसा करते समय वे दूरदर्शिता को भूल जाते हैं, भविष्य की चिंता नहीं करते और धन को बर्बाद करते रहते हैं।

समझदारी इसी में होती है कि थोडा-थोडा पैसा बचाकर बैंक में जमा कराना चाहिए। इसलिए प्रधानमंत्री जन धन योजना गरीब जनता को सशक्त बनाने के लिए चलाई जा रही है। इसमें जिस भी देशवासी का एक भी बैंक अकाउंट नहीं है उनसे बैंक अकाउंट खोलने की अपील की गई है।

इसके अलावा अगर कोई भी भारतीय नागरिक अपने पहले से खुले हुए अकाउंट को प्रधानमंत्री जन धन योजना में शामिल करना चाहता है तो वह ऐसा कर सकता है उसे भी वह सभी सुविधाएँ दी जाएँगी जो सभी इस योजना के तहत दी जा रही हैं।

जन धन योजना : प्रधानमंत्री जन धन योजना भारत देश में फाइनेंसियल समावेशन पर एक राष्ट्रिय मिशन है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य सभी परिवारों का बैंक खाता खुलवाना है। प्रधानमंत्री जी के द्वारा स्वाधीनता दिवस के अवसर पर लाल किले से घोषित प्रधानमंत्री जन धन योजना देश भर के गरीब लोगों को बैंक और अन्य वित्तीय सेवाओं से जोड़ने के लिए एक महत्वकांक्षी परियोजना है।

जन धन योजना का आरंभ : प्रधानमंत्री जन धन योजना की घोषणा 15 अगस्त, 2014 को हुई थी लेकिन इसका शुभारंभ 28 अगस्त, 2014 को भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने किया था। इस योजना को शुरू करने से पहले मोदी जी ने सभी बैंकों को ई-मेल भेजा था जिसमें उन्होंने हर परिवार के लिए एक बैंक खाता जरूरी होने की घोषणा की थी।

इस योजना के अंतर्गत सात करोड़ से भी ज्यादा परिवारों को प्रधानमंत्री जन धन योजना में भाग लेने और बैंक खाता खोलने के लिए बैंकों में घोषणा की। प्रधानमंत्री जन धन योजना के उद्घाटन के दिन ही एक करोड़ पचास लाख खाते खोले गये थे। नए बैंक खातों को खोलने के लिए 60000 कैंप लगाए गए थे। अधिकारीयों के मुताबिक जन धन सिर्फ बैंक खाता नहीं है बल्कि इसके साथ लेनदेन को कैशलेस और अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने की शुरुआत हो रही है।

खाता खुलवाने के लिए आवश्यक दस्तावेज : अगर आपके पास आधार कार्ड या आधार संख्या उपलब्ध है तो आपको बैंक खाता खुलवाने के लिए कोई अन्य कागज की जरूरत नहीं पडती है। अगर आपके पास आधार कार्ड उपलब्ध नहीं है तो आपको कानूनी दस्तावेजों की जरूरत पडती है जैसे – ड्राइविंग लाइसेंस, मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, पासपोर्ट अथवा नरेगा कार्ड आदि। अगर आपका पता बदल गया है तो अपने वर्तमान पते को खुद के द्वारा प्रमाणित करके देना आवश्यक होता है।

जन धन योजना के लाभ : इस योजना में 1 लाख रुपए का बीमा होगा जो विपत्ति के समय पर परिवार की बहुत मदद करेगा। घर से बाहर नौकरी करने वाले लोग आसानी से पैसा घर पर भेज सकेंगे। ग्रामीण व पिछड़े इलाकों में लोगों की बचत और वित्तीय सुरक्षा भी बढ़ेगी।

इस योजना के तहत जिनके पास आधार कार्ड या कोई अन्य पहचान नहीं है उसका पहचान पत्र बनाया जाएगा। किसानों, आम जनता और अन्य ग्रामीण लोगों के लिए कृषि जैसे अन्य कारणों के लिए लोन लेना सरल हो जाएगा। भारत में नकद धन का कम प्रयोग होगा जिससे काले धन पर नियंत्रण लगेगा और सरकार का खर्च भी बच जाएगा इसके साथ-साथ आमदनी भी बढ़ेगी।

इस योजना के तहत छ: महीने तक संतोषजनक परिचालन के बाद ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी दी जाएगी। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण लोग भी वित्तीय सुविधाओं जैसे – इंश्योरेंस, वाहन लोन, गृह लो , फसल बीमा आदि से जुड़ सकेंगे। हर परिवार की महिला के लिए केवल एक खाते में 5,000 रुपए तक की ओवरड्राफ्ट की सुविधा उपलब्ध है।

प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत 30,000 रुपए तक का जीवन बीमा व्यक्ति को उसकी मृत्यु पर सामान्य शर्तों की प्रतिपूर्ति पर ही देय होगा। डेबिट कार्ड और नए मोबाइल इंटरनेट से ग्रामीण भारत के लोग भी दुनिया से जुड़ेंगे और विश्व के किसी भी शहर, बाजार से अपने लिए औजार और सामान खरीद सकेंगे।

लोगों को सरकार से मिलने वाली आर्थिक राशि का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में होगा जिससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और लोगों को पूरी राशि समय पर मिलेगी। लोगों में बचत की समझ और प्रवृत्ति बढ़ेगी जिससे वह आर्थिक रूप से ज्यादा सक्षम और आत्म निर्भर बनेगा। भारतियों का अधिक-से-अधिक 40% प्रतिदिन एक डॉलर से भी कम पर अपना जीवन व्यतीत करते हैं प्रधानमंत्री जन धन योजना के इस तरह के जीवन को सुधारने तथा उनमें सुरक्षा के भाव को जगाने के लिए बनाई गई है।

जन धन योजना की हानियाँ : सभी वाक्यों के दो पहलू हैं इस प्रधानमंत्री जन धन योजना के भी कुछ दुष्परिणाम हैं जिनमें से एक हैं पुनर्प्राप्ति एवम ऋण संग्रह। अब इस प्रधानमंत्री जन धन योजना के कारण ऋण लेने वाले उधारकर्ता न्यूनतम राशि उधार लेंगे जो कि अधिक मात्रा में होगी जिसका असर व्यापारिक तथा उच्च सामाजिक गतिविधियों पर होगा।

सभी का ब्यौरा रखना भी मुश्किल होगा। इससे बैंक के सिस्टम भी काफी प्रभावित होंगे जिसके लिए उन्हें अभी से तैयार होना जरूरी है तथा उचित वित्तीय नियम बनाना भी जरूरी है ताकि उधार की राशि आसानी से रिकवर की जा सके। अगर उधारकर्ता से ऋण एकत्र करने की कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है तो इस योजना का मूल उद्देश्य विफल हो जायेगा और बनाए गए अकाउंट निष्क्रियता की स्थिति में चले जायेंगे।

जिस तेजी से बैंकों में अकाउंट ओपन हो रहे हैं अगर उसी तेजी से इस योजना पर काम नहीं किया गया तो यह योजना व्यवस्था वित्तीय प्रणाली को संकट में डाल देगी इसका देश की अर्थव्यवस्था पर बहुत भारी प्रभाव होगा।

जन धन योजना की मुख्य सेवाएं : प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खाता धारकों को 30,000 रूपए की न्यूनतम राशि का जीवन बीमा दिया जाएगा इसके साथ 1 लाख का एक्सीडेंटल बीमा भी दिया जायेगा। गरीब लोगों को आपत्ति के समय पैसे के लिए साहूकार पर निर्भर होना पड़ता है जिस कारण साहूकार उनकी मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे मनचाहा ब्याज लेते हैं और गरीब कभी उस कर्ज से मुक्त नहीं हो पाता है।

लेकिन प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खाता धारी छ: महीने के अंतराल में 5,000 रूपए की राशि को सीधे बैंक से लोन के रूप में प्राप्त कर सकता है। अन्य बचत खाते के लिए खाताधारी को कुछ राशि बैंक खाते में जमा करवाना अनिवार्य होता है यह राशि खाताधारी की ही होती है। लेकिन गरीबों की स्थिति को ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खाते बिना किसी राशि के खोले जा रहे हैं जिन्हें जीरो बैलेंस सुविधा कहा जाता है।

अन्य प्रकार के एटीएम कार्ड की तरह प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खाताधारी को भी रूपए कार्ड की सुविधा प्रदान की जा रही है यह कार्ड भी अन्य एटीएम कार्ड की तरह ही काम करता है। रूपए कार्ड की सहायता से खाताधारी किसी भी बैंक एटीएम से रूपए निकाल सकता है। इस कार्ड को एक महीने में चार बार प्रयोग किया जा सकता है लेकिन अगर आप चार बार से अधिक प्रयोग करते हैं तो आपको कुछ रुपयों का भुगतान करना पड़ता है।

अन्य खातों की तरह ही प्रधानमंत्री जन धन खाते की सभी जानकारी को मोबाइल पर मेसेज के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए किसी भी महंगे फोन की आवश्यकता नहीं होती है यह सुविधा साधारण फोन पर भी उपलब्ध होती है। प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खाता 10 वर्ष से अधिक आयु का बालक या बालिका द्वारा खोला जा सकता है जिसकी देख-रेख उनके माता-पिता द्वारा की जा सकती है।

अगर किसी का पहले से ही कोई खाता खुला हुआ है तो वह उस खाते को प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत ट्रांसफर करवा सकता हैं जिससे वो प्रधानमंत्री जन धन योजना के सारे लाभ उठा सके। किसी भी बैंक में खाता खोलने के लिए एक उचित परिचय पत्र की जरूरत पडती है लेकिन अगर किसी के पास यह पत्र नहीं है तो प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत अपना खाता खोल सकता है जिसमें कोई भी गजेटेड ऑफिसर द्वारा सत्यापित प्रमाण पत्र बैंक में जमा करवाकर खाता खोला जा सकता है जिसे लो रिस्क अकाउंट की गिनती में गिना जाता है और इसे स्माल अकाउंट भी कहा जाता है। इसे एक साल की अवधि तक सुचारू रखा जाएगा इस एक साल में खाताधारी को कोई भी उचित परिचय पत्र बैंक में जमा करना होता है।

उपसंहार : प्रधानमंत्री जन धन योजना में सभी भारत के देशवासियों में बढ़-चढ़ कर भाग लिया है। आज के समय में करोड़ों की तादात में अकाउंट खोले जा चुके हैं। अब हमें यह देखना है कि यह योजना किस प्रकार देश के विकास में सहयोगी बनती है। इस योजना की सफलता का आंकलन एक या दो साल बाद ही किया जा सकता है।

एक खाता, ग्राहकों और बैंकों दोनों के लिए तभी उपयोगी है जब इसका प्रयोग किया जाए। बैंकों के द्वारा पहले खोले गये बहुत से नोफ्रिल बेसिक खाते बेकार साबित हुए हैं क्योंकि उन्होंने पाया कि इनमें बहुत अधिक लेनदेन नहीं हुए। सारे ग्रामीणों के द्वारा यदि लेनदेन इसी के द्वारा होगा तो यह समावेशन के काम को पूरा करने का बहुत ही अच्छा तरीका है।

किसानों को दिया जाने वाला समर्थन मूल्य का भुगतान, मनरेगा की मजदूरी अनिवार्य रूप से इन्हीं खातों में किया जाए वित्तीय समावेशन तभी अच्छी तरह से काम करेगा जब सभी प्रकार की सबसीडी कैश ट्रांसफर के माध्यम से दी जाने लगेगी। केवल बैंक खातों को खोलना ही वित्तीय समावेशन नहीं है।

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