विज्ञान वरदान या अभिशाप पर निबंध
भूमिका : आज का युग विज्ञान का युग है। आज के वैज्ञानिक युग ने मनुष्य के जीवन में बहुत ही प्रभाव उत्पन्न किया है। आज मनुष्य के जीवन में जितनी भी गतिविधियाँ हो रही हैं वो सब विज्ञान की वजह से ही संभव हो पायी हैं। आज के समय में पुराने रहस्यों को भी खोज लिया गया है आज विज्ञान की वजह से ही आकाश की उंचाईयों से लेकर पाताल की गहराईयों को नापना संभव हो पाया है।
मनुष्य ने जो प्रगति की है उसका इतिहास इस बात का साक्षी है कि वह किसी समय जानवरों जैसा जीवन जीता था। गुफाओं में रहता था, कच्चा मांस और फल सब्जियां खाता था, पेड़ों और पौधों की पत्तियों और छालों को कपड़े की तरह पहनता था। धीरे-धीरे उसने आग जलाना सिखा और वहाँ से वह निरंतर आगे बढ़ता चला गया और आधुनिक युग में बहुत आगे बढ़ता चला गया है।
विज्ञान की वजह से मनुष्य जीवन हर तरह से बदल गया है। विज्ञान की वजह से ही मनुष्य आज इतनी ऊँचाईयों पर पहुंच पाया है। विज्ञान सुखों के लिए दुःख से जुडकर उसे वरदान और अभिशाप दोनों की तरह प्रस्तुत हुआ है।
विज्ञान का अर्थ : विज्ञान का अर्थ होता है- विशिष्ट ज्ञान। अथार्त किसी वस्तु या विषय के बारे में विशेष और व्यवस्थित ज्ञान होना। जब किसी के पास विशेष ज्ञान होता है तभी विशेष काम किये जाते हैं। विज्ञान शब्द दर्शन और साहित्य के क्षेत्र में भी अर्थ दे सकता है क्योंकि किसी भी विषय का विशिष्ट ज्ञान होना ही विज्ञान कहलाता है।
आज तक जो भी तरह-तरह के अविष्कार और खोज हुई हैं वे सब विज्ञान के ही परिणाम थे। विज्ञान का हमारे जीवन में इतना महत्व हो गया है कि हम सोते-जागते विज्ञान के आविष्कारों को अपने पास देखते हैं और उन्हें प्रयोग में लाते हैं।
आज के समय में जिस मनुष्य के पास विज्ञान है उसका जीवन सभ्य है लेकिन जिसके पास विज्ञान नहीं है उसका जीवन निरर्थक है। विज्ञान ने अपने बल पर पूरे संसार को एक परिवार बना दिया है आज के समय में ऐसी कोई जगह नहीं है जहाँ पर इसके उपकरण उपलब्ध न हों।
विज्ञान के लाभ : विज्ञान की वजह से मनुष्य जीवन आज बहुत ही सुखमय हो गया है। आज के समय में विज्ञान मनुष्य के जीवन से जुड़ गया है जिसके बिना मनुष्य अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता है। विज्ञान ने मनुष्य के जीवन को सरल और सुखमय बनाने के लिए बहुत से आविष्कार किये हैं जैसे खेती को सरल बनाने के लिए हैकर, ट्रैक्टर, क्म्पाइन जैसी मशीने, घरेलू कामों को सुखमय बनाने के लिए प्रेस, फ्रिज, मिक्सी जैसी मशीनों का आविष्कार किया है।
कोई ऐसा समय था जब लोगों के अकाल से मरने की खबर को बहुत सुना जाता है लेकिन विज्ञान की वजह से आज के समय में शायद ही कोई ऐसी खबर सुनने को मिलती है जिसमें लोग भूख से मरते हैं। पहले लोग पेड़-पौधों की पत्तियों और जानवरों की खाल से अपने शरीर को ढकते थे लेकिन आज के समय में सभी के पास अपने शरीर को ढकने के लिए कपड़े हैं।
पहले लोग प्लेग, मलेरिया, डेंगू, हैजा जैसी बीमारियों से ग्रस्त होकर मर जाते थे लेकिन आज के समय में विज्ञान ने इस सब बीमारियों को अपने नियंत्रण में कर लिया है। विज्ञान की वजह से हमारे दैनिक जीवन की सुख-सुविधाओं का भी आयोजन हो पाया है।
आज के समय में दुश्मनों से अपनी रक्षा करने के लिए बहुत से साधन उपलब्ध हैं। आज के वैज्ञानिक युग में हमारे लिए सुईं से लेकर बड़े-बड़े जहाजों, ट्रेनों, विमानों और कृत्रिम गृह तक बनाए जा चुके हैं। इन सब का उपयोग हम प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से करते हैं।
विज्ञान का प्रयोग : विज्ञान का प्रयोग हर क्षेत्र में किया जाता है। आज के समय में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहाँ पर विज्ञान का प्रयोग नहीं होता है। विज्ञान के साधन को हर क्षेत्र में देखा जा सकता है। मानव जीवन के क्षेत्र में विज्ञान एक वरदान की तरह है जिसे वह अपने जीवन में प्रयोग करता है।
1. संचार के क्षेत्र में : संचार के क्षेत्र में विज्ञान की वजह से बेतार के तार देना संभव हो पाया है। विज्ञान की वजह से ही टीवी, रेडियो, तार, टेलीफोन, फैक्स, इमेल और मोबाईलफोन आदि के आविष्कार की वजह से ही आज समाचार एक पल में एक जगह से दूसरी जगह भेजा जा सकता है। जितने भी कृत्रिम उपगृह हैं उन्होंने इस दिशा में और अधिक सफलता प्राप्त की है और नई-नई खबरें पल भर में प्राप्त हो जाती हैं।
2. यातायात के क्षेत्र में : पहले समय में मनुष्य को लंबी और दूर की यात्रा को पूरा करने के लिए वर्षों लग जाते थे लेकिन विज्ञान की मदद से आज मनुष्य ट्रेन, मोटर, पानी के जहाज, हवाई जहाज से दूर-से-दूर की यात्रा को बहुत ही जल्दी पूरा कर लेते हैं। यातायात में उन्नति होने की वजह से व्यापार के क्षेत्र में भी उन्नति हुई है। आज विज्ञान की वजह से ही व्यापार अपनी असीम उंचाईयों तक पहुंच पाया है।
3. दैनिक जीवन में : आज विज्ञान की वजह से मनुष्य की दैनिक जिन्दगी और अधिक सुखमय हो गई है। विज्ञान की वजह से कपड़े धोना, प्रेस करना, भोजन पकाना, सर्दियों में गर्मी और गर्मियों में सर्दी महसूस कराना, गर्मियों में ठंडा पानी करना जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हो पायी हैं। विज्ञान की वजह से ही सर्दी और गर्मी दोनों से ही हमारी रक्षा होती है। आज की सारी औद्योगिक प्रगति इसी पर निर्भर करती है।
4. औषधीय क्षेत्र में : जिस तरह से मनुष्य ने विज्ञान के क्षेत्र में नए-नए आविष्कार किये हैं उसी तरह से मानव समाज ने नए-नए रोगों को भी प्राप्त किया है। आज मनुष्य भयानक और संक्रामक रोगों से ग्रस्त होने के बाद भी मौत के मुंह से बच जाता है इन सब का श्रेय विज्ञान को ही जाता है।
विज्ञान की वजह से ही एक्स-रे, अल्ट्रासाउण्ड टेस्ट, एंजियोग्राफी, कैट स्केन, सिटी स्कैन जैसी मशीनों की वजह से शरीर के अंदर के रोगों के बारे में पता लगाया जा सकता हैऔर उस रोग का तुरंत उपचार करना भी संभव हो जाता है। विज्ञान की वजह से ही अंधों को आँखें और बहरों को कान और अंगहीनों को अंग देना संभव हो सका है।
5. औद्योगिक क्षेत्र में : विज्ञान के कारण ही औद्योगिक क्षेत्र की बड़ी-बड़ी मशीनों का निर्माण करना संभव हो पाया है। विज्ञान के कारण कल कारखानों का निर्माण किया गया जिससे मेहनत, समय और धन की बचत होने के साथ-साथ उसका सही मात्रा में उत्पादन भी हो सके। इसकी वजह से लोगों को वस्तुएँ सस्ते मूल्यों में उपलब्ध करायी जा सकती हैं।
6. कृषि क्षेत्र में : जिस देश की जनसंख्या 121 करोड़ से भी अधिक है अगर वो आज कृषि के क्षेत्र में अग्रसर हो पाया है तो यह विज्ञान की वजह से ही हुआ है। विज्ञान की वजह से ही किसान को उत्तम बीज, विकसित तकनीक, रासायनिक खाद, कीटनाशक, ट्रैक्टर और बिजली मिली है जिसकी वजह से कृषि को करना सरल हो गया है।
छोटे-छोटे बांधों की सहायता से नहरों को निकालना भी विज्ञान के कारण ही संभव हो पाया है जिसकी वजह से किसानों को कृषि में सहायता के लिए उनकी आवश्यकता के अनुसार पानी मिल सके।
7. शिक्षा के क्षेत्र में : शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान ने अपने आविष्कारों जैसे- इंटरनेट, कंप्यूटर से बहुत बड़ा योगदान दिया है। विज्ञान की वजह से ही शिक्षा के क्षेत्र में मुद्रा के यंत्रों का आविष्कार होना संभव हो पाया है। आज मुद्रण यंत्रों की वजह से ही पुस्तकों को छापना संभव हुआ है। इसके अलावा समाचार-पत्रों, पत्र-पत्रिकाओं और किताबों को छापना संभव हो पाया है। मुद्रण यंत्रों की वजह से जो क्रांति हुई है वह घर-घर पहुंचकर लोगों के ज्ञान में वृद्धि कर रही है।
8. मनोरंजन के क्षेत्र में : विज्ञान के कारण ही आज मनोरंजन के अनेक साधन जैसे- टीवी, रेडियो, चलचित्र का आविष्कार होना संभव हुआ है। विज्ञान ने ही मनुष्य को सस्ता और सुलभ साधन दिया है।
वरदान के रूप में : विज्ञान एक वरदान होता है। विज्ञान उस नौकर की तरह होता है जिससे मनुष्य कुछ भी करवा सकता है और आवश्यकता के अनुसार उसके साथ कुछ भी कर सकता है। आज के मनुष्य का पूरा जीवन विज्ञान के वरदानों के आलोक से ही तो आलोकित है।
सुबह से लेकर शाम तक हम जो भी काम करते हैं वो सब सिर्फ विज्ञान के साधनों की वजह से ही संचालित होते हैं। जिन साधनों का प्रयोग हम अपने दैनिक जीवन में प्रयोग करते हैं वे सभी हमें विज्ञान के वरदान के रूप में प्राप्त हुए हैं। इसी वजह से कहा जाता है कि जो मनुष्य अनुभवी होता है वह विज्ञान के माध्यम से प्रकृति पर जीत प्राप्त कर सकता है।
आज के समय में रोज नए-नए आविष्कार हो रहे हैं। आज के समय में मनुष्य जितने भी साधनों का प्रयोग करता है वो सभी विज्ञान ने ही हमें दिए हैं।
आधुनिक युग : आज का युग बटन का युग है। आज के समय में विज्ञान की सहायता से बटन दबाने से पंखा चल जाता है और हमें शीतल हवा प्रदान करता है। अगर आप दुबारा बटन दबाते हैं तो पंखा बंद हो जाता है। आपके बस बटन दबाने की वजह से ही टीवी चल जाता है और अपने पर्दे पर सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है। टीवी से किसी गायक की सुंदर आवाज को आसानी से सुना जा सकता है। हम लोग गायक को देख भी सकते हैं और उसके गीतों का आनंद भी ले सकते हैं।
विज्ञान की हानियाँ : विज्ञान ने जहाँ पर मनुष्य के जीवन को इतने लाभ दिए हैं वहीं पर हानियाँ भी दी हैं। जहाँ विज्ञान ने मनुष्य जीवन को सभ्य और सहज बनाया है वहीं पर बंदूकों, बम्बों, मिसाइलों और जहरीली गैसों की वजह से मनुष्य के जीवन को बहुत भारी नुकसान भी पहुंचाया है।
विज्ञान ने मनुष्य को अपने भविष्य के प्रति भयभीत कर दिया है। आज के समय में पूरा विश्व एटम बम्बों और मिसाइलों के डर से कांप रहा है। इन सब की वजह से प्रदूषण में वृद्धि हुई है और वायुमण्डल की ओजोनमंडल को भी बहुत नुकसान पहुँचा है।
अभिशाप के रूप में : विज्ञान का एक पक्ष वरदान है तो एक पक्ष अभिशाप भी है। विज्ञान एक ऐसा साधन है जिससे असीम शक्ति प्राप्त की जा सकती है। मनुष्य जिस तरह से चाहता है उस तरह से इसका प्रयोग कर सकता है। सभी को पता है कि विज्ञान में दैवीय शक्ति के साथ-साथ असुरी शक्ति भी है।
जब किसी मनुष्य की दैवीय शक्ति प्रबल होती है तो वह लोगों के हित के लिए काम करता है। लेकिन जब किसी मनुष्य में राक्षसी शक्ति प्रबल होती है तो वह हिंसक हो जाता है उसी तरह से विज्ञान की राक्षसी शक्ति विध्वंसक और संहारक शक्ति का रूप ले लेती है। जो गत विश्व युद्ध हुआ था उससे लेकर अब तक मनुष्य ने विज्ञान में बहुत उन्नति की है तो यह कहना यथार्त है कि विज्ञान की विध्वंसक शक्ति और अधिक बढ़ गई होगी।
विज्ञान ने विध्वंसक तरीकों के अलावा भी अन्य कई तरीकों से मनुष्य को नुकसान पहुंचाया है। विज्ञान ने भौतिकवादी प्रवृति को प्रेरणा दी है जिसकी वजह से धर्म और अध्यात्म से जो भी संबंधित विश्वास होते हैं वो थोथे और खोखले नजर आते हैं। मानव जीवन के जो भी पारस्परिक संबंध होते हैं वो कमजोर होने लगते हैं।
आज के विज्ञान की वजह से मनुष्य का जीवन और अधिक खतरों से भर गया है। विज्ञान के वरदान मशीनों ने अगर मनुष्य को सुख के साधन उपलब्ध कराये हैं तो साथ ही साथ उसके रोजगार को भी छीन लिया है। बिजली विज्ञान की एक महान देन है लेकिन बिजली का एक झटका ही मनुष्य की जान ले लेता है।
जिस तरह से रोज विज्ञान के आविष्कार हो रहे हैं उस तरीके से मनुष्य पर्यावरण असंतुलित होता जा रहा है। मनुष्य जीवन में सुख सुविधाओं की वजह से मनुष्य आलसी और आराम लेने वाला बन गया है जिसकी वजह से उसकी शारीरिक शक्ति खत्म होती जा रही है। इस वजह से नए-नए रोग उत्पन्न हो रहे हैं और मनुष्य में सर्दी और गर्मी सहने की शक्ति कम होती जा रही है।
उपसंहार : जहाँ पर विज्ञान मनुष्य के लिए वरदान साबित हुआ है वहीं पर अभिशाप भी शाबित होता है। यह बात मनुष्य पर निर्भर करती है कि वह उसका प्रयोग वरदान के रूप में करता है या फिर अभिशाप के रूप में। विज्ञान एक तलवार की तरह होता है जिससे मनुष्य की रक्षा भी की जा सकती है और अपने आप को हानि भी पहुंचाई जा सकती है।
इसमें तलवार का दोष नहीं होता है मनुष्य का होता है। विज्ञान एक ऐसा साधन जिसने विकास के मार्ग को खोल दिया है जिससे मनुष्य विश्व की बेरोजगारी, भुखमरी, महामारी को खत्म किया जा सकता है लेकिन यह तभी संभव है जब मनुष्य में आध्यात्मिक दृष्टि का विकास हो मानव कल्याण की सात्विक भावना जागे।
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