हिंदी दिवस के महत्व पर निबंध
भूमिका : हमारा भारत पश्चिमी रीती-रिवाजों से बहुत प्रभावित है। भारतीय लोग वहां के लोगों की तरह पोशाक पहनते हैं। भरतीय वहां की जीवन शैली का पालन करते हैं, उनकी ही भाषा को बोलना चाहते हैं और हर एक चीज में उनके जैसा बनना चाहते हैं। वे इस बात को समझना ही नहीं चाहते हैं कि भारतीय संस्कृतिक विरासत और मूल्य पश्चिमी संस्कृति की तुलना में अधिक समृद्ध है।
1949 में भारत की संविधान सभा ने हिंदी भाषा की देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था। भारत के संविधान ने देवनागरी लिपि में लिखी हुई हिंदी भाषा को 1950 में अनुच्छेद 343 के तहत देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था। इसके साथ-साथ भारत सरकार के स्तर पर अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओँ का औपचारिक रूप से प्रयोग किया जाने लगा।
साल 1949 में 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा था। हिंदी भाषा का सम्मान करना हर भारतीय का कर्तव्य होता है। हिंदी दिवस भारत में हिंदी का विकास करने के लिए बहुत बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर बहुत अधिक संस्कृतियाँ पाई जाती हैं।
इन संस्कृतिक भिन्नता की वजह से कई तरह की भाषाएँ भी सम्मिलित होती है। इतनी भाषाओँ के होने की वजह से यहाँ के औपचारिक कार्यों में यह तय कर पाना कठिन हो जाता है कि किस भाषा में सभी औपचारिक कार्य किये जाएँ। इसी वजह से हिंदी को एक मुख्य भाषा के रूप में स्थापित करने की कोशिश की गई है।
इतिहास : हमारा देश कई विधाओं का मिश्रण हैं। उनमें कई भाषाओँ का समावेश है। भारत देश की इन सभी भाषाओँ में हिंदी को देश की मातृभाषा का दर्जा दिया गया है। आज हिंदी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओँ में से एक है। हिंदी भाषा का सम्मान देने के लिए हर साल 14 सितम्बर को हिंदी दिवस और राष्ट्रिय एकता दिवस मनाया जाता है।
हिंदी भाषा को 14 सितम्बर 1949 के दिन आजादी के बाद देश की मातृभाषा का गौरव प्राप्त हुआ था। उसी दिन को याद करने में 1953 में निर्णय लिया गया , जिसके फलस्वरूप हर साल 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा था।
14 सितम्बर को स्वदेश में हिंदी दिवस को मनाया जाता है विश्व स्तर पर भी इस खास दिवस को मनाया जाता है। सबसे पहले 10 जनवरी 1975 को नागपुर महाराष्ट्र में विश्व हिंदी दिवस मनाया गया था। उसके बाद 10 जनवरी 2006 को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाये जाने का ऐलान किया गया था।
हिंदी दिवस का महत्व : हिंदी दिवस हर साल हमें हमारी असली पहचान को याद दिलाता है और देश के सभी लोगों को एक जुट करता है। हम जहाँ भी जाते हैं हमारी भाषा , संस्कृति और मूल्य हमारे साथ रहने चाहिए और यह अनुश्मार्क के रूप में काम करता है। हिंदी दिवस हमें देशभक्ति की भावना के लिए प्रेरित करता है।
आज के समय में लोग हिंदी से ज्यादा अंग्रेजी सीखना पसंद करते हैं क्योंकि अंग्रेजी को पूरी दुनिया में बोला जाता है। अंग्रेजी भी भारत की अधिकारिक भाषाओँ में से एक है। हिंदी दिवस का यह बहुत अधिक महत्व है कि यह हमें हमेशा यह याद दिलाता रहता है कि हिंदी हमारी अधिकारिक भाषा है और यह बहुत अधिक महत्व रखती है।
हिंदी दिवस उत्सव : हिंदी दिवस को स्कूलों , कॉलेजों , और कार्यालयों के साथ-साथ राष्ट्रिय स्तर पर भी मनाया जाता है। इस दिवस पर देश के राष्ट्रपति उन लोगों को पुरस्कार देते हैं जिन्होंने हिंदी भाषा के किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की है। स्कूलों व कॉलेजों में प्रबन्धन समिति के द्वारा हिंदी वाद-विवाद , कविता , कहानी बोलने की प्रतियोगिताएं भी रखी जाती हैं।
संस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और शिक्षक भी हिंदी दिवस के महत्व को समझाने के लिए भाषण देते हैं। बहुत से स्कूल और इंटर स्कूल भी हिंदी वाद-विवाद , हिंदी निबन्ध , कानी लेखन और कविता प्रतियोगिताएं का आयोजन करते हैं। यह दिन हिंदी भाषा को सम्मान देने का होता है जो नई पीढ़ी में लुप्त होता जा रहा है।
हिंदी दिवस को कई कार्यालयों और सरकारी संस्थानों में भी मनाया जाता है। आज के समय में लोग भारतीय संस्कृति को आनन्दित करने के लिए भारतीय जातीय परिधान को पहनते हैं। हिंदी दिवस पर महिलाएं सूट और साड़ियाँ पहनती हैं तो पुरुष कुर्ता पजामा पहनते हैं।
हिंदी दिवस के दिन संस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं और लोग भी उनमे बहुत ही उत्साह के साथ भाग लेते हैं। इस दिन बहुत से लोग हिंदी कविता पढ़ते हैं और हिंदी के महत्व के बारे में भी समझाते हैं।
सबसे अधिक बुलने वाली भाषा : हिंदी भाषा भारत में सबसे व्यापक रूप से प्रयोग की जाने वाली भाषा है। हालाँकि लोग अंग्रेजी भाषा के प्रति आकर्षित होते हैं बहुत से स्कूलों और अन्य जगहों पर इस पर जोर दिया जाता है लेकिन फिर भी हिंदी भाषा हमारे देश में सबसे व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा के रूप में बनी हुई है।
जब वर्ष 2001 में जनगणना का आयोजन किया गया था तब 422 लाख से भी ज्यादा लोगों ने हिंदी का अपनी मातृभाषा के रूप में उल्लेख किया था। देश में किसी भी अन्य भाषा का कुल आबादी का 10% से अधिक उपयोग नहीं किया जाता है। उत्तर भारत की अधिकांश आबादी हिंदी बोलने वाली है।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश , बिहार , झारखंड , छत्तीसगढ़ , हरियाणा , राजस्थान , उत्तराखंड, और झारखण्ड सहित कई भारतीय राज्यों में हिंदी भाषा को अधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार कर लिया गया है। बिहार देश का पहला राज्य था जिसने अपनी एकमात्र अधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया था। बंगाली , तेलुगु और मराठी देश की एनी व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है।
संसार में व्यापक रूप से बोली जाने वाली चौथी भाषा : हिंदी भाषा दुनिया की चौथी व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है। भारत में ज्यादातर जनसंख्या हिंदी बोलने वाली है। अन्य देश जहाँ पर व्यापक रूप से हिंदी बोली जाती है वे देश हैं – पाकिस्तान , नेपाल , मॉरिशस , फिजी , गुयाना और सूरीनाम आदि। पूरी दुनिया भर में लोग हिंदी गीतों और फिल्मों को बहुत पसंद करते है। जो स्पष्ट रूप से हिंदी भाषा के प्रति प्रेम को परिभाषित करते हैं।
हिंदी को प्राथमिकता न मिलना : दुर्भाग्य से भले ही हिंदी भाषा चौथी व्यापक रूप से बोली जाने वाली भाषा है लेकिन इसके मूल देश में ही लोग इसे कुछ महत्व नहीं देते हैं। स्कूल से लेकर कॉलेज, कार्यलयों तक सभी जगह अंग्रेजी को ही प्राथमिकता दी जाती है और हिंदी को अंग्रेजी से पिछाड दिया जाता है। आज के समय में माता-पिता, शिक्षकों और हर व्यक्ति द्वारा लिखित और मौखिक दोनों रूप से ही अंग्रेजी भाषा को सीखने के महत्व पर जोर दिया जाना मानो एक आम बात हो गयी है क्योंकि इससे रोजगार प्राप्त करने में बहुत मदद मिलती है।
यह देखकर बहुत दुःख होता है कि नौकरियों और पाठ्यक्रमों के लिए भी लोगों को स्मार्ट होने की जरूरत पडती है क्योंकि नौकरी पर रखने वाले अधिकारी भी उनका अग्रेजी के संबंधित ज्ञान के आधार पर ही चुनाव करते हैं। बहुत से लोग सिर्फ इस वजह से काम करने के मौके को छोड़ देते हैं क्योंकि वे अंग्रेजी को धाराप्रवाह नहीं बोल पाते हैं भले ही वे काम के बारे में पूरी तरह से जानते हों।
महत्व और प्रतिष्ठा से संबंधित घटनाएँ : बहुत से स्कूल और अन्य संस्थान हर वर्ष हिंदी दिवस मानते हैं। यहाँ पर इस दिन के सम्मान में विशेष समारोहों का आयोजन भी किया जाता है। भारत के पर्व पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने हिंदी से संबंधित बहुत से क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए बहुत से श्रेणियों में पुरस्कार भी प्रदान किये हैं।
हिंदी दिवस के सम्मान में भी विज्ञानं भवन नई दिल्ली में एक समारोह भी आयोजित किया गया था। हिंदी दिवस पर विभागों , मंत्रालयों , राष्ट्रीयकृत बैंकों और सार्वजनिक उपक्रमों को राजभाषा पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
भोपाल में आयोजित होने वाले एक विश्व हिंदी सम्मेलन में भी प्रधामंत्री जी ने कहा कि अंग्रेजी , हिंदी और चीनी डिजिटल दुनिया पर शासन करने जा रहे हैं ताकि भाषा के महत्व पर जोर दिया जा सके। हमारे केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने भी संयुक्त राष्ट्र में हिंदी के लिए अधिकारिक भाषा का दर्जा लेने का भी मुद्दा उठाया था।
हिंदी का योगदान : भारत देश में हिंदी को अधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकृत करने का कदम स्वागत योग्य है हालाँकि हर साल हिंदी दिवस को मनाने का फैसला वाकई काबिले तारीफ है। हिंदी दिवस एक अनुस्मारक है कि जहाँ भी जाएँ हमें अपने आदर्शों और संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए। यही हमें परिभाषित करता है और हमें इसका अंड उठाना चाहिए।
यह दिन विभिन्न सरकारी संस्थानों में उत्साह से मनाया जाता है। बहुत से भारतीयों की कोशिशों की वजह से हिंदी के प्रचार-प्रसार बड़ी तेजी से हो रहा है। पूरी दुनिया में अपने मेहनत और बुद्धिमानी से भारतियों ने उन्नति का मगर खोला है उसे सभी देश ये मानने लगे हैं भारतियों से संबंध अच्छे बनाने के लिए हिंदी एक बेहतरीन माध्यम है।
आज के समय में करोड़ों लोग हिंदी भाषा में कंप्यूटर का प्रयोग कर रहे हैं जी हिंदी के वर्चस्व के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। आज का दौर डिजिटलाईजेशन का है जिसमें भारत के गांवों को भी इससे जोड़ा जा रहा है इंटरनेट को हर कोने तक पहुंचने की पूरी कोशिश की जा रही है। इन सब के लिए हिंदी माध्यम का जरिया पूरी तरह बन गया सके इसके प्रयास लगतार जारी हैं। इन कदमों को उठाने में काफी सफलता भी हासिल हुई है।
हिंदी दिवस मनाने का कारण : हिंदी दिवस को मनाना आज के समय में बहुत अनिवार्य हो गया है। आज के समय में लोग सिर्फ अंग्रेजी पर ही ध्यान देतें हैं। लोगों के बीच सिर्फ उन्हीं लोगों को पढ़ा लिखा माना जाता है जो लोग अंग्रेजी बोल पाते हैं और लिख पाते हैं।
कई जगहों पर तो हिंदी बोलने वाले व्यक्तियों के स्टेट्स पर बहुत फर्क पड़ने लगता है। किसी भी भाषा के साथ उसकी संस्कृति जुडी होती है। हमारे भारत की संस्कृति का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है। जो भी भारतीय इस सांस्कृतिक इतिहास को पूर्ण रूप से नहीं अपनाता है वह भी पूर्ण रूप से भारतीय नहीं होता है।
अत: हमें अपनी संस्कृति को समझने के लिए हिंदी को जानना बहुत जरूरी होता है। देश के लोगों को आज तक अंग्रेजी भाषा के ज्ञान को पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं किया है। कई बार लोग अंग्रेजी भाषा को बोलते समय हिंदी का सहारा लेते हैं। अगर किसी व्यक्ति को हिंदी अच्छी तरह से आती है तो वह किसी भी स्थान पर हिंदी का प्रतिष्ठित रूप से प्रयोग कर सकता है।
हिंदी में ऐसी बहुत सी रचनाएँ हुयी हैं जिन्हें पढकर और उन पर अम्ल करके व्यक्ति के जीवन को बदला जा सकता है। इस तरह की रचनाओं को पढने और समझने के लिए हिंदी को सीखना बहुत जरूरी होता है। हिंदी भाषा से राष्ट्र की एकता और अखंडता को बनाए रखा जा सकता है।
हिंदी दिवस उस दिन को याद करने के लिए मनाया जाता है जिस दिन हिंदी भाषा हमारे देश की अधिकारिक भाषा बनी थी। हिंदी दिवस को जो अंग्रेजी भाषा से प्रभावित हैं उनके बीच हिंदी भाषा के महत्व पर जोर देने और हर पीढ़ी के बीच में इसको बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
इससे युवाओं को अपने पूर्वजों के इतिहास को याद दिलाया जा सकता है। इस बात से किसी भी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ता है कि हम कहाँ तक पहुंच गये हैं और हम क्या करते हैं। अगर हम अपने देश के इतिहास को जान लेंगे तो हम देश की पकड़ को मजबूत बना सकते हैं। हर साल 14 सितम्बर को हिंदी दिवस मनाने से भारतीय संस्कृति को संजोया जा सकता है और हिंदी भाषा का सम्मान भी किया जा सकता है।
उपसंहार : अंग्रेजी एक दुनिया भर में बोली जाने वाली भाषा है लेकिन इसके महत्व को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि हम एक भारतीय हैं और हमें अपनी राष्ट्र भाषा का सम्मान करना चाहिए। हिंदी भाषा को अधिकारिक भाषा के रूप में अपनाने से यह सिद्ध होता है कि जो लोग सत्ता में रहते हैं वो सभी हिंदी के महत्व को पहचानते हैं और यह इच्छा करते हैं कि लोग हिंदी भाषा को भी महत्व दें।
हिंदी दिवस हमारे सांस्कृतिक जड़ों को फिर से देखने और अपनी समृद्धता का जश्न मनाने का दिन होता है। हिंदी हमारी मातृभाषा है और हमें उसका आदर करना चाहिए और उसका मूल्य समझना चाहिए। हिंदी दिवस को बहुत से स्थानों पर बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यही समय है जब लोगों को हिंदी दिवस के महत्व को समझना चाहिए क्योंकि हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा और हमारी संस्कृतिक को याद करने का दिन है।
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