ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क | |
विवरण | यह पार्क 1,171 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में लगभग 754.4 वर्ग किलोमीटर पर फैला है। शेष क्षेत्र ईको जोन में आता है। |
राज्य | हिमाचल प्रदेश |
ज़िला | कुल्लू |
स्थापना | 1984 |
भौगोलिक स्थिति | 31° 44′ 0″ उत्तर, 77° 33′ 0″ पूर्व |
प्रसिद्धि | विश्व विरासत स्थल सूची में शामिल[1] |
विशेषता | पार्क का 754.4 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र कोर जोन, 265.6 वर्ग किलोमीटर ईको जोन में व 61 वर्ग किलोमीटर तीर्थन वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी व 90 किलोमीटर वर्ग का क्षेत्र सैंज सेंक्चुअरी में आता है। |
अन्य जानकारी | ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क सोमवार23 जून, 2014 को प्राकृतिक विश्व धरोहर बन गया। |
बाहरी कड़ियाँ | आधिकारिक वेबसाइट |
अद्यतन | 20:26, 1 जुलाई 2014 (IST) |
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क (अंग्रेज़ी:Great Himalayan National Park, संक्षिप्त नाम: जीएचएनपी) हिमाचल प्रदेश के कुल्लू ज़िले में स्थित है। यह पार्क 1,171 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में लगभग 754.4 वर्ग किलोमीटर पर फैला है। शेष क्षेत्र ईको जोन में आता है। ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क सोमवार 23 जून, 2014 को प्राकृतिक विश्व धरोहर बन गया। यूनाइटेड नेशन एजुकेशनल साइंटिफिक एंड कल्चरल आर्गेनाइजेशन (यूनेस्को) ने दोहा में आयोजित 38वें सत्र में नेशनल पार्क को यह दर्जा दिया।
विश्व विरासत स्थल
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को विश्व धरोहर का दर्जा मिल गया है। कुल्लू ज़िला के इस नेशनल पार्क पर यूनेस्को की विश्व धरोहर टीम ने मुहर लगाई है। 15 से 25 जून को कतर के दोहा में यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शिक्षण वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संघ) टीम की बैठक में विश्व के 32 प्रस्तावों पर मंथन हुआ है। कालका-शिमला रेलवे लाइन के बाद यह दूसरी धरोहर बन गई है, जिसे यह दर्जा मिला है। वर्ष 2012 के मार्च में यूनेस्को ने ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को इसके लिए नामांकित किया था। इसके बाद संबंधित टीम ने डॉ. बॉरबाय के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश दौरे के लिए पहुंची और कई मामलों में नए सिरे से रिपोर्ट सौंपने को कहा। 22 नवंबर 2013 को मांगे गए हर पहलू पर राज्य सरकार ने इसे विश्व धरोहर घोषित करने के लिए प्रस्ताव तैयार किया। दोहा में हुई बैठक में इसके लिए वन विभाग के प्रधान मुख्य अरण्यपाल आरके गुप्ता ने प्रस्तुति दी।
विशेषताएँ
- ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क 90,540 हेक्टेयर में फैला है। पार्क का 754.4 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र कोर जोन, 265.6 वर्ग किलोमीटर ईको जोन में व 61 वर्ग किलोमीटर तीर्थन वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी व 90 किलोमीटर वर्ग का क्षेत्र सैंज सेंक्चुअरी में आता है। पार्क 1,171 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है।
- पार्क में पर्वत श्रृंखला रखुंडी टॉप, घुमतराओ, तीर्थन, पातल, मुझोणी, खोलीपोई, चादनीथाच आती हैं।
- ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में विभिन्न प्रजाति के वन्य प्राणी काला भालू, भूरा भालू, कस्तूरी मृग, बर्फीला तेंदुआ, घोरल के अतिरिक्त मुर्ग प्रजाति के अति दुर्लभ पक्षी जाजुराना व मोनाल, कोकलास सहित पशु-पक्षियों की कुल तीन सौ प्रजातियां पाई जाती हैं। तेंदुओं की भी यहां भरमार है।
- विभिन्न प्रजातियों के औषधीय पौधों की सुगंध यहां आने वालों को अपनी ओर आकर्षित करती है। नौ तरह के मेंढक की भांति पानी और जमीन पर रहने वाले एम्फीबियंस का घरौंदा है।
- ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में सांप की 12 और पक्षियों की तीन ऐसी प्रजातियां भी यहां पर हैं जो विश्व में खत्म होने के कगार पर हैं। इन्हें रेड डाटा बुक में विलुप्त प्राय: प्रजाति में घोषित किया जा चुका है।
- 30 से अधिक स्तनधारियों की प्रजातियां।
- 300 से अधिक पक्षियों की प्रजातियों का घर।
- सैकड़ों दुर्लभ पशुओं का बसेरा।
- पश्चिमी ट्रैगोपैन के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थल।
- भूरे भालू, औबेक्स, काले भालू, कस्तूरी मृग, हिम तेंदुए व हिमालयन थार की दुर्लभ प्रजातियां।
- चंदवा वन, ओक जंगल, अल्पाइन झाड़ियां, उप अल्पाइन समुदायों और अल्पाइन घास।
- बैरबैरिस, इंडिगोफेरा, सारकोकोआ और वाईबर्नम क्षेत्र में देखी जाने वाली वनस्पति
- दुर्लभ प्रजाति के सुगंधित और औषधीय गुणों से भरपूर पौधे।
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