अणु परमाणु एवं परमाणु संरचना

अणु परमाणु एवं परमाणु संरचना

अणु (Molecule) – अणु किसी पदार्थ का वह छोटे से छोटा भाग है जिसमे पदार्थ के सभी गुण उपस्थित हो यह युक्त अवस्था मे रह सकता है | ये दो प्रकार के होते है –

  1. समपरमाणुक – ये अणु तत्वों से मिलकर बने होते है | जैसे – H2 “किसी अणु में उपस्थित कुल परमाणुओं कि संख्या कि परमानुकता कहते है “
  2. विषमपरमाणुकता – ये अणु विभिन्न प्रकार के परमाणुओं से मिलकर बने होते है | जैसे – Hcl, Co2 आदि |
संरचना - अणु परमाणु एवं परमाणु संरचना
अणु परमाणु एवं परमाणु संरचना

परमाणु (Atom) – परमाणु किसी तत्व का वह सूक्ष्म भाग है जो किसी भी रासायनिक परिवर्तन में भाग ले सकता है, परन्तु मुक्तावस्था में नहीं रह सकता है | सभी तत्वों के परमाणु अत्यधिक क्रियाशील होते है लेकिन ये मुक्त अवस्था में न रहकर अपने ही यौगिक के किसी दुसरे या समान तत्व के साथ संयुक्त अवस्था में रहते है | केवल आदर्श गैसों के परमाणु अक्रियाशील होते है और मुक्त अवस्था में रह सकते है |

डाल्टन का परमाणुवाद

भारतीय कृषि कणाद ने सर्वप्रथम परमाणु दिया जिसे यूनानी दार्शनिक यूलिपस तथा डिमोक्राईटिस ने आगे बढाया और 1808 ई. में जान डाल्टन ने प्रयोगों द्वारा इसकी पुष्टि कि | डाल्टन का परमाणुवाद निम्नवत है –

  • प्रत्येक पदार्थ अत्यंत सूक्ष्म कणों से मिलकर बना होता है | जिन्हें परमाणु कहते है | परमाणु अविभाज्य होता है |
  • परमाणु को न तो उत्पन्न किया जा सकता है और न ही नष्ट |
  • एक ही तत्व के सभी परमाणु आकार, द्रव्यमान तथा रासायनिक गुणों के समान होते है किन्तु दुसरे तत्व के परमाणु से भिन्न होते है |
  • रासायनिक परिवर्तनों के परमाणु अपनी निजी सत्ता बनायें रखते है |
  • किसी भी यौगिक के समस्त यौगिक परमाणु आपस में समान होते हैऔर तत्व का संयोजन भार ही परमाणुओं का संयोजन भार होता है |

डाल्टन के परमाणुवाद कि कमियों को दूर कर आधुनिक परमाणुवाद का सिद्धांत दिया जो परमाणु कि विभाज्यता समस्थानिक सम्भारी आदि को व्याखित कर सका |

परमाणु कि सरंचना –

20 वीं सदी के पूर्व तक माना जाता था कि परमाणु अविभाज्य है परन्तु जे.जे. टामसन , रदरफोर्ड, चैडविक आदि ने सिद्ध कर दिया कि परमाणु विभाजित किया जा सकता है | परमाणु में e , प्रोटोन एवं न्युट्रोन आदि स्थाई तथा पाजिस्ट्रान, न्यूट्रिनो, एंटीन्यूट्रिनो तथा मेसान आदि अस्थाई कण होते है |

इलेक्ट्रोन एलेक्ट्रोन कि जे.जे. थॉमसन ने कि थी | इस पर इकाई ऋणावेश होता है | इसका विराम द्रव्यमान 9.1×1019 कुलाम होता है | ये परमाणु के नाभिक के चारों और अपनी निश्चित कक्षाओं में चक्कर काटते है |

  1. प्रोटोन – इसकी खोज रदरफोर्ड ने कि थी | इस पर एलेक्ट्रोन के आवेश के बराबर धनावेश होता है | इसका आवेश 1.6 × 1019 कुलाम होता है | यह परमाणु के नाभिक के साथ साथ स्थित होता है |
  2. न्युट्रोन – इसकी खोज चैडविक ने कि थी | वह विधुत उदासीन कण है| इसका भार प्रोटोन के भार के बराबर होता है | प्रोटोन के साथ नाभिक में न्युट्रोन स्थायी होता है | परन्तु नाभिक के बाहर स्वतंत्र अवस्था में अस्थायी होता है |

परमाणु मॉडल

  1. थॉमसन मॉडल – 1903 ई. में सर्वप्रथम थामसन मॉडल प्रस्तुत किया (जिसके अनुसार ठोस गोलाकार आकृति के समान है जिसमे धनावेशित तथा ऋणावेषित कण समान रूप से वितरित होते है | परमाणु का द्रव्यमान परमाणु के चारों और आसमान रूप से फैला रहता है | थामसन के परमाणु मॉडल ने परमाणु कि विद्युत उदासीनता को तो स्पष्ट कर दिया परन्तु अल्फ़ाकण के रदरफोर्ड के प्रयोगों को स्पष्ट नहीं कर सका |
  2. रदरफोर्ड का मॉडल – रदरफोर्ड ने 1911 ई. में कणों के प्रकीर्णन प्रयोग से प्राप्त निष्कर्षो से परमाणु मॉडल प्रस्तुत किया |
  3. परमाणु अतिसूक्ष्म, गोलाकार, विधुत उदासीन कण है जो धनावेशित नाविक और इसके बाहरी भाग जिसमे इलेक्ट्रोन रहते है से बना है |
  4. परमाणु का कुल धनावेश और लगभग समस्त द्रव्यमान केंद्र में संचित रहता है जिसे नाभिक कहते है |
  5. परमाणु में इलेक्ट्रोन नाभिक के चारो और घूमते है |
  6. परमाणु में एलेक्ट्रोनो कि संख्या परमाणु नाभिक पर स्थित धनावेशों कि संख्या से बराबर होती है | इसीलिए परमाणु उदासीन होते है |
  7. एलेक्ट्रोनों पर नाभिक आकर्षण बल आरोपित करता है | एलेक्ट्रोनों के परिक्रमण से उत्पन्न अपकेंद्र बल नाभिक के आकर्षण बल को संतुलित करता है इससे इलेक्ट्रोन नाभिक में नहीं गिरता है |

नील्स बोर ने 1913 ई. में रदरफोर्ड के दोषों को दूर कर नया मॉडल क्वांटम सिद्धांत दिया |

नील्स बोर मॉडल

  • बोर ने हैड्रोजन स्पेक्ट्रम कि व्याख्या कर क्वांटम मैकेनिकल मॉडल प्रस्तुत किया |
  • परमाणु के केंद्र में नाभिक होता है, जहाँ प्रोटोन तथा न्युट्रोन स्थित होते है | नाभिक का आकार बहुत छोटा होता है |
  • इलेक्ट्रोन नाभिक के चारों ओर एक निश्चित गोलाकार पथ के चक्कर लगाते है जिन्हें ऊर्जा स्तर कहते है | नाभिक व इलेक्ट्रोन के बीच में एक आकर्षण बल कार्य करता है जो एलेक्ट्रोन के अभिकेन्द्रीय बल के बराबर होता है |
  • प्रत्येक ऊर्जा स्तर की एक निश्चित ऊर्जा होती है |
  • ऊर्जा स्तर को क्रमश: K, L, M, N (1,2,3,4) कहते है |
  • जब एक इलेक्ट्रोन उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर में आता है या निम्न ऊर्जा स्तर से उच्च ऊर्जा स्तर में जाता है तो इसमें ऊर्जा परिवर्तन होता है निम्न कक्षा से जाने में पर ऊर्जा का अवशोषण तथा उच्च से निम्न में जाने पर ऊर्जा का उत्सर्जन होता है |
  • एलेक्ट्रोन नाभिक के चारों और केवल उन्हीं कक्षाओं में घूम सकता है जिनमे उसका कोणीय संवेग ( m v r ) n/2A का सरल गुणांक होता है |

अर्थात m v r = n, n/2A

जहाँ

n मुख्या क्वांटम संख्या = 1,2,3 या 4

v इलेक्ट्रोन का वेग,त कक्षा की त्रिज्या

m इलेक्ट्रोन का द्रव्यमान, द प्लांक नियतांक

इलेक्ट्रानिक विन्यास

परमाणु में इलेक्ट्रान नाभिक के चारो ओर विभिन्न कक्षाओं में घूमते रहते है | नील्स बोर तथा बरी ने परमाणु कि विभिन्न कक्षाओं में इलेक्ट्रोनो कि संख्या ज्ञात करने के कुछ नियम बताये इसे बोर बरी योजना कहते है |

  • किसी कक्षा में इलेक्ट्रोनों कि अधिकतम संख्या 2n2 होती है जहाँ n कक्षा कि संख्या है |
  • परमाणु कि सबसे बाहरी कक्षा में 8 से अधिक तथा इससे पहली वाली कक्षा में 18 से अधिक इलेक्ट्रोन नहीं हो सकते है |
  • आवश्यक नहीं है कि कक्षा में इलेक्ट्रोनो कि संख्या 2n2 के अनुसार ही पूर्ण होने पर कि इलेक्ट्रोन उससे अगली कक्षा में जायेगें, अपितु जब बाह्य कक्षा में 8 इलेक्ट्रोन हो जाते है तो इलेक्ट्रोन नयी कक्षा में प्रवेश करना प्रारम्भ कर देते है |
  • सबसे बाहरी कक्षा में 2 से अधिक तथा उससे पहली वाली कक्षा में 9 से अधिक इलेक्ट्रोन तब तक नहीं हो सकते जब तक कि बाहर कि तीसरी कक्षा में इलेक्ट्रोनो कि संख्या 2n2 के अनुसार पूर्ण न हो जाये |

इस नियम से किसी तत्व का परमाणु क्रमांक तथा परमाणु भार ज्ञात होने पर उस तत्व कि परमाणु संख्या ज्ञात कि जा सकती है इस नियम के कुछ तत्व अपवाद है | जैसे – कॉपर, सिल्वर, सोना, क्रोमियम आदि |

  • कोषइलेक्ट्रोन नाभिक एक चारों ओर निश्चित कक्षाओं के चक्कर लगाते रहते है | इलेक्ट्रोन तक इन कक्षाओं के चक्कर लगते रहते है | तब तक वे ऊर्जा का उत्सर्जन या अवशोषण नहीं करते है | इन कक्षाओं को मुख्या ऊर्जा स्तर या कोष कहते है | इन कक्षाओं को K L M N 1,2,3,4 से प्रदर्शित किया जाता है | प्रत्येक कोष में अधिकतम इलेक्ट्रोन कि संख्या 2n2 संख्या होती है | जहाँ n कोष संख्या है | आधुनिक परमाणु मॉडल के आधार पर उन्हें मुख्या क्वांटम संख्या कहते है |
  • उपकोष – प्रत्येक कोष या मुख्या ऊर्जा के स्तर कि ऊर्जाएं समान नहीं होती है | कोषों को पुन: छोटे छोटे कोषों में विभाजित किया गया है |जिन्हें उपकोष कहते है इन्हें क्रमश: s, p, d, f अक्षरो से प्रदर्शित करते है | प्रथम कोष को एक, द्वितीय कोष को दो, तृतीय कोष को तीन तथा चतुर्थ कोष को चार उपकोषों में विभाजित किया गया है |
  • कक्षक – किसी परमाणु के नाभिक के चारों और का वह त्रिविमीय क्षेत्र जहाँ इलेक्ट्रोन पाए जाने कि सम्भावना अधिकतम होती है कक्षक कहलाता है |

नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रोन तीव्र गति से परिक्रमा करते है | इस कारण नाभिक के आस पास ऋणात्मक विधुत आवेश का एक धुंधला बादल सा बन जाता है | जिसे इलेक्ट्रोन मेध कहते है | इलेक्ट्रोन मेघ में ही इलेक्ट्रोन के पाये जाने कि प्रायिकता अधिक होती है |

ऑफबाऊ का नियम

ऑफबाऊ जर्मन भाषा का शब्द है जिसका अभिप्राय बनाना या रचना है | तत्वों के इलेक्ट्रोनिक विन्यास बनाने का नियम ऑफ बाऊ नियम कहलाता है | इस नियम के अनुसार किसी भी परमाणु में उपस्थित विभिन्न कक्षकों में इलेक्ट्रोन ऊर्जा के बढ़ते क्रम में प्रवेश करता है | इलेक्ट्रोन जब 1s कक्षक प्रवेश करता है और जब 1s कक्षक पूर्ण हो जाता है तो इलेक्ट्रोन 2s कक्षक में प्रवेश करता है | जब 2s कक्षक पूर्ण हो जाता है तो इलेक्ट्रोन 2p कक्षक में प्रवेश करता है | इस प्रकार इलेक्ट्रोन ऊर्जा के बढ़ते क्रम में रिक्त कक्षकों में प्रवेश करते है | ऊर्जा का बढ़ता क्रम निम्न प्रकार है |

पाउली का अपवर्जन नियम

इसके अनुसार किसी भी परमाणु के किसी भी दो एलेक्ट्रोंनो के लिए चारों क्वांटम संख्या का मान एक समान नहीं हो सकता | यदि किसी पर बाकी तीनों क्वांटम संख्याओं का मान समान हो भी जाय फिर भी स्पिन क्वांटम संख्या का मान (+1/2 व 1/2 ) समान नहीं होता है |

हुंड का नियम

इसके अनुसार किसी भी आर्बिटल में इलेक्ट्रोन इस प्रकार भरते है कि युग्मित इलेक्ट्रोनों कि संख्या जिनके स्पिन समान हो सबसे अधिक अर्थात किसी भी आर्बिटल के उपकोषों में इलेक्ट्रोन सर्वप्रथम एक एक करके जाते है तथा बाद में युग्म बनाते है |

वेपरमाणु जिनमे इलेक्ट्रोनयुग्मित रहते है वेपराचुम्बकीय तथा वे परमाणु जिनमेइलेक्ट्रोनयुग्मित रहते हैअनुचुम्बकीयकहलाते है |

किसी धातु कि सतह को प्रकाश के समक्ष रखने पर होने वाला इलेक्ट्रोनों का उत्सर्जन विधुत प्रभाव कहलाता है | उत्सर्जित इलेक्ट्रोन को फोटों इलेक्ट्रोन कहते है |

वह न्यूनतम विभव जिस पर फोटों विधुत धारा शुन्य हो जाती है, प्रतिरोध विभव कहलाता है |

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Molecule atomic and atomic structure

Molecule – The molecule is a small part of a substance in which all the properties of the substance are present, it can remain in a suitable state. These are of two types –

1. Atomic – These molecules are made up of elements. Like – H2 “the number of atoms present in a molecule that is called atomicity”

2. Heteroconstrom – These molecules are composed of different types of atoms. Eg – Hcl, Co2 etc.

Atom (Atom) – Atom is the microscopic part of any element that can participate in any chemical change, but can not remain in the state of liberation. Atoms of all the elements are highly functional but they remain in free state and remain in unified state with any other or similar element of their own compound. Only atoms of ideal gases are inactive and can remain in free state.
Dalton’s atomism

Indian farming first gave the atom an atom that the Greek philosopher Yulipas and Democrites went forward and in 1808 AD, John Dalton confirmed it through experiments. Dalton’s atomicity is as follows –

· Each substance is made up of very subtle particles. Called atoms. Nuclear is indivisible.

· Nuclear can not be produced nor destroyed.

· All atoms of the same element are equal in size, mass and chemical properties, but are different from the atom of another element.

· The atom of chemical changes keeps their personal power.

· All compounds of any compound are equal in nature and the combination of element is the weight of the combination of atoms.

The defining of Dalton’s atomicism gave the theory of modern atomism which could explain the nuclear divisor, which isotopes, etc.
Structure of atom –

Until the early 20th century it was believed that atoms are inseparable but J.J. Tomson, Rutherford, Chadwick etc. proved that nuclear can be divided. Atoms are e, proton and neutron, etc. are permanent and posistran, neutrino, antineutrinos and mans etc. are temporary particles.

Electron – electron that JJ Thomson had. The unit is on the loan. Its break speed is 9.8 × 1019. They revolve around the nucleus of the atom and in their fixed orbit.

1. Proton – What was Rutherford’s quest for it? This is the amount of money spent on the electron’s charge. It has a charge of 1.6 × 1019. It is located along with the atom’s nucleus.

2. The neutron – it was discovered by Chadwick. That is a loose nostalgic particle. Its weight is equal to the weight of the proton. Neutron is permanent in the nucleus with proton. But outside the nucleus is temporary in an independent state.

Nuclear model

a Thomson model – first introduced Thomson model in 1903 (according to which it is similar to a solid circular shape in which the well-ventured and neglected particles are distributed evenly. The mass of atom is spread all over the atom and in the sky. Thomson’s atom The model made the electro apathy clear of atom, but could not explain the experiments of Rutherford of Alphabet.

b. Model of Rutherford – Rutherford presented the nuclear model in 1911 AD by the conclusions obtained from the dispersion of particles.

1. Nuclear is a miniature, spherical, decayed crystalline particle composed of the passenger sailor and its outer part in which the electrons live.

2. The total wealth of the atom and almost all masses are stored in the center called the nucleus.

3. In the atom the electron revolves around the nucleus.

4. The number of electrons in the atom is equal to the number of receptors located on the atomic nucleus. That is why atoms are depressed.

5. Nucleic attraction force attaches to electrons. The uppermost force generated by the rotation of electrons balances the force of the nucleus, hence the electron does not fall into the nucleus.

Neils Bore removed the Rutherford flaws in 1913 and gave the new model quantum theory.
Niels Bor model

· Bore explains the hydrogen spectrum and presented the Quantum Mechanical Model.

· Nuclei in the center of the atom, where protons and neutron are located. The size of the nucleus is very small.

· Electrons round around a fixed circular path around the nuclei, which are called energy levels. A charm force acts between the nucleus and the electron, which is equal to the electrostatic force of the electron.

· Each energy level has a certain energy.

· The energy level is called K, L, M, N (1,2,3,4) respectively.

· When an electron comes in low energy level from high energy level or goes from lower energy level to high energy level then energy changes in it, due to low absorption of energy and low emissions of energy Occurs.

· Electron can roam around the nucleus and only in those classes, which has a simple coefficient of its angular momentum (m v r) n / 2a.

That is, m v r = n, n / 2A

Where

n prime quantum number = 1,2,3 or 4

v velocity of electron, radius of radius

m mass of electrons, the plank determinant
Electronic configuration

Electra at atom

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