Sarvanam in Hindi (सर्वनाम):
सर्वनाम की परिभाषा :- जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त किए जाते हैं, वे सर्वनाम (Sarvnam) कहलाते हैं।
सर्वनाम सभी संज्ञा शब्दों के स्थान पर प्रयोग होने वाले वे शब्द हैं, जो भाषा को संक्षिप्त एवं रचना की दृष्टि से सुंदर बनाने में सहायक होते हैं।
“पूजा ने कहा कि पूजा कल विद्यालय नहीं जाएगी, क्योंकि पूजा को दिल्ली जाना है। पूजा पूजा की नानी जी को देखने दिल्ली जा रही है। पूजा की नानी जी बीमार हैं।”
उपर्युक्त पंक्तियों में “पूजा” नाम बार-बार आने से भाषा सटीक नहीं लग रही है।
नाम की पुर्नावृति (repetition) से भाषा के प्रवाह में भी रुकावट उत्पन्न हो रही है।
हम इन वाक्यों को ऐसे भी लिख या बोल सकते हैं-
पूजा ने कहा कि वह कल विद्यालय नहीं जाएगी, क्योंकि उसे दिल्ली जाना है।
वह अपनी नानी जी को देखने दिल्ली जा रही है।
उसकी नानी जी बीमार हैं।
इस बार पूजा नाम की आवृत्ति से बचने के लिए पूजा के स्थान पर वह, उसे, अपनी शब्दों का प्रयोग किया है। ये शब्द सर्वनाम कहलाते हैं।
सर्वनाम शब्द दो शब्दों के योग से बना है – सर्व + नाम।
सर्व का अर्थ है-सबका अर्थात् जो शब्द सबके नाम के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं।
मैं
तू
तुम
आप
हम
यह
वह
जो
कोई
कुछ
क्या, आदि सर्वनाम हैं।
सर्वनाम सभी प्रकार की संज्ञाओं (नामों) के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं। अत: संज्ञा के समान ही विकारी शब्द होने के कारण इनमें भी कारक के कारण विकार या परिवर्तन आता है-जैसे- तू, तुमको, तुझको, तुझे, तेरा, तेरे लिए, तुझमें, आदि।
संज्ञा के समान ही सर्वनाम के भी दो वचन होते हैं-
(क) एकवचन ; जैसे-मैं, तू, यह, वह, आदि।
(ख) बहुवचन ; जैसे-हम, तुम, ये, वे, आदि।
सर्वनाम शब्द दोनों लिंगों में एक जैसे ही रहते हैं; जैसे-
मैं, तू, तुम, आप, आदि तथा लिंग-संबंधी जो प्रभाव वाक्य में दिखाई देता है, वह क्रिया-पदों से स्पष्ट होता है;
जैसे-(क) वह जाता है। (ख) वह जाती है।
सर्वनाम के निम्नलिखित छह भेद हैं
1. Purush Vachak Sarvnam – पुरुषवाचक सर्वनाम
2. Nishchay Vachak Sarvnam – निश्चयवाचक सर्वनाम
3. Anishchay Vachak Sarvnam – अनिश्चयवाचक सर्वनाम
4. Prashan Vachak Sarvnam – प्रश्नवाचक सर्वनाम
5. Sambandh Vachak Sarvnam – सम्बन्धवाचक सर्वनाम
6. Nij Vachak Sarvnam – निजवाचक सर्वनाम