मिट्टी का कटाव – Soil Erosion के कारण और उपाय
मिट्टी का कटाव (SOIL EROSION)
हवा या पानी की गति से भूमि के ऊपर की सतह की उपजाऊ मिट्टी नष्ट हो जाती है तो इस क्रिया को मिट्टी का कटाव (soil erosion) कहते हैं. यह समस्या भयंकर है क्योंकि इससे लाखों एकड़ भूमि खेती की दृष्टि से व्यर्थ हो जाती है.
मिट्टी के कटाव के प्रमुख कारण
- पेड़ों को नष्ट कर देने से जमीन पर हवा और पानी का बहाव तेज हो जाता है.
- कई बार मवेशियों को चराने से मिट्टी ढीली और वनस्पति नष्ट हो जाती है.
- वर्षा होने पर पहाड़ी ढालों पर खेती करने से भी मिट्टी का कटाव शीघ्र होने लगता है.
- आजकल पेड़ों को जलाना, काटना आम हो गया है. यह भी soil erosion का मुख्य कारण है.
वनस्पति मिट्टी के अपरदन को कम करती हैं. इनकी जड़ें मिट्टी को पकड़े रहती हैं और उन्हें बहने से रोकती है. वनस्पति की एक और विशेषता है कि वनस्पति हवा और पानी के वेग को भी रोकती है. इस प्रकार आँधी या बाढ़ों का वेग कम हो जाता है. वनस्पतियों की जड़ें जल को सोख कर रखती हैं और तने हवा की गति को रोकते हैं. वनस्पति के नष्ट हो जाने पर हवा मिट्टी को शीघ्रता से काट देती है और पानी ढालों और बहावों के स्थानों की मिट्टी को काट देता है. इस प्रकार उपजाऊ मिट्टी नष्ट होकर नदियों में पहुँच जाती है और गाद (silt) जमा हो कर पानी का स्तर (level) ऊपर आ जाता है जो आगे जा कर बाढ़ का कारण बनती है.
SOIL EROSION को रोकने के उपाय
- वृक्षारोपण या वन लगाना है
- पशुओं के चरने पर नियंत्रण
- गोलाई में अर्थात् कंटूर रेखाओं की तरह जुताई करने से भी हवा या पानी मिट्टी को सरलतया से नहीं काट सकते
- बाँध (embankments) बनाने से भी मिट्टी का कटाव रुकता है
- भूमि वनस्पति-शून्य नहीं छोड़ी जाए या खेत में कोई वनस्पति न हो तो उसमें कुछ बो देना चाहिए. कई जगह मानसून के महीनों में ऐसी फसलें बोयी जाती हैं जो मिट्टी के कटाव को रोकने के साथ-साथ मिट्टी को उपजाऊ बनाने का भी काम करती है.