तत्वों के विशिष्ट गुण
तत्वों के विशिष्ट गुण:-
नमीकरण – कुछ यौगिक जब वायुमंडल में खुले में रख दिए जाते है तो वे नमी को अवशोषित कर लेते है यह गुण नमीकरण कहलाता है |
- साधारण नमक – इसमें यह गुण नहीं पाया जाता है | परन्तु मैग्नीशियम क्लोराइड की अशुद्ध के कारण यह नम हो जाता है |
- प्रस्फटन – कुछ कृष्टलीय पदार्थ अनपे कृष्टलीय जल को वायुमंडल में निकाल कर चूर्ण रूप में परिवर्तित हो जाते है जैसे फेरस सल्फेट, सोडियम कार्बोनेट आदि |
- आधातवर्धनीयता – कुछ ठोस पदार्थ पीटने पर टूटने के स्थान पर पतली चादरों के रूप में परिवर्तित हो जाते है | ठोसों में इस गुण को आधातवर्धनीयत कहते है | जैसे – सोना, चांदी, ताँबा आदि| सोना सबसे अधिक आधातवर्धनीय धातु है |
- आद्रताग्राही – पदार्थो में वायुमंडल की नमी को ग्रहण करने की क्षमता को कहते है | पदार्थों के इस गुण को हैग्रोस्कोपी कहते है |
तन्यता – कुछ पदार्थों में ऐसे गुण पाए जाते है जिनके पतले तार बनाये जा सकते है पदार्थ के इस गुण को तन्यता कहते है |
लचीलापन – पदार्थों के वे गुण जिसके द्वारा वे लगाये गये विरुपक बल का विरोध कर पुन: अपनी स्वाभाविक अवस्था को प्राप्त कर लेते है | लचीलापन कहलाता है |
कोमलता – पदार्थो का वह गुण जिसके कारण पदार्थ पुन: अपनी स्वाभाविक अवस्था में नहीं आ पाते कोमलता कहलाता है |
भंगुरता – कुछ ठोस पदार्थ को हथौड़े से पीटने पर छोटे छोटे टुकड़ों में परिवर्तित हो जाते है | इस गुण को भंगुरता कहते है |
कठोरता – विभिन्न पदार्थ एक दुसरे की तुलना में कम या अधिक कठोर होते है | कठोरता की माप मोह स्केल द्वारा की जाती है | मोह स्केल पर इसकी माप 10 है |
मिश्रण – दो या दो से अधिक यौगिकों या तत्वों सी अनिश्चित अनुपात में मिलाने पर प्राप्त द्रव्य को मिश्रण कहते है | यह दो प्रकार का होता है –
- समांगी मिश्रण – इसके प्रत्येक भाग से गुण व धर्म एक समान होते है | जैसे – नमक का जलीय विलयन |
- विषमांगी मिश्रण – इसमें प्रत्येक भाग में गुण व धर्म एवं संघटन भिन्न भिन्न होते है | जैसे – बारूद |
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