राजस्थान में परिवहन
- राजस्थान राज्य का औद्योगिक विकास, बहुमूल्य खनिज सम्पति का उपयोग तथा कुशल प्रशासन केवल परिवहन के साधनों के विकास पर ही निर्भर है | यह राजस्थान जैसे कृषि प्रधान क्षेत्र में प्राथमिक आवश्कता के रूप में महत्व रखता है |
- राजस्थान में सडक, रेलमार्ग व वायुयानों तीनो ही है किन्तु राज्य की विशालता को देखते हुए सभ मार्गो की लम्बाई बहुत कम है |
- ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों की और वस्तुओं को ले जाना तथा अन्य राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश व देहली को भी खाद्य अनाज, कपास, तिलहन आदि का निर्यात किया जाता है |
- राज्य के उपजाऊ क्षेत्र जहां गन्ने का आधिक्य है वहां बैलगाड़ी, ऊंटगाड़ी तथा अन्य लारियों से ये वस्तुएं स्थानांतरित की जाती है जबकि इस प्रकार के कच्चे माल और पक्के माल के परिवहन के लिए न केवल रेल अपितु सडक परिवहन की भी आवश्कता होती है |
- राज्य में 4,00,0000 तन नमक का स्थानान्तरण अन्य राज्यों को किया जाता है | यह पूर्ण रूप से सडक एवं रेल पर निर्भर है |
- जिप्सम, चुना, काँच, बलुआ, घीया पत्थर, बालुका, मैग्नीज अयस्क, संगमरमर, इमारती वस्तुएं आदि खनिजों में मुख्य वस्तुएं है जिन्हें परिवहन सुविधाओं की आवश्कता होती है |
- राजस्थान में सडकें – राजस्थान के प्रमुख परिवहन के साधनों में सडक परिवहन का महत्वपूर्ण स्थान है सडकों से व्यापार में वृद्दि तथा कृषि उपज को अच्छे बाजार भी मिलते है |
- राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 –दिल्ली से मुम्बई तक बना हुआ है | राज्य में इसकी कुल लम्बाई 677 किमी. है | यह राजमार्ग राज्य के जयपुर, अजमेर, राजसमंद, उदयपुर, डूंगरपुर से होकर गुजरता है |
- प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना का शुभारम्भ 25 दिसम्बर 2000 को किया गया है | इस योजना के अंतर्गत एक हजार वाले सभी ग्रामों को 2003 से पूर्व तथा 500 जनसंख्या वाले गाँवों को 2007 से पूर्व सडकों से जोड़ा जाना है |
- मिसिंग लिंक योजना – राज्य में सडकों में मध्य छूटे हुए कई हिस्सों को पूर्ण करने की वर्ष 2003-04 में प्रारम्भ की गई परियोजना |
- जयपुर रिंग रोड परियोजना – जयपुर शहर के चारों और के राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ने हेतु रिंग रोड बनाने की प्रस्तावित परियोजना | यह 18 लेंन की होगी |
- रिडकोर (RIDCOR-Road Infrastructure Development Co. Of Rajasthan) – राजस्थान सरकार व इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग व फाइनेंशियल सर्विसेज की 50:50 की भागीदारी से गठित संयुक्त उपक्रम, जो राज्य में जुलाई 2005 से 1,019 किमी. लम्बे निम्न चार उच्च मार्गो का निर्माण वर्तमान में कर रहा है |
फलौदी (जोधपुर) से रामजी की गोल (जालौर) – 260 किमी.
हनुमानगढ़ से किशनगढ़ (अजमेर) – 410 किमी.
अलवर से सिकन्दर (दौसा) – 82 किमी.
लालसोट (दौसा) से कोटा एवं बांरा से झालावाड – 267 किमी.
- सडक उन्नयन एवं सुद्रडीकरण परियोजन – सडकों के उन्नयन हेतु 12 सितम्बर 2001 से प्रारम्भ की गई योजना जो सार्वजनिक निर्माण विभाग, राजस्थान कृषि विपणन बोर्ड येग्व्म नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित है |
- राजस्थान सडक विकास निधि (RRDF) – सडक विकास हेतु अतिरिक्त संसाधन जुटाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा राजस्थान सडक विकास निधि विधेयक 2004 के अधीन स्थापित निधि जिसमे पेट्रोल एव हाई-स्पीड डीजल के विक्रय पर 07.09.2007 में 50 पैसे प्रति लीटर की दर से उपकर (Cess) लगाया गया है |
- RIDF-X परियोजना – नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित 825 करोड़ रूपये की यह परियोजना वर्ष 2004-05 सडकों के उन्नयन एवं विकास हेतु प्राम्भ की गई है |
राजस्थान में सर्वाधिक लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग | N.H. 15 |
राजस्थान में सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग | N.H. 71 B |
सर्वाधिक राजमार्गो की संख्या वाला जिला | अजमेर (5) – (8, 14, 79, 79 ए, 89) |
राजस्थान में नवीनतम घोषित (2001-2002) राष्ट्रीय राजमार्ग) | प्रस्तावित तथा 79 ए |
राजस्थान में नवीनतम घोषित (2003-04) राष्ट्रीय राजमार्ग | 11 बी, 112, 113, 114 तथा 116 |
वर्तमान में सडकों की स्थिति
भारत | राजस्थान | |
सडकों की लम्बी | 33.20 लाख किमी. | 1,87,810 किमी. |
सर्वाधिक लम्बी सडकों वाला जिला राज्य/जिला | महाराष्ट्र | जोधपुर |
न्यूनतम सडक वाला राज्य/जिला | सिक्किम | धौलपुर |
सडक घनत्व (प्रति 100 वर्ग किमी.) | 102.92 किमी. | 48.83 किमी. |
राष्ट्रीय राजमार्ग- संख्या | 221 | 19 |
राष्ट्रीय राजमार्ग – कुल लम्बाई | 65,569 किमी. | 5,655 किमी |
सर्वाधिक लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग | NH-7 (2,369 किमी.) | NH-15 (874 किमी.) |
सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग | NH-47A (6 किमी) (वाराणसी से कन्याकुमारी) | NH-71B |
राष्ट्रीय राजमार्गो की सर्वाधिक लम्बाई वाला राज्य/जिला | उत्तर प्रदेश | जोधपुर (504 किमी.) |