रक्त समूह (Blood Group) के प्रकार
types of Blood group in hindi
ब्लड ग्रुप
सबसे पहले 1901 में ब्लड ग्रुप की जानकारी हुई, उसके बाद से इसे लेकर कई रोचक और दिलचस्प शोध भी होते रहे हैं। ब्लड-ग्रुप 8 तरह के होते हैं – ए, बी, एबी और ओ पॉजिटिव या निगेटिव। केवल समान ब्लड ग्रुप वाले व्यक्तियों के खून की अदला-बदली हो सकती है। ब्लड ग्रुप में अंतर खून में पाए जाने वाले अणुओं, जिन्हें एंटीजन और एंटीबॉडी कहते हैं, के कारण होती है। एंटीजन, खून में पाई जाने वाली लाल रक्त कणिकाओं की सतह पर पाए जो हैं और एंटीबॉडी ब्लड प्लाजमा में। आमतौर पर लोगों में पाया जाने वाला ब्लड ग्रुप आनुवांशिक होता है।
ए पॉजिटिव A(+)
जिन लोगों का ब्ल्ड ग्रुप ए पॉजिटिव होता है उनमें अच्छी नेतृत्व क्षमता देखी जाती है। ए पॉजिटिव रक्त समूह वाले लोग अच्छे तरीके से नेतृत्व कर सकते हैं। वे सबको साथ लेकर चलने और सबका विश्वास हासिल करने में यकीन रखते हैं। अगर आपका रक्त समूह ए पॉजीटिव है तो आप ए पॉजीटिव, ए नेगेटिव, ओ पॉजीटिव और ओ नेगेटिव ब्लड ग्रुप का ब्लड ले सकते हैं।
ए निगेटिव A(-)
ए निगेटिव रक्त समूह वाले लोगों को मेहनती माना जाता है। ऐसे लोग मेहनत करने से पीछे नहीं हटते हैं। कठिन और लगातार काम करने में भी इनको कोई परहेज नहीं है। ये लोग मानते हैं कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। जिन लोगों का ब्लड ग्रुप ए नेगेटिव है उन्हें ए नेगेटिव और ओ नेगेटिव वाले लोगों का ब्लड ही चढ़ाया जा सकता है।
एबी पॉजिटिव AB(+)
इस रक्त समूह वाले लोग को आसानी से समझा नहीं जा सकता है। ऐसे लोगों को समझना बहुत मुश्किल होता है, किसी को नहीं पता कि वे कब क्या सोच सकते हैं। क्योंकि उनकी प्रकृति कभी भी एक जैसी नहीं होती है। एबी पॉजीटिव यूनिवर्सल रिसीवर होता है। यानी उसे एबी पॉजीटिव, एबी नेगेटिव, ओ पॉजीटिव, ओ नेगेटिव, ए पॉजीटिव, ए नेगेटिव तथा बी पॉजीटिव व बी नेगेटिव कोई भी रक्त चढ़ाया जा सकता है।
एबी निगेटिव AB (-)
एबी निगेटिव रक्त समूह वाले लोगों का दिमाग बहुत तेज चलता है, इन लोगों को बहुत बुद्धिमान माना जाता है। इस ब्लड ग्रुप के लोग आसानी से किसी बात को समझ लेते हैं। इनका दिमाग उन सब बातों को समझ लेता है, जिन्हें आमतौर पर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसे लोगों को जरूरत पड़ने पर एबी नेगेटिव, ए नेगेटिव, बी नेगेटिव और ओ नेगेटिव ब्लड ग्रुप चढ़ाया जा सकता है।
ओ पॉजिटिव O (+)
ओ पॉजिटिव ब्लड ग्रुप के लोगों के लिए यह माना जाता है कि वे पैदा ही हुए हैं लोगों की मदद करने के लिए। ऐसे लोग दूसरों की मदद करने में पीछे नही हटते और अपना जीवन दूसरों की सहायता में भी बिता सकते हैं। ओ पॉजीटिव को यूं तो यूनिवर्सल डोनर कहा जाता है, लेकिन जब आप रक्त रिसीव करने की होती है, तो उन्हें केवल ओ नेगेटिव और ओ पॉजीटिव रक्त ही चढ़ाया जा सकता है।
ओ निगेटिव 0(-)
इस रक्त समूह के लोगों की सोच ही संकरी होती है। ओ निगेटिव ब्लड ग्रुप वाले लोग दूसरों के बारे में अधिक सोचते नहीं, क्योंकि इनके दिमाग में खुद के अलावा किसी दूसरे के लिए खयाल नहीं आता। ऐसे लोग संकीर्ण मानसिकता वाले होते हैं। ये लोग नये विचारों को आसानी से स्वीकार नहीं करते। ओ नेगेटिव वाले लोग केवल ओ नेगेटिव रक्त की रिसीव कर सकते हैं।
बी पॉजिटिव B(+)
ऐसे लोगों का दिल दूसरों के लिए दरिया की तरह होता है। इस रक्त समूह वाले लोग दूसरों की मदद करने में पीछे नहीं हटते और दूसरों के लिए बलिदान भी दे सकते हैं। इन लोगों के लिए रिश्ते बहुत मायने रखते हैं। ये हमेशा किसी के लिए कुछ न कुछ करना चाहते हैं। बी पॉजीटिव ब्लड ग्रुप वाले लोगों को बी पॉजीटिव, बी नेगेटिव, ओ पॉजीटिव और ओ नेगेटिव ब्लड ग्रपु का रक्त चढ़ाया जा सकता है।
बी निगेटिव B(-)
इस रक्त समूह वाले लोगों की प्रवृत्ति ठीक नहीं मानी जाती है। ऐसे लोग स्वार्थी होते हैं और दूसरों से ज्यादा खुद के बारे में सोचते हैं। ऐसे लोग किसी की सहायता करने में भी विश्वास नहीं रखते हैं। इन लोगों का दृष्टिकोण भी नकारात्मक होता है। बी नेगेटिव वाले लोगों को जरूरत पड़ने पर बी नेगेटिव और ओ नेगेटिव रक्त समूह का रक्त ही चढ़ाया जा सकता है।
कितने सामान्य होते हैं
ओ और ए पॉजीटिव ब्लड ग्रुप तीन में से एक आदमी का होता है। वहीं औसतन हर 12 में से एक आदमी का रक्त समूह बी पॉजीटिव होता है। ओ नेगेटिव हर 15 में से एक व्यक्ति का। ए नेगेटिव हर 16 में से एक व्यक्ति का। एबी पॉजीटिव हर 33 में से एक व्यक्ति का। बी नेगेटिव हर पचास में एक व्यक्ति का और एबी नेगेटिव हर सौ में से एक व्यक्ति का ब्लड ग्रुप होता है।
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