विटामिन A
विटामिन ए क्या है:-
विटामिन ए का आविष्कार 1931 में हुआ था. आसानी से जल, तेल और वसा में घुलने वाला विटामिन ए मुख्य रूप से रेटिनॉइड और कैरोटिनॉइड के रूप में पाया जाता है. ज़्यादातर विटामिन ए गहरे रंग वाली सब्जियों और फलों में पाया जाता है और इसी कारण इन सब्जियों का गहरा और चमकीला रंग होता है. लगभग 600 प्रकार के कैरोटिनॉइड में से बीटा-कैरोटीन, अल्फा-कैरोटीन और बीटा-जिन्थोफिल अधिक महत्वपूर्ण हैं. इसी कारण इन्हें प्रोविटामिन ए कहा जाता है.
विटामिन A – विटामिन ए दो फार्म में पाए जाते हैं, रेटिनॉल और कैरोटीन। विटामिन ए आंखों के लिए बहुत जरूरी होता है। यह विटामिन शरीर में अनेक अंगों जैसे त्वचा,बाल, नाखून, ग्रंथि, दांत, मसूड़ा और हड्डी को सामान्य रूप में बनाए रखने में मदद करता है। यह रक्त में कैल्शियम का स्तर बनाए रखने में भी मदद करती है और हड्डियों को मजबूत करती है।
विटामिन A की कमी से होने वाले रोग
- रतौंधी
- संक्रमणों का खतरा
- बेरी-बेेरी
- आंख के सफेद हिस्से में धब्बे
विटामिन A के स्त्रोत
- चुकंदर
- दूध
- अंडा
- गाजर
- पनीर
- दूध
- टमाटर
- पीले रंग के फल
- हरी साग सब्जियां
- मछलीयकृत तेल आदि।
विटामिन A की कमी से होने वाले लक्षण
- रात के समय कम दिखाई देना
- त्वचा में सुखा पन आना
- आंखों का सुखना
- संवेदी क्षमता में कमी आना
- अंधापन
- आँखों में सूखापन
- रूखे बाल
- सूखी त्वचा
- क्रोनिक डायरिया
- बार-बार सर्दी-जुखाम
- थकान और कमजोरी
- नींद न आना
- नाइट ब्लाइंडनेस (रतोंधी)
- निमोनिया
- प्रजनन में कठिनाई
- साइनस
- वजन में कमी
विटामिन A के उपयोग
अच्छी सेहत के लिए यह सबसे महत्वपूर्ण विटामिन है। यह आंखों की रौशनी को तेज कर के उसकी मासपेशियों को मजबूत बनाता है। यह भ्रूण की नार्मल ग्रोथ और डेवलेप्मेंट के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। त्वचा के लिए स्वास्थ्यवर्धक होता है। रक्त में कैल्सियम का स्तर बनाए रखने और हडिडयों के संवर्द्ध के लिए आवश्यक है।हडिडयों, दांत, और ऊतकों के रख-रखाव के लिए आवश्यक है। ऊर्जा पैदा करने के लिए सभी कोशिकाओं को इसकी जरुरत पडती है।स्वस्थ रहने के लिए विटामिन ए के दोनों रूपों का सेवन करना चाहिए। कैरोटिनॉयड रूप विशेष परिस्थितियों में रेटिनॉयड रूप में परिवर्तित हो जाता है।
किसे चाहिए अधिक विटामिन A
शाकाहारी लोगों और शराब का सेवन करने वालों को इसकी अधिक जरूरत होती है। लिवर की बीमारियों, सिस्टिक फाइब्रोसिस आदि से पीड़ित लोगों को भी विटामिन ए की आवश्यकता होती है। कई लोग समझते हैं कि विटामिन ए केवल एक विशेष पदार्थ होता है, जबकि इसमें पोषक तत्वों की एक विस्तृत श्रृंखला होती है। हर पोषक पदार्थ के अपने लाभ होते हैं। अधिक मात्र में विटामिन ए का सेवन ‘विटामिन के’ के अवशोषण को प्रभावित करता है। वसा में घुलनशीन विटामिन के रक्त का थक्का बनाने के लिए जरूरी है।
विटामिन A स्रोत
चुकंदर, साग, ब्रोकली, साबुत अनाज, पनीर, गिरीदार फल, बटर, गाजर, मिर्च, डेयरी प्रोडक्ट, हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडा, बींस, राजमा, मीट, आम, सरसों, पपीता, धनिया, चीकू, मटर, कद्दू, लाल मिर्च, सी फूड, शलजम, टमाटर, शकरकंद, तरबूत, मकई के दाने, पीले या नारंगी रंग के फल, कॉड लीवर ऑयल आदि।
अत्याधिक विटामिन ए लेने से शरीर पर अनेक दुर्प्रभाव हो सकते हैं जैसे कि सिरदर्द, देखने में दिक्कत, थकावट, दस्त, बाल गिरना, स्किन खराब हो जाना, हड्डी और जोडों में दर्द आदि की समस्या हो सकती है।
विटामिन ए के फायदे:-
आँखों और मांसपेशियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए विटामिन ए अत्यावश्यक माना जाता है लेकिन इसके और भी अनेक फायदे हैं जो इस प्रकार हैं:
• विटामिन ए शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट के रूप में शरीर की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है.
• आँखों की रोशनी तेज़ होती है और मांसपेशियाँ भी मजबूत बनती हैं.
• आँखों के रेटिना में पिगमेंट उत्पन्न करता है.
• हृदय रोग, अस्थमा और मधुमेह जैसे रोगों से बचाव करता है.
• शरीर के इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूती प्रदान करता है.
• त्वचा स्वस्थ और चमकदार बनी रहती है.
• शरीर की सभी हड्डियों को ताकत और मजबूती प्रदान करता है.
• स्नायु तंत्र और मांसपेशियों को ताकत देता है.
• दांतों और मसूड़ों को रोगों से बचा कर मजबूती देता है.
• प्रजनन तंत्र और पुरुषों में स्पर्म का उचित मात्रा में निर्माण करता है.
• विटामिन ए भ्रूण के सामान्य व्रद्धि और विकास के लिए जरूरी है.
• शरीर को ऊर्जा देने वाली सभी कोशिकाओं के निर्माण के लिए भी विटामिन ए की जरूरत होती है.
• गुर्दे की पथरी पाउडर बन कर शरीर से बाहर आ जाती है.
विटामिन ए आंखों को स्वस्थ बनाए रखने में है फायदेमंद:-
विटामिन ए रोटोप्सिन का एक महत्वपूर्ण भाग है। जब हमारी आंखों की रेटिना पर रोशनी पड़ती है तो यह सक्रिय हो जाता है और दिमाग को सिग्नल भेजता है। इसी कारण हम कोई वस्तु देख पाते हैं। बीटा कैरोनॉयड भी विटामिन ए का रूप है जो पौधों में पाया जाता है। यह आंखों के धुंधलेपन को दूर करता है जिससे उम्र के साथ आंखों से कम दिखाई देने की समस्या उत्पन्न नहीं होती है।
राष्ट्रीय नेत्र संस्थान द्वारा की गई एक स्टडी के अनुसार उम्र बढ़ने के साथ आंखों की रोशनी कम होती है लेकिन जो लोग विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, जिंक और कॉपर युक्त भोज्य पदार्थों का सेवन करते हैं उनमें 25 प्रतिशत तक यह समस्या घट जाती है।
इम्यून सिस्टम को बेहतर :-
हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम का कार्य प्रचुर मात्रा में विटामिन ए पर ही निर्भर रहता है। इसलिए विटामिन ए इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह जीन नियंत्रित करता है जो कैंसर और ऑटो इम्यून जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने के अलावा संक्रमण से भी शरीर को सुरक्षा प्रदान करता है। बीटा कैरोटीन विशेषतौर से बच्चों में प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाती है। एक स्टडी के अनुसार विटामिन ए की उच्च मात्रा बाल मृत्युदर को 24 प्रतिशत कम कर देती है। विटामिन ए की कमी से बच्चों में डायरिया और खसरा भी हो सकता है।
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