मुक्त इलेक्ट्रॉन की संख्या के अनुसार पदार्थ तीन प्रकार के होते हैं –
● चालक
● कुचालक
● अर्धचालक
अधिक जानकारी के लिए ये पढ़ें – चालक, अचालक और अर्धचालक पदार्थ क्या होते हैं ?
अर्धचालक पदार्थ किसे कहते हैं?
वे पदार्थ जिनमें सामान्य अवस्था में विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होती, लेकिन ताप बढ़ाने पर उनमें विद्युत धारा प्रवाहित होने लगती है, ऐसे पदार्थ अर्धचालक पदार्थ कहलाते हैं ।
अर्धचालक का उपयोग डायोड, ट्रांजिस्टर, LED, IC आदि युक्तियों में किया जाता है ।
अर्धचालक पदार्थ दो प्रकार के होते हैं –
- आंतरिक अर्धचालक ( शुद्ध अर्धचालक )
- बाह्य अर्धचालक ( अशुद्ध अर्धचालक )
(1) आंतरिक अर्धचालक – इन्हें नेज अथवा शुद्ध अर्धचालक भी कहते हैं, इनमें इलेक्ट्रान और होल (रिक्ति) समान संख्या में होते हैं ।
जैसे – जर्मेनियम और सिलिकॉन
(2) बाह्य अर्धचालक – इन्हें अशुद्ध अर्द्धचालक भी कहते हैं, शुद्ध अर्धचालक में अशुद्धि मिलाने पर वे अशुद्ध अर्धचालक बन जाते हैं ।
इनमें इलेक्ट्रॉन और होल की संख्या समान नही होती है ।
बाह्य अर्धचालक दो प्रकार के होते हैं –
P प्रकार अर्धचालक
आंतरिक अर्धचालक में त्रिसंयोजी अशुद्धि मिलाने पर वह P प्रकार के अर्धचालक में परिवर्तित हो जाता है। P प्रकार के अर्धचालक में होल अधिक पाए जाते हैं मतलब इनमे होल की मात्रा इलेक्ट्रॉन से अधिक होती है।
( त्रिसंयोजी अशुद्धि – इंडियम और गैलियम )
N प्रकार अर्धचालक
आंतरिक अर्धचालक में पंचसंयोजी अशुद्धि मिलाने पर वह N प्रकार के अर्धचालक में परिवर्तित हो जाता है। N प्रकार के अर्धचालक में इलेक्ट्रॉन अधिक पाए जाते हैं मतलब इनमे इलेक्ट्रॉन की मात्रा होल से अधिक होती है।
( पंचसंयोजी अशुद्धि – आर्सेनिक और एंटीमनी )
P और N प्रकार अर्धचालकों के उपयोग से P-N जंक्शन डायोड, ट्रांजिस्टर आदि बनाये जाते हैं ।