साइकोमेट्रिक टेस्ट क्या है

साइकोमेट्रिक टेस्ट के बारे में सही दृष्टिकोण अपनाने के बारे में विस्तार से जानकारी देने से पहले, हमें इस बात को समझना जरूरी हैं कि आखिर भर्ती प्रक्रिया में आईबीपीएस द्वारा इस परीक्षा को रखने के पीछे लॉजिक( तर्क) क्या है । एक साइकोमेट्रिक टेस्ट बैंकिंग कार्य करने के लिए किसी भी उम्मीदवार की मनोवैज्ञानिक उपयुक्तता को परखने की एक कसौटी है। इस टेस्ट के जरिये विभिन्न परिस्थितियों में आपके द्वारा लिए गए त्वरित निर्णय तथा उपलब्ध सूचनाओं का सही उपयोग किये जाने की कला एवं ज्ञान का परीक्षण किया जाता है l आपको कई परिस्थितियों में से एक को चुनकर उससे सम्बंधित प्रश्नों का उत्तर देना होता है l आपके उत्तर के आधार पर आपके व्यक्तित्व का परीक्षण किया जाता है l साथ ही परीक्षा आयोजित करने वाली समिति (बॉडी) के मानकों के अनुसार आप उपरोक्त जॉब के लिए उपयुक्त (सही) हैं या नहीं इस पर विचार किया जाता है l

बैंकिंग परीक्षा में कैसे करें साइकोमेट्रिक टेस्ट की तैयारी करें ?

बैंक ऑफ बड़ौदा की अधिसूचना के अनुसार साइकोमेट्रिक टेस्ट में प्राप्त किये गए नंबर भर्ती प्रक्रिया के अंतिम परिणाम की तैयारी में नहीं गिने जाएंगे। लेकिन इस टेस्ट से उम्मीदवार की योग्यता की जांच की जाएगी और अंतिम परिणाम ऑनलाइन परीक्षा और समूह चर्चा / व्यक्तिगत साक्षात्कार में प्राप्त हुए अंकों के आधार पर घोषित किया जाएगा। इस रुझान को देखते हुए हम भविष्य में किसी भी बैंकिंग परीक्षा में एक नियमित आधार पर इन टेस्ट को स्वीकार कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि इस परीक्षा में बेहतर अंक लाने का सर्वोत्तम तरीका क्या है?
• जो आप हैं, वहीं रहें (दिखावा ना करें): सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब भी आप साइकोमेट्रिक टेस्ट से गुजर रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि जो आप अंदर से हैं वहीं बाहर भी रहें क्योंकि इस टेस्ट का मुख्य लॉजिक (तर्क) ही यही है। पूरे टेस्ट के दौरान आपको स्वयं को वास्तविक रूप में प्रदर्शित करना चाहिए और सवालों के जवाब देते समय इस बारे में ना सोचें कि इससे परीक्षक के बारे में मेरे प्रति क्या धारणा बनेगी।
• ज्यादा ना सोचें: इस टेस्ट को आयोजित करने का एक महत्वपूर्ण तर्क है, क्योंकि आपके लिए सवालों का जवाब देने के लिए सोचना जरूरी हो जाता है, इससे टेस्ट में आपके नंबर ज्यादा आ सकते हैं। अगर कोई आपके जवाबों को काउंटर करता है या विरोध करता है तो परीक्षा में आपके नंबर बहुत कम भी आ सकते हैं।
• सभी सवालों के जवाब दें: परीक्षा के दौरान आप किसी भी सवाल को छोड़े नहीं, क्योंकि आपके सभी सवालों के आधार पर ही आपके उत्तरों का विश्लेषण किया जाएगा। स्वंय को पहचानें और पुस्तिका में प्रश्नों के उत्तर दें, अगर आप ऐसा करते हैं तो निश्चित तौर पर सफलता आपके कदमों में होगी।
परिणाम की चिंता ना करें: परीक्षा के दौरान आपको खुद को वास्तविक रूप में प्रस्तुत करना चाहिए और परीक्षक को पटाने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। आपका ध्यान पूछे गए सभी सवालों के जवाब देने पर होना चाहिए।
• ईमानदार रहें: यदि आप ईमानदार हैं तो आपसे परीक्षा में भी इसकी उम्मीद की जाती है, क्योंकि परीक्षक आपके सवालों के जवाब के आधार पर आपकी वास्तविकता को पहचान लेते हैं। इसलिए जरूरी है कि परीक्षा की तैयारी के समय से ही स्वंय को दिखावटीपन से दूर रख कर वास्तविक रूप में तैयार करें।

साइकोमेट्रिक टेस्ट क्या है

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