शिक्षक दिवस पर निबंध

शिक्षक दिवस पर निबंध

2017 9image 09 58 094458000teachers day ll - शिक्षक दिवस पर निबंध
शिक्षक दिवस पर निबंध

भूमिका : गुरु-शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। जीवन में माता-पिता का स्थान कोई भी नहीं ले सकता क्योंकि वे ही हमें इस रंगीन दुनिया में लाते हैं। ऐसा माना जाता है कि हमारे जीवन के सबसे पहले गुरु हमारे माता-पिता होते हैं। भारत देश में प्राचीनकाल से ही गुरु व शिक्षक परंपरा चली आ रही है लेकिन जीने का असली सलीका हमें शिक्षक ही सिखाते हैं।

शिक्षक ही हमें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक का एक महत्वपूर्ण रोल होता है। भारत में शिक्षक दिवस पूर्व भारतीय राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर को हुआ था और तभी से इनके जन्म दिवस के अवसर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है।

शिक्षक दिवस की उत्पत्ति : डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर , 1888 को हुआ था। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान भारतीय दार्शनिक और शिक्षक थे। वो भारत के सबसे पहले उपराष्ट्रपति और द्वितीय राष्ट्रपति बने थे। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन सबसे पहले एक बहुत बड़े शिक्षक थे और शिक्षा के प्रति उनकी बहुत गहरी सोच और विश्वास था। राधाकृष्णन जी एक प्रसिद्ध राजनीतिक विद्वान् थे।

वो भारत के सभी शिक्षकों के लिए एक बहुत बड़ी मिशाल थे। जब डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के द्वितीय राष्ट्रपति बने थे तब उनके कई दोस्तों और छात्रों ने उनसे अनुरोध किया कि वे उन्हें अनुमति दें कि वे 5 सितम्बर को उनका जन्मदिन पालन कर सकें।

लेकिन डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा कि यह खास मेरे जन्मदिन मनाने से ज्यादा खुशी और गर्व मैं तब महसूस करूंगा जब इस दिन को पूरे भारत के शिक्षकों के लिए शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जायेगा। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी स्वंय एक बहुत बड़े शिक्षक थे इसलिए वे चाहते थे कि उनके जन्मदिन को पूरे भारत के सभी शिक्षकों के नाम से जाना जाए।

उन सभी शिक्षकों को सम्मान दिया जाए और उन्हें यह महसूस कराया जाए कि उनका हमारे जीवन में क्या महत्व है। तभी से हर साल 5 सितम्बर को डॉ राधाकृष्णन के जन्म दिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

गुरु शिष्य का संबंध : गुरु शिष्य परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और बहुत ही पवित्र हिस्सा है जिसके कई स्वर्णिम उदाहरण इतिहास में मौजूद हैं। एक शिक्षक उस माली के समान होता है जो एक बगीचे को अलग-अलग रूप-रंग के फूलों से सजाता है। शिक्षक छात्रों को काटों पर भी मुस्कुराकर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।

आज शिक्षा को प्रत्येक घर तक पहुँचाने के लिए बहुत सारे सरकारी प्रयास किए जा रहे हैं। शिक्षकों को भी वह अधिकार मिलना चाहिए जिसके वे हकदार होते हैं। एक गुरु ही शिष्य में अच्छे चरित्र का निर्माण करता है। एक शिक्षक ही देश के लिए अच्छे और होनहार व्यक्ति, अच्छा ज्ञान और विद्या दे सकता है।

एक शिक्षक हमें ज्ञान ही नहीं देता है वह हमारे व्यक्तिगत विकास, विश्वास और कौशल के स्तर को भी सुधारता है। शिक्षक हमें इस तरह से काबिल बनाते हैं जिससे हम किसी भी मुशीबत का सामना करने लिए हमेशा तैयार रहें।

शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है : हर साल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। भारत देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए भारतभर में शिक्षक दिवस को 5 सितम्बर को मनाया जाता है। शिक्षक दिवस एक बहुत बड़ा दिन होता है जो हमें अपने शिक्षकों या गुरुओं का पालन करना सिखाता है।

हमारे शिक्षकों की हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है आज के समय में हम जो कुछ भी हैं वह सब एक शिक्षक के बताए हुए ज्ञान से हैं। पुरे संसार में शिक्षक दिवस का पालन बहुत खुशी और उत्साह के साथ छात्रों द्वारा किया जाता है शिक्षक दिवस को अलग-अलग देशों में अलग-अलग दिन में मनाया जाता है। गुरु का प्रत्येक के जीवन में बहुत महत्व होता है।

समाज में उनका अपना एक विशिष्ट स्थान होता है। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा में बहुत विश्वास रखते थे। राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे। उन्हें अध्यापन से बहुत गहरा प्रेम था। उनमे एक आदर्श अध्यापक के सभी गुण विद्यमान थे। इस दिन पूरे देश में भारत सरकार द्वारा श्रेष्ठ शिक्षकों को पुरस्कार भी प्रदान किया जाता है।

विश्व शिक्षक दिवस जिसे इंटरनेशनल टीचर्स डे के नाम से भी जाना जाता है को हर साल 5 अक्टूबर को मनाया जाता है। विश्व शिक्षक दिवस को सन् 1994 से मनाया जाता है। विश्व शिक्षक दिवस का उद्देश्य है कि पुरे विश्व में शिक्षकों के लिए समर्थन जुटाना और यह सुनिश्चित करना कि भविष्य की पीढ़ियों की जरूरतों को शिक्षक द्वारा पूरा करना जारी रहेगा और इसी लक्ष्य के साथ सन् 1994 से हर साल 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

लेकिन भारत में शिक्षक दिवस विश्व शिक्षक दिवस से अलग है। भारत में हम शिक्षक दिवस हर साल बहुत ही उत्साह के साथ 5 सितम्बर को मनाते हैं। हर साल पूरे भारत के स्कूल और कॉलेजों में 5 सितम्बर को हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिवस पर उन्हें सम्मान और श्रद्धांजलि देते हुए इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस का महत्व : शिक्षकों का हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है। हर साल 5 सितम्बर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। वास्तव में 5 सितम्बर को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जयंती के रूप में मनाया जाता है। पहले राधाकृष्णन जी एक महान विद्वान् और शिक्षक थे लेकिन बाद में भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और उसके बाद राष्ट्रपति बने थे। पूरे देश में इस दिन सभी शिक्षकों को सम्मान दिया जाता है और उनके महान कार्यों को प्रकाशित किया जाता है।

यह सत्य है कि शिक्षक इस समाज के लिए रीढ़ की हड्डी होते हैं। शिक्षकों का विद्यार्थियों के चरित्र को अच्छा बनाने में बहुत ही महत्वपूर्ण हाथ होता है जिससे वे भारत के एक अच्छे नागरिक बन सकें। शिक्षक अपने छात्रों को ध्यानपूर्वक और ईमानदारी से अपने बच्चों की तरह शिक्षा प्रदान करता है।

यह बिलकुल सत्य कथन होता है कि शिक्षक का स्थान माता-पिता से भी बढकर होता है। माता-पिता बच्चों को जन्म देते हैं और शिक्षक उन्हें सही ढांचे में ढालकर उनका भविष्य उज्ज्वल बनाते हैं। हमें कभी भी किसी भी स्थिति में अपने शिक्षक को नहीं भूलना चाहिए। हमें हमेशा उन्हें सम्मान और प्रेम देना चाहिए। हमारे माता-पिता हमें प्रेम देते हैं और हमारी अच्छे से देखभाल करते हैं लेकिन शिक्षक हमें सफलता के रास्ते पर भेजने की हर कोशिश करते हैं।

शिक्षक हमारे जीवन में शिक्षा के महत्व और जरूरत को समझाते हैं। शिक्षक प्रत्येक विद्यार्थी के लिए प्रेरणादायक स्त्रोत होते हैं और उनके अनमोल विचार हम सभी को आगे बढने के लिए प्रेरित करते हैं। हमारे जीवन को आकर देने में सबसे बड़ा हाथ हमारे शिक्षकों का होता है। माता-पिता के बाद हमारे शिक्षक ही हमारे मार्गदर्शक होते हैं। एक शिक्षक ही हमें सही और गलत में फर्क करना सिखाता है।

एक शिक्षक वो जलता हुआ दीपक है जो खुद जलकर दूसरों की जिंदगियों को उजाले से भर देता है। एक शिक्षक अपना पूरा जीवन विद्यार्थियों को अच्छा ज्ञान और सही रास्ता दिखाने में लगा देता है। शिक्षक हमें हमेशा सफल होने का रास्ता दिखाते हैं और हमारे चरित्र का निर्माण करते हैं। शिक्षक हमें जीवन में एक जिम्मेदार और अच्छा इन्सान बनने में हमारी मदद करते हैं।

शिक्षक दिवस हमारे लिए बहुत महत्व रखता है क्योंकि इस दिन हम अपने शिक्षकों को बता सकते हैं कि उनका अनमोल योगदान हमारे जीवन में क्या महत्व रखता है। इस दिन शिक्षकों और छात्रों का रिश्ता और भी गहरा हो जाता है। हम शिक्षक के प्रति अपनी भावनाओं को बता सकते हैं।

हमारे मन में जो भी हमारे शिक्षक के प्रति प्यार और सम्मान है वो हम शिक्षक दिवस पर दिखा सकते हैं। पूरा साल शिक्षकों को बहुत परिश्रम करना पड़ता है। शिक्षकों को ढेर सारे काम और जिम्मेदारी रहती है इसलिए शिक्षक दिवस वो एक दिन होता है जब वो सभी कामों से मुक्त होकर अपने छात्रों द्वारा किये गये आयोजनों का आनंद लेते हैं।

शिक्षक दिवस की तैयारियां : इस दिन स्कूलों में पढाई बंद रहती है। स्कूलों में उत्सव, धन्यवाद और स्मरण की गतिविधियाँ होती हैं। बच्चे व शिक्षक दोनों ही सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेते हैं। स्कूल-कॉलेज सहित अलग-अलग संस्थाओं में शिक्षक दिवस पर विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

छात्र विभिन्न प्रकार से अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं तो वहीं पर शिक्षक गुरु-शिष्य परंपरा को कायम रखने का संकल्प लेते हैं। स्कूल और कॉलेजों में पूरे दिन उत्सव का माहौल रहता है। पूरे दिन रंगारंग कार्यक्रम और सम्मान का दौर चलता रहता है। इस दिन को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनकी जयंती पर याद करके मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस मनाने का तरीका : हर साल 5 सितम्बर को सारे भारत देश के स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों द्वारा शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन को सभी छात्र खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं। छात्र अपने शिक्षकों को खुश करने के लिए कई मनोरंजक कार्यक्रमों का भी आयोजन करते हैं जैसे शिक्षकों के लिए कई मजेदार खेलों और ड्रामों का आयोजन किया जाता है।

बच्चे शिक्षकों की लम्बी उम्र की कामना करते हैं और उन्हें बधाईयाँ देते हैं। स्कूल के सीनियर बच्चों के माध्यम से वे और भी बहुत से कार्यक्रमों का भी आयोजन करते हैं जैसे – शिक्षकों के लिए गाने गाते हैं, डांस करते हैं और शिक्षक दिवस पर भाषण भी देते हैं। विद्यार्थी शिक्षक को कई तरह के उपहार भी देते हैं जैसे- पेन, फ्लावर बुकेह, ग्रीटिंग कार्ड्स आदि।

बड़े बच्चे शिक्षकों के खाने का भी आयोजन करते हैं। इसी प्रकार से शिक्षक दिवस पर अपने शिक्षकों का दिल से आदर और सम्मान करते हुए उन्हें बधाईयाँ देनी चाहिएँ और उन्हें यह एहसास कराते रहना चाहिए कि उनका हमारे जीवन में क्या महत्व है।

सीनियर बच्चे इस बात का ध्यान रखते हैं कि शिक्षक दिवस के पूरे दिन शिक्षकों को केवल खुशियाँ दी जाएँ और उन्हें गुस्सा या नाराज होने का कोई भी मौका न दिया जाए। हमारे शिक्षक हमें आशीर्वाद देते हैं कि हम भविष्य में एक अच्छे नागरिक बनें।

उपसंहार : आज बहुत से शिक्षक अपने ज्ञान की बोली लगाने लगे हैं। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो गुरु-शिष्य की परंपरा कहीं-न-कहीं कलंकित हो रही है। आज के समय में आए दिन शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों एवं विद्यार्थियों द्वारा शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार की खबरें सुनने को मिलती हैं।

इन्हें देखकर हमारी संस्कृति की इस अमूल्य गुरु-शिष्य परंपरा पर प्रश्नचिन्ह नजर आने लगते हैं। विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों का ही दायित्व है कि वे इस महान परंपरा को बेहतर ढंग से समझें और एक अच्छे समाज के निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करें।

अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमे फेसबुक(Facebook) पर ज्वाइन करे Click Now

Biology MCQ in Hindi जीव विज्ञान नोट्स हिंदी में कक्षा 12 वीं कक्षा 12 जीव विज्ञान वस्तुनिष्ठ प्रश्न हिंदी में अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण Class 12 Chemistry MCQ in Hindi Biology MCQ in Hindi जीव विज्ञान नोट्स हिंदी में कक्षा 12 वीं भारत देश के बारे में सामान्य जानकारी राजस्थान की खारे पानी की झील राजस्थान का एकीकरण राजस्थान में मीठे पानी की झीलें भारत के राज्य , राजधानियां व जिलों की संख्या भारत में कम बजट में घूमने वाली जगह राजस्थान के प्रमुख किले एवं उनके निर्माणकर्ता जयपुर के दर्शनीय स्थल | जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल 12th chemistry Notes in Hindi | रसायन विज्ञान नोट्स हिंदी में RSCIT Notes in Hindi | RSCIT ke notes राजस्थान के संभाग हिंदी में | राजस्थान के संभाग याद करने की ट्रिक Rajasthan & India GK Tricks in Hindi भारत के पड़ोसी देशों के नाम हिंदी और इंग्लिश में Biology notes in Hindi जीव विज्ञान नोट्स हिंदी में कक्षा 12 वीं और 11 वीं Rajasthan GK In Hindi | राजस्थान सामान्य ज्ञान हिंदी भाषा में