डिजिटल इंडिया पर निबंध
भूमिका : डिजिटल इंडिया भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक मुहीम है ताकि भारत में लोगों को टेक्नोलॉजी और डिजिटल दुनिया का ज्ञान मिल सके। आज के समय तक डिजिटल दुनिया से बहुत दूर हैं क्योंकि अधिकतर लोग ऑनलाइन दुनिया से अभी कोशों दूर हैं इसी वजह से इस मुहीम को शुरू किया गया है।
देश के लोगों के बेहतर विकास और वृद्धि के लिए रूपांतरित भारत के लिए यह एक बहुत ही प्रभावशाली योजना है। सुशासन और अधिक नौकरियों के लिए भारत को डिजिटल विस्तार देना इसका लक्ष्य है। डिजिटल इंडिया का मुख्य लक्ष्य सभी सरकारी सुविधाओं को इलेक्ट्रॉनिक रूप से उपलब्ध और इंटरनेट से जोड़ने का काम शुरू किया गया है।
सरकारी सेवा और लोगों के बीच की दूरी के अंतर को मिटाने के लिए डिजिटलीकरण अभियान की ओर भारत के पीएम ने अपना श्रेष्ठ प्रयास किया। किसी भी दूसरे देश से ज्यादा वृद्धि और अच्छे भविष्य के लिए भारत में डिजिटलीकरण की बहुत अधिक जरूरत है। इससे सिर्फ भारतीय लोगों का डिजिटल लेन-देन ही नहीं बढ़ेगा बल्कि देश में भ्रष्टाचार भी कम हो जायेगा।
डिजिटल इण्डिया : डिजिटल इण्डिया भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है जिसका मूल उद्देश्य देश के हर विभाग व रिकार्ड को एक ही कड़ी से जोड़ना है और वह कड़ी है देश की इलेक्ट्रॉनिक डाटा सिस्टम की कड़ी जो काम की गति को बढ़ाने में सहायता करती है।
डिजिटल इण्डिया वह कार्यक्रम होगा जो देश को एक डिजिटल शसक्ति सोसाइटी में बदल सके और भारत को एक नया रूप दे सके। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम से देश की हर जानकारी और रिकॉर्ड को स्वच्छता से इलेक्ट्रानिक मोड़ में रखा जा रहा है जो कि आगे काम में सरलता के साथ-साथ तेज गति को लाएगा।
डिजिटल इण्डिया का शुभारम्भ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 1 जुलाई, 2015 को डिजिटल इण्डिया प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी। सरकार द्वारा इस अभियान को 2019 तक पूरे भारत में डिजिटल सुविधाएँ प्रदान करने की योजना बनाई गई है। इस योजना के अनुसार ग्रामीण स्थानों को तेज इंटरनेट की सुविधा प्रदान की जाएगी।
डिजिटल इण्डिया से कागजों में लिखा-पढ़ी का समय भी बचेगा और कार्यालयों में लोगों की लंबी कतारों में भी कमी आएगी। इस प्रोजेक्ट में मुख्य भूमिका संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की है जो इसके पीछे काम में लगे हुए हैं। वरिष्ठ मंत्रालयी सहयोगियों और प्रमुख कंपनियों के सीईओ की मौजूदगी में बुधवार को पीएम के द्वारा डिजिटल इण्डिया सप्ताह का शुभारंभ हुआ।
डिजिटल इंडिया अभियान के लाभ : डिजिटल लॉकर व्यवस्था लागू करने को यह मुमकिन बनाएगा जिसके परिणाम स्वरूप रजिस्टर्ड संग्रह के माध्यम से ई-शेयरिंग सक्षम बनाने के साथ ही भौतिक दस्तावेज को कम करेगा जिसके द्वारा कागजी कार्यवाही को घटाया जायेगा। यह एक प्रभावशाली ऑनलाइन मंच है जो चर्चा, कार्य करना और वितरण करना जैसे विभिन्न दृष्टिकोण के द्वारा शासन प्रणाली में लोगों को सम्मिलित कर सकता है।
यह सरकार के द्वारा विभिन्न ऑनलाइन लक्ष्यों की प्राप्ति को सुनिश्चित करेगा। यह किसी भी स्थान से अपने दस्तावेज और प्रमाणपत्र को ऑनलाइन जमा करना लोगों के लिए संभव बनाएगा जो शारीरिक काम को घटाएगा। ई-हस्ताक्षर संरचना के द्वारा नागरिक अपने दस्तावेजों को ऑनलाइन हस्ताक्षरित करा सकते हैं।
ई-अस्पताल के माध्यम से महत्वपूर्ण स्वास्थ्य परक सेवाओं को आसान बनाया जा सकता है। इसके बहुत से उदाहरण हैं जैसे – ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, डॉक्टर से मिलने का समय निश्चित करना, फीस जमा करना, ऑनलाइन लक्षणिक जाँच करना, खून जाँच आदि। यह अर्जियां जमा करने, प्रमाणीकरण प्रक्रिया, अनुमोदन और संवितरण की स्वीकृति के द्वारा राष्ट्रिय छात्रवृति पोर्टल के माध्यम से लाभार्थी के लिए लाभ उपलब्ध कराता है।
डिजिटल इण्डिया अभियान एक बड़ा मंच है जो अपने नागरिकों के लिए पूरे देश भर में सरकारी और निजी सेवाओं के प्रभावशाली वितरण को आसान बनाता है। भारत का नेट कार्यक्रम भारत देश के लगभग 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ेगा। डिजिटल इण्डिया अभियान में मदद करने के लिए बाहरी स्त्रोत नीति भी एक योजना है।
मोबाईल पर ऑनलाइन सेवाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए बीएसएनएल की आने वाली पीढ़ी का नेटवर्क 30 साल पुराने टेलीफोन एक्सचेंज को बदल देगा। राष्ट्रिय केंद्र द्वारा फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक के लिए फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
पूरे देश में बीएसएनएल के द्वारा बड़े पैमाने पर वाई-फाई हॉटस्पॉट को फैलाने की योजना बनाई गई है। कनेक्टिविटी से जुड़े हुए सभी संबंधित मुद्दों को संभालने के लिए ब्रॉडबैंड हाइवे है। सभी शहरों, नगरों और गांवों में ब्रॉडबैंड हाइवे की खुली पहुंच माउस के एक क्लिक पर विश्व स्तरीय सेवा की उपलब्धता को मुमकिन बनाएगा।
डिजिटल इंडिया अभियान के नुकसान : जिस प्रकार से डिजिटल इंडिया अभियान के लाभ हैं उसी प्रकार से डिजिटल इण्डिया के नुकसान भी हैं। डिजिटल इण्डिया मिशन से हानि तो कुछ नहीं है लेकिन शॉर्ट-टर्म में डिजिटल इण्डिया का नुकसान गरीब और कम पढ़े लोगों को होगा क्योंकि उन्हें यह तकनीक समझने में और इससे अभियस्त होने में कुछ समय लग जायेगा।
गरीब लोग जिनके पास Android मोबाइल ही नहीं हैं वो BHIM APP का लाभ कैसे उठा सकते हैं। जब कोई भी बड़ा बदलाव होता है तो वह एक झटके में नहीं होता है उसके लिए वक्त और अभ्यास चाहिए होता है। आज के समय में डिजिटल इण्डिया मिशन सफलता के कदमों को तेज गति से छू रही है।
डिजिटल व्यवस्था के मुख्य उद्देश्य : अगर यह योजना भारत में पूरी तरह से सफल हो जाती है तो इससे देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान मिलेगा। इससे लोग ऑनलाइन की सभी सेवाओं को उपयोग कर सकेंगे जिससे देश में उनकी पूंजी और अधिक सुरक्षित रह सकेगी।
डिजिटल इण्डिया मुहीम के अनुसार भारत में छोटे गाँव से लेकर शहर तक सभी जगह हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा दी जाएगी जिसकी सहायता से लोग ऑनलाइन की सुविधाओं का उपयोग करना सीखेंगे और उसे जीवन का एक हिस्सा बनायेंगे। आज के समय में अधिकतर कार्यालयों में इंटरनेट के माध्यम से काम हो रहा है।
लेकिन अभी भी कुछ सरकारी कार्यलयों में ऑनलाइन काम शुरू नहीं हुआ है। इस मुहीम के अनुसार सभी गवर्नमेंट आर्गेनाइजेशन में बहुत ही जल्द सभी सेवाओं को ऑनलाइन कर दिया जाएगा। ऑनलाइन सेवाओं की सहायता से लोगों को ज्यादा देर तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा और भ्रष्टाचार भी कम हो जायेगा।
सरकार ने इस मुहीम के साथ-साथ आधार कार्ड से मोबाइल नंबर, PAN, बैंक अकाउंट, जीवन बीमा जैसी सेवाओं को बहुत पहले ही जोड़ दिया है जिसकी मदद से अब हर भारतीय की पहचान सही ढंग से हो पाएगी और लोग इन सेवाओं को आधार से लिंक होने के कारण आसानी से उपयोग कर पाएंगे।
अब नौकरी के लिए और स्कूलों में आवेदन देना बहुत आसान हो गया है क्योंकि अब सब कुछ डिजिटल रूप से लिंक किया जा रहा है। डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम से देश के करीब 2.5 लाख पंचायतों के समेत 6 लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का लक्ष्य है। सरकार ने इस लक्ष्य को 2017 के अंत तक हासिल करने का लक्ष्य रखा है। आजकल देश में सरकार द्वारा विभिन्न स्कीम चलाई जा रही हैं।
इन स्कीमों के तहत गरीबों और जरुरतमंद लोगों को विभिन्न मदद प्रदान की जाएगी। लेकिन असल में इन स्कीमों को जन तक पहुंचाया ही नहीं जाता है और बीच में ही स्कीम के अनुसार अयोग्य लोग इसका फायदा उठा लेते हैं। इस प्रकार के लोभ और अनैतिक कार्यों को रोकने के लिए सरकार ने डिजिटल पैमेंट और डिजिटल प्रोग्रेम का आरंभ किया है। नरेंद्र मोदी जी चाहते हैं कि डिजिटल इण्डिया का लाभ हर कोई उठा सके। इससे देश के कृषि क्षेत्र को भी लाभ होगा।
डिजिटल व्यवस्था की मुख्य सेवाएं : इस योजना को सफल बनाने के लिए सबसे पहले सरकार ने आधार की मदद से लोगों का बायोमेट्रिक डाटा लिया जिससे उनकी अद्वितीय पहचान मिल सकें। सभी भारतीय लोगों को अद्वितीय पहचान मिलने के बाद भारतीय नागरिकों से सभी सेवाओं जैसे मोबाइल नंबर, PAN, बैंक अकाउंट, जीवन बीमा, राशन कार्ड, गैस कनेक्शन, ड्राइविंग लाइसेंस को आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है।
उसके बाद आधार की सहायता से लोगों को सभी सुविधाएँ दी जा रही हैं। इससे लोगों की पहचान सही प्रकार से हो पा रही है और साथ ही बीच में भ्रष्टाचार करने वाले कम हो गये हैं। आज आप घर पर बैठे आधार की मदद से मोबाइल सिम खरीद सकते हैं, अपना PAN अप्लाई कर सकते हैं और ऐसी कई सेवाएं हैं जो Online KYC और OTP की सहायता से कुछ ही मिनटों में पूरे हो रहे हैं जिनके लिए कभी लोगों को महीनों तक इंतजार करना पड़ता था।
आज के समय में लगभग सभी भारतीय बैंकों में ऑनलाइन बैंकिंग और ATM की सुविधा है जिसकी सहायता से लोग घर बैठे सभी पैसों का लेन-देन कर सकते हैं। अब PAN को भी आधार से जोड़ा जा रहा है जिसकी मदद से कोई भी आयकर चोरी या घोटाला नहीं कर पायेगा और साथ ही लोग TDS भी घर में बैठे भुगतान कर सकते हैं।
अगर आपको बिना बाहर गए सस्ते दामों में सामान मिलेगा तो आप जरुर खरीदेंगे। अब ऑनलाइन शौपिंग वेबसाईट पर घर बैठे सामान खरीद सकते हैं और अपना समय और पैसा बचा सकते हैं। अब आप Digi Locker की सुविधा से अपने सभी जरूरी दस्तावेजों को Verify करके मोबाईल फोन में रख सकते हैं। इससे आपको दस्तावेज गुम जाने का खतरा नहीं रहेगा।
उपसंहार : सरकार सभी डिजिटल सुविधाएँ और सेवाएं लोगों के लिए शुरू कर रही है। ऐसी स्थिति में हर भारतवासी का कर्तव्य है कि वह डिजिटल लेन-देन का इस्तेमाल करना सीखे क्योंकि यह सरल, सुरक्षित और सफल जीवन की शुरुआत है। इससे हम लोगों का समय भी बचता है और समय का मूल्य सभी को पता होता है आज की दुनिया में पैसों से ज्यादा समय का मूल्य होता है।
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