राजस्थान की नदी, नहर और बांध परियोजना
गंग नहर परियोजनाः- नहर बीकानेर जिले संबधित है। इसकी आधारशिला बीकानेर के महाराजा गंगासिंह (राजस्थान का भागीरथ) द्वारा 5 सितम्बर, 1921 में रखी गई, तो इसका उद्घाटन 26 अक्टू. 1927 ई. को वायसराय लार्ड इरविन ने किया। यह राज्य की पहली सिचांई नहर परियोजना जिसे फिरोजपुर, पंजाब के निकट हुसैनीवाला नामक स्थान से सतलज नदी से निकाला जाता है। ♦इन्दिरा गाँधी नहर परियोजनाः- * इसका निर्माणकार्य/आधारशिला तत्कालीन गृहमंत्री श्री गांविन्द वल्लभ पंत ने 31 मार्च 1958 को रखी, परन्तु नहर में सर्वप्रथम पानी तत्कालीन उपराष्ट्रपति डाॅ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 11 अक्टू., 1961 में नोरंग देसर (हनुमानगढ़) से छोड़ा।* इस परियोजना मुल नाम/पुर्व नाम राजस्थान नहर था, जिसे 2 नवम्बर, 1984 को बदलकर इन्दिरा गाँधी नहर परियोजना रखा गया।* इसे राज्य की मरूगंगा व राज्य की जीवन रेखा भी कहा जाता है। * इस परियोजना के जनक/योजनाकार कँवर सेन कहलाते है, जिन्होने 1948 में अपनी पुस्तक “बीकानेर राज्य के लिए पानी की आवश्यकता” में इसका प्रारूप रखा था। इन्हे इसकी प्रेरणा गंग नहर मिली थी। * इसका उद्गम व जलस्त्रौत सतलज व व्यास नदी के संगम पर हरि के बेराज बाँध (पंजाब के फिरोजपुर) से हुआ है। * इसका दो चरणो में निर्माण हुआ था- (1). प्रथम चरण में राजस्थान फीडर 204 किमी. (169 किमी. पंजाब में, 14 किमी. हरियाणा में, 21 किमी. राजस्थान में) हरिके बैराज से मसीता वाली हेड (हनुमानगढ़) तक 1992 में पुरा हुआ था।(2). दुसरा चरण- 256 किमी निर्माण करना था, पर बढ़ाकर 445 किमी. निर्माण कर दिया। यह चरण मसीता वाली हेड से मोहनगढ़ (जैसलमेर) तक था, जिसे 165 किमी. बढ़ाकर अंतिम स्थान गडरा रोड (बाड़मेर) तक कर दिया। गडरा रोड को इस नहर का जीरो पाॅइन्ट कहा जाता है।राजस्थान की नदी, नहर और बांध परियोजना* इस नहर कुल लम्बाई 649 किमी. जिसमें से राज्य में 480 किमी व बाहर 169 किमी. फैली हुई है। * इंदिरा गाँधी नहर परियोजना की लिफ्ट नहरेः- 1.राजीव गाँधी लिफ्ट नहर परियोजना- इसे जोधपुर की जीवन रेखा भी कहा जाता है। इससे जोधपुर व बाड़मेर के गांवो को पानी दिया जाता हैं।2. कँवर सेन लिफ्ट नहर- इसका प्राचीन नाम लूणकरणसर लिफ्ट नहर था। इसे बीकानेर की जीवन रेखा कहा जाता है। इससे बीकानेर व श्रीगंगानगर जिले की जलापुर्ति होती है।