कंप्यूटर प्रणाली के उपकरण (computer system equipment)
हार्डवेअर : हार्डवेअर के अंन्तर्गत कंप्यूटर के छोटे-बड़े वे सब उपकरण आते हैं, जिन्हें हम देख व छू सकते हैं। इनके अंन्तर्गत इनपुट व आउटपुट यंत्र आते है।
सॉफ्टवेअर : सॉफ्टवेअर कंप्यूटर का वह माध्यम है, जिसे हम कंप्यूटर प्रणाली की गतिविधियों को नियन्त्रित करने वाले आदेशों व निर्देशों का एक संगठित समूह (सैट) कह सकते हैं।
डेटा – वे अपरिपक्व तथ्य व सूचनाएँ डेटा कहलाते हैं, जो कंप्यूटर द्वारा उपयोगी एवं सार्थक सूचनाओं के रूप में परिवर्तित कर दिए जाते हैं। डेटा कंप्यूटर में संख्याओं के रूप में संकलित होते है। जिसका तात्पर्य है कि कंप्यूटर सारे को संख्याओं के रूप में पढ़ता व संकलित करता है।
उपयोगकर्ता – “उपयोगकर्ता” हम मानव हैं, जो विशिष्ट उद्देश से बाह्य रूप से कंप्यूटर का प्रयोग करते हैं। हमारा (उपयोगकर्ता का) कंप्यूटर की आन्तरिक प्रणाली से कोई संबंध नहीं होता। हम तो सिर्फ आँकड़ो का निवेश करते है और अपेक्षित सूचना प्राप्त कर लेते हैं।
हार्डवेअर: –
जैसा कि आप जानते हैं कि कंप्यूटर अपने कार्यो के लिए एक इनपुट साइकल एवं आउटपुट प्रोसेस का अनुसरण करता है। अतएव इसमें प्रयुक्त उपकरण – इनपुट डिवाइस, आउटपुट डिवाइस तथा प्रौसेसिंग डिवाइस के रूप में वर्गीकृत किए जा सकते हैं|
इनपुट डिवाइस – अब हम कुछ इनपुट डिवाइस का अवलोकन करेंगे। कि बोर्ड-यह सामान्य टाइपराइटर की तरह ही होता है। इसमें अनेक कार्यो के लिए विविध प्रकार की किज होती है। इस कि बोर्ड की सहायता से हम आँकड़ों और आदेशों को टंकित टाइप कर सकते हैं।
माउस : यह एक लघु आकार यंत्र होता है, जो मेन प्रौसेसिंग यूनिट से संलग्न होता है। इसके संचालन से कंप्यूटर के स्क्रीन पर एक बिन्दु के माध्यम से सम्पर्क स्थापित होने पर कंप्यूटर संचालित होता है। इसके सामान्यतः तीन बटन होते है जिनका हम स्क्रीन से चयन कर सकते हैं।
जॉयस्टिक : यह नोकिले मुखवाली खड़ी छड़ जैसी होती है, जो नीचे की ओर विद्यमान रहती है। यह मुख्यतया कंप्यूटर गेम्स और अस्पतालों मे अल्ट्रासाउंड स्कैनरों में प्रयुक्त होती है।
स्कॅनर : यह यंत्र फोटोग्राफ़्स और दस्तावेज़ों संबंधी सूचनाओं को ग्रहण करने, तदनन्तर उन्हें कंप्यूटर इमेज के रूप में रूपान्तरित करने में प्रयुक्त होता है।
माइक्रोफोन : इसके द्वारा हम बोलकर आँकड़ों और आदेशो-निर्देशों को कंप्यूटर में दर्ज़ कर सकते हैं।
आउटपुट डिवाइस
मॉनीटरः यह “दृश्य प्रस्तुति इकाई” (विज़्युल डिस्प्ले युनिट) भी कहलाता है। इस पर निविष्ट एवं क्रियान्वित-दोनों तरह के आँकड़ो की प्रस्तुति हम देख सकते हैं। यह टी. वी. स्क्रीन की तरह ही होता है। साथ ही यह टंकित टाइप सामग्री व विविध इमेजों को दर्शाता है। बाज़ार में सामान्यतः दो प्रकार के मॉनीटर उपलब्ध होते है। एक तो सी.आर.टी. मॉनीटर्स यानी “कैथोड-रे ट्यूब” और दूसरा “एल.सी.डी.” यानी “लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले”।
प्रिन्टर(छपाई यंत्र) : जैसा कि क्रियान्वित सूचनाएँ, अनेक तरह की जानकारी, भविष्य मे प्रयोग के लिए मॉनीटर पर संचित नहीं की जा सकती। अतएव ऐसी सूचनाओं और जानकारी से पूर्ण दस्तावेज़ो व इमेजों (छवियों) को “स्थायी प्रति” का रूप देने के लिए प्रिन्टर का प्रयोग किया जाता है। कुछ प्रिन्टर बड़ी गति से काम करने की क्षमता रखते हैं।
स्पीकर्सः इनके माध्यम से सी.डी. पर “सुरक्षित” (Saved) फाइल को हम सुन सकते है तथा उन फाइलों को भी, जिन्हें हमने माइक्रोफोन द्वारा रिकॉर्ड किया है।