ई-कॉमर्स व्यवसाय पर निबंध

ई कॉमर्स व्यवसाय पर निबंध - ई-कॉमर्स व्यवसाय पर निबंध
ई-कॉमर्स व्यवसाय पर निबंध

भूमिका : आजकल लोग प्राचीन तरीकों को बहुत ही कम अपनाते है वे प्राचीन तरीकों को अपनाने की जगह पर आधुनिक तरीकों को अधिक अपनाते हैं। पुराने तरीकों में काम बहुत ही समय में होता है लेकिन आधुनिक तरीकों से काम बहुत ही जल्दी हो जाता है।

ई-कॉमर्स का अर्थ : ई कॉमर्स का अर्थ होता है इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स या हम कह सकते हैं इंटरनेट द्वारा व्यापार करना। आज के समय में इटरनेट के व्यापार में बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है। सन् 1998 में इस मिडिया से 43 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था। यह आज तक बहुत उन्नति कर रहा है।
ई-कॉमर्स का प्रारंभ : भारत में ई कॉमर्स अभी अधिक लोकप्रिय नहीं हुआ है लेकिन ऐसी आशा की जा रही है कि यह बहुत जल्दी लोकप्रिय हो जायेगा। अभी कुछ दिनों पहले हिमाचल में इंटरनेट के द्वारा एक तर्क सेब बेचा गया था। सुनील मेहता ने इस प्रकार का पहला विक्रय किया था।

इंटरनेट पर ऐसी नीलामी बैंगलोर की एक फर्म संजीवनी इंफाटेक ने की और खरीददारी चेन्नई के अमीर-उल-हसन ने की थी। कंपनी ने ये नीलामी फर्मारबजारा.कॉम वेबसाइट से की थी। इसे देखकर ऐसा लगता है जैसे आगे चलकर ई-कॉमर्स से व्यापार में बहुत वृद्धि होगी।

ई-कॉमर्स से कार्यप्रणाली : इंटरनेट से व्यापार प्रणाली बहुत ही सरल होती है। अगर कोई व्यापारी कुछ खरीदना चाहता है तो वह वेब पेज से व्यापारी के इलेक्ट्रोनिक स्टोर में से उत्पादों को चुन लेता है। उस समय वह आर्डरफार्म को भर देता है। इसमें उत्पादों के साथ-साथ चीजों की कीमत भी दी जाती है।

जब वे चीजों का चुनाव कर लेते है तो साईट में हरकत होती है और वो खरीददार के अकाउंट को सूचना देते है। साईट को खरीदने वाले और बेचने वाले की सुरक्षा और प्रामाणिकता का मापदंड होता है। ये संदेश को सुरक्षित भेजने के लिए गुप्त संदेश की विधि को अपनाता है।

जब बेचने वाले को आर्डर मिल जाता है तो वह खरीददार के बैंक को कीमत देने के लिए इजाजत दे देता है। जब उसे इसकी स्वीकृति मिल जाती है तो वह कार्डहोल्डर को इसकी पुष्टि की खबर देने के बाद माल भेज देता है।

ई-कॉमर्स के लाभ : इस प्रिक्रिया को करने के बाद बेचने वाला खरीददार के बैंक को वास्तविक मूल्य की अदायगी का अनुरोध करता है। अंततः खरीददार के बैंक से धन राशि को बेचने वाले के बैंक में ट्रांफर कर देता है। व्यापार की इस प्रणाली से व्यापरी और ग्राहक का सीधा संपर्क हो जाता है।

इस प्रणाली में बिचौलियों को कमीशन नहीं देना पड़ता है। व्यापार का क्षेत्र बहुत बड़ा होता है और बिक्री से फायदा ज्यादा होता है। व्यापार प्रक्रिया को मिनटों में पूरा किया जाता है। इसके साथ-साथ पैसे की अदायगी भी पूरी हो जाती है। इसमें समय की बचत होती है।

घर पर बैठे व्यक्ति के सामने पूरा बाजार स्क्रीन पर आ जाता है और उसे खरीदने के लिए बाजार नहीं जाना पड़ता है। इस प्रक्रिया से जो माल खरीदा जाता है वो विश्वसनीय होता है। अगर इसमें कोई समस्या हुई तो बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों ही सीधे बात करके समस्या का कोई न कोई हल ढूँढ लेते हैं।

उपसंहार : ई कॉमर्स के संचालन के लिए विशेष प्रकार के प्रशिक्षण की जरूरत होती है। आज के युवा के लिए इस क्षेत्र में काम के बहुत अधिक अवसर हैं। इसी लिए युवा ई-कॉमर्स में प्रशिक्षण प्राप्त करके अपना करियर बना सकते हैं।

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