जनरेशन गैप पर निबंध essay on generation gap

essay on generation gap

जनरेशन गैप पर निबंध (essay on generation gap)

प्रस्तावना

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र लगातार विकसित हो रहे हैं और यह भी लोगों, उनके विश्वासों, विचारों और उनके समग्र व्यवहार के जीवन का तरीका है। इस प्रकार विभिन्न पीढ़ियों के लोग अलग-अलग व्यवहार करते हैं और उनकी अपनी स्वयं की विचारधाराएँ हैं जिन्हें जनरेशन गैप के रूप में जाना जाता है।

कैसे पीढ़ी का अंतर स्पष्ट है?

विभिन्न पीढ़ियों से संबंधित लोगों को अलग-अलग नाम दिए गए हैं। जहाँ आजादी से पहले पैदा हुए लोगों को परंपरावादी करार दिया गया है वहीँ इसके बाद जन्में लोगों को बेबी बुमेरर्स कहा जाता है, जो 1965 और 1980 के बीच पैदा हुए उन्हें जनरेशन एक्स और 1980 से 1999 को जनरेशन वाई के नाम से जाना जाता है। यहाँ कुछ ऐसी चीजें हैं जो स्पष्ट रूप से इन पीढ़ियों के बीच अंतर को दिखाती हैं। यहां उन पर एक नजर है:

  1. पारिवारिक प्रणाली

पुरानी पीढ़ी से जुड़े लोग एक संयुक्त परिवार में रहते थे और वे चीजों को साझा करने और उनकी देखभाल करने में विश्वास रखते थे। हालांकि समय के साथ यह विचारधारा बिगड़ती चली गई। वर्तमान पीढ़ी स्वतंत्रता चाहती है और बहुत कम लोग संयुक्त परिवार में रहने के परंपरागत तरीके का पालन करना चाहते हैं। लोगों की समग्र जीवन शैली में काफी बदलाव आया है।

  1. भाषा

आजादी के पूर्व समय के लोगों द्वारा बोली जाने वाली हिंदी आज की हिंदी भाषा से काफी अलग है और यह बदलाव अचानक नहीं आया। यह बदलाव पीढ़ी दर पीढ़ी अस्तित्व में आया। प्रत्येक पीढ़ी अपनी भाषा की अलग पहचान बना लेती है। भाषा में इस परिवर्तन के कारण घर और साथ ही कार्यस्थल पर विभिन्न पीढ़ियों से संबंधित लोगों के बीच संचार कभी-कभी मुश्किल हो जाता है।

  1. कार्यस्थल पर रवैया

जहाँ पिछली पीढ़ी के लोग बड़े-बुजुर्गों से दिशा-निर्देश लेने में अच्छे थे और अपने अधिकारियों के प्रति वफादार थे वहीँ इन दिनों लोग बहुत जल्दी अपने काम से ऊब जाते हैं और कुछ साल के भीतर ही अपनी नौकरी बदलने या नौकरी छोड़ने की कोशिश करते हैं। जनरेशन वाई के लोग अविष्कार करने में महारथ रखते हैं और अपने अधिकारियों से अपने स्वयं के अनूठे विचार साझा और लागू करना चाहते हैं बजाए आँख बंद करके उनके दिशा-निर्देश मानने के।

  1. महिलाओं के प्रति व्यवहार

पुरानी पीढ़ियों की महिलाएं ज्यादातर घर तक ही सीमित थीं। उन्हें केवल एक दासी की तरह देखा जाता था जिसे घर का ख्याल रखना चाहिए जबकि बाहर जाकर काम करना पुरुषों का काम था। हालांकि समय बदलने के साथ महिलाओं के प्रति समाज का रवैया भी बदल गया है। आज महिलाओं को अपनी पसंद के किसी भी क्षेत्र में काम करने और पुरुषों के साथ काम करने का अधिकार है।

निष्कर्ष

एक पीढ़ी के लोग दूसरी पीढ़ी के लोगों से काफी अलग होते हैं जो कि प्राकृतिक है। हालांकि समस्या तब पैदा होती है जब विभिन्न पीढ़ियों के लोग दूसरी पीढ़ी के लोगों के विचारों और विश्वासों की निंदा करते हुए अपने विचारों और विश्वासों को थोपने की कोशिश करते हैं।

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