मेरी माँ पर निबंध

img 20180618 5b26b21072515 - मेरी माँ पर निबंध
मेरी माँ पर निबंध

भूमिका : माँ शब्द की कोई परिभाषा नहीं होती है यह शब्द अपनेआप में पूरा होता है। माँ शब्द को किसी भी तरह से परिभाषित नहीं किया जा सकता है। असहनीय शारीरिक पीड़ा के बाद एक बच्चे को जन्म देने वाली माँ को भगवान का दर्जा दिया जाता है क्योंकि माँ जननी होती है और भगवान ने माँ के द्वारा ही पूरी सृष्टि की रचना की है।

पहले तो माँ एक बच्चे को जन्म देती है फिर अपने कष्टों और शारीरिक पीडाओं को भूलकर बच्चे का पूरा पालन पोषण करती है। माँ हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा होती है क्योंकि माँ बच्चे की प्रथम पाठशाला होने के साथ-साथ एक अच्छी शिक्षक व दोस्त भी होती है और बच्चे को सही राह दिखाती है।

माँ दुनिया में सबसे अधिक प्यार दुलार केवल अपने बच्चे से करती है लेकिन जब बच्चा गलत राह पर चलने लगता है तो माँ अपने कर्तव्यों को निभाना भी अच्छी तरह से जानती है। एक माँ कभी नहीं चाहती कि उसका बच्चा किसी भी गलत संगत में पडकर अपने भविष्य को खराब कर ले। माँ हमेशा अपने बच्चे की परवाह करती है।

भगवान का एक रूप : माँ दुनिया में भगवान का एक दूसरा रूप होती है जो हमारे दुःख लेकर हमे प्यार देती है और अच्छा इंसान बनाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान हर किसी स्थान पर नहीं रह सकता इसलिए उसने माँ को बनाया है हालाँकि माँ के साथ कुछ महत्वपूर्ण क्षणों को वर्णित किया जा सकता है।

हमेशा साथ रहने वाले भगवान के रूप में इस संसार में सभी के जीवन में माँ सबसे अलग होती है जो अपने बच्चों के सभी दुःख ले लेती है और उन्हें प्यार तथा संरक्षण देती है। हमारे शास्त्रों में माँ को देवी के समान पूजनीय माना जाता है। माँ हर मुश्किल घड़ी में अपने बच्चों का साथ देती है और अपने बच्चे को हर दुःख से बचाती है।

माँ असहनीय कष्टों को सहकर भी चुप रहती है लेकिन अगर बच्चे को जरा-सी चोट लग जाती है तो वह बहुत दुखी और परेशान हो जाती है। बच्चे का दुःख माँ से देखा नहीं जाता है। भगवान ने माँ को बच्चों के दुःख हरने और उन्हें प्यार तथा सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाया है।

एक माँ आभाष से यह जान लेती है कि उसका बच्चा किसी संकट में है वह अपने बच्चे के लिए पूरे देश, समाज और दुनिया से लड़ जाती है। भगवान ने इस शक्ति को माँ को प्रदान किया है ताकि माँ अपने बच्चे की रक्षा कर सके। माँ दुनिया का सबसे आसान शब्द है और इस शब्द में भगवान खुद वास करते हैं।

मदर डे : माँ के प्रेम को किसी भी एक दिन में बांध पाना बहुत मुश्किल है लेकिन फिर भी मदर डे मनाया जाता है जिससे बच्चा माँ को वह प्यार और सम्मान दे सके जिसकी वह हकदार होती है। भारत देश में मदर डे को हर वर्ष मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है जिससे बच्चे एक दिन पूरी तरह से अपने सारे काम भूलकर अपनी माँ के साथ समय बिता सकें और उनका ध्यान रख सकें।

अगर देखा जाए तो हर दिन माँ की पूजा की जानी चाहिए लेकिन माँ के महत्व और उनके त्याग के प्रतीक में यह दिन खास तौर पर मनाया जाता है। जब बच्चा बड़ा हो जाता है तो उसकी जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है और उसे अन्य काम भी होते हैं इसलिए वह हर दिन अपनी माँ के साथ समय व्यतीत नहीं कर पाता है। माँ के साथ समय व्यतीत करने के लिए वह मदर डे मनाता है।

इस एक दिन को वह बच्चे के रूप में जीना बहुत पसंद करता है। बच्चा यह चाहता है कि उसकी माँ उससे पहले की तरह प्यार करने लगे, उसकी चिंता करे, उसे कहानियाँ सुनाए। मदर डे को मदर टेरेसा जी की याद में मनाया जाता है। मदर टेरेसा जी ममता की देवी थीं। उन्हें भगवान का दूसरा रूप माना जाता था इसलिए उनके सम्मान में हर साल मदर डे मनाया जाता है।

माँ का महत्व : समाज और परिवार में माँ का बहुत महत्व होता है। माँ के बिना जीवन की उम्मीद भी नहीं की जा सकती है। अगर माँ न होती तो हमारा अस्तित्व भी नहीं होता। खुशी छोटी हो या बड़ी माँ उसमें बढ़-चढकर हिस्सा लेती है क्योंकि माँ के लिए हमारी खुशी ज्यादा मायने रखती है।

माँ बिना किसी लालच के अपने बच्चे को प्यार करती है और बदले में केवल बच्चे से प्यार ही चाहती है। हर किसी के जीवन में माँ एक अनमोल इंसान होती है जिसके बारे में शब्दों में कहा नहीं जा सकता। एक माँ बच्चे की छोटी-से-छोटी जरूरत का ध्यान रखती है। माँ बिना किसी लाभ के हमारी प्रत्येक जरूरत का ध्यान रखती है।

माँ का पूरा दिन बच्चों की जरूरतें पूरा करने में बीत जाता है लेकिन वह बच्चों से कुछ भी वापस नहीं मांगती है। एक माँ वह इंसान होती है जो अपने बच्चों के बुरे दिनों और बिमारियों में उनके लिए रात-रात भर जागती है। माँ हमेशा अपने बच्चों को सही राह पर आगे बढने के लिए बच्चे का मार्गदर्शन करती है।

माँ हमें जीवन में सही कार्य करने के लिए प्रेरित करती है। माँ बच्चे की सबसे पहली अध्यापक होती है जो उसे बोलना, चलना सिखाती है। एक माँ ही बच्चे को अनुशासन का पालन करना, अच्छा व्यवहार करना और देश, समाज, परिवार के लिए हमारी जिम्मेदारी और भूमिका को समझाती है।

माँ की ममता : माँ अपने बच्चे की पसंद-नापसंद को सबसे बेहतर समझती है और बच्चे को सही गलत में अंतर करना सिखाती है। इस दुनिया में माँ की तुलना किसी और से नहीं की जा सकती है क्योंकि बच्चे को पालने के लिए माँ के जितना स्नेह, त्याग और अनुशासन कोई और नहीं कर सकता है।

समाज और देश के प्रति हमारी जिम्मेदारियों के सही मायने भी हमारी माँ ही सिखाती है। माँ ही बच्चे को नई-नई बातें सिखाती है और सही सीख के साथ आगे बढने के लिए प्रेरित करती है जिससे हम पीछे न रह सकें। बच्चे बड़े होने पर अपने स्तर पर माँ और उनके जीवन को अलग-अलग पहचान और महत्व देते हैं लेकिन माँ बिना किसी पहचान और लालच के अपने बच्चों के लिए कष्ट व प्रताड़ना को सहती हुई पालन पोषण करती है।

हम कहीं भी रहे माँ का आशीर्वाद हमारे साथ रहता है। माँ के आशीर्वाद के बिना रहना हमारे लिए कल्पना से परे है। माँ के प्रेम की तुलना किसी और चीज से करना सूरज के सामने दीया जलाने के समान है। सुबह के समय वह बहुत ही प्यार के साथ बच्चे को उठाती है और रात के समय वह बहुत प्यार के साथ कहानियाँ सुनाकर बच्चे को सुलाती है।

माँ बच्चे को स्कूल जाने के लिए तैयार होने में बच्चे की मदद करती है और बच्चे के लिए सुबह का नाश्ता और दोपहर का खाना भी बना कर देती है। माँ दोपहर को बच्चे के स्कूल से आने का इंतजार करते हुए दरवाजे पर खड़ी रहती है। माँ बच्चे का होमवर्क करवाती है। परिवार के सदस्य अन्य कामों में व्यस्त रहते हैं लेकिन माँ सिर्फ बच्चे के लिए समर्पित रहती है।

जब बच्चे को कोई हानि होती है तो माँ को दूर से ही आभाष हो जाता है कि उसकी संतान पर कोई संकट है। माँ की ममता ऐसी होती है कि बच्चा अपनी माँ से बिना डरे हर बात साझा कर लेता है। चाहे बच्चा कितना भी बड़ा हो जाये लेकिन वह माँ के लिए सदैव ही बच्चा रहता है और एक बच्चे की तरह ही उसकी देखभाल करती है।

माँ की आवश्यकता : हमारे लिए माँ सबसे अच्छा खाना बनाने वाली, सबसे अच्छी बातें करने वाले, सबसे अच्छा सोचने वाली और सभी दुखों के सामने पहाड़ की तरह खड़ी रहने वाली है लेकिन माँ जरूरत पड़ने पर अपने बच्चे के अच्छे भविष्य के लिए उसे डांट भी सकती है। माँ बच्चे को सही कामों के लिए सदैव समर्थन देती है।

माँ हमेशा परिवार को एक बंधन में बांधकर रखती है। माँ अपने बच्चों के बारे में जानती है और माँ यह भी जानती है कि बच्चे को किस प्रकार सही रास्ता दिखाना है। माँ का सबसे अधिक समय संतान की देखभाल में ही गुजरता है। एक माँ ही संतान में संस्कार प्रदान करती है। एक माँ बच्चे की सबसे पहली गुरु होती है।

आरंभ में संतान सबसे अधिक माँ के संपर्क में होती है इसलिए माँ के मार्गदर्शन में ही संतान का विकास होता है। केवल माँ ही अपने बच्चे में महान संतों, महा पुरुषों की जीवनी सुनाकर महान व्यक्ति बनने के संस्कारों को कूट-कूटकर भरती है। एक माँ ही संतान को सामाजिक मर्यादाओं में रहना सिखाती है।

एक माँ ही संतान को उच्च विचारों का महत्व बताती है। एक माँ अपनी संतान को चरित्रवान, गुणवान बनाने में अपना पूरा योगदान देती है। किसी भी व्यक्ति का चरित्र उसकी माँ की बुद्धिमता पर निर्भर करता है। एक माँ अपने संतान के लिए सर्वाधिक प्रिय होती है। एक माँ अपनी संतान के लिए पूरे संसार से लड़ जाती है लेकिन माँ का संतान के प्रति अँधा प्रेम संतान के लिए अहितकर सिद्ध होता है।

उपसंहार : आज की भाग दौड़ की जिंदगी में मनुष्य अपनी दूसरी परेशानियों या खुशियों को अधिक प्राथमिकता देते हैं और दूसरी बातों की वजह से अपनी जननी को नजर अंदाज कर देते हैं। हमें कभी-भी अपनी जननी को नहीं भूलना चाहिए क्योंकि उनके एहसान को हम कभी नहीं चुका सकते इसलिए आप अपनी खुशियों और दुखों में कहीं पर भी हों लेकिन अपनी माँ को न भूलें और न ही उसे कभी अकेला छोड़ें।

अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमे फेसबुक(Facebook) पर ज्वाइन करे Click Now

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

नवीन जिलों का गठन (राजस्थान) | Formation Of New Districts Rajasthan राजस्थान में स्त्री के आभूषण (women’s jewelery in rajasthan) Best Places to visit in Rajasthan (राजस्थान में घूमने के लिए बेहतरीन जगह) हिमाचल प्रदेश में घूमने की जगह {places to visit in himachal pradesh} उत्तराखंड में घूमने की जगह (places to visit in uttarakhand) भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग की सूची Human heart (मनुष्य हृदय) लीवर खराब होने के लक्षण (symptoms of liver damage) दौड़ने के लिए कुछ टिप्स विश्व का सबसे छोटा महासागर हिंदी नोट्स राजस्थान के राज्यपालों की सूची Biology MCQ in Hindi जीव विज्ञान नोट्स हिंदी में कक्षा 12 वीं कक्षा 12 जीव विज्ञान वस्तुनिष्ठ प्रश्न हिंदी में अलंकार की परिभाषा, भेद और उदाहरण Class 12 Chemistry MCQ in Hindi Biology MCQ in Hindi जीव विज्ञान नोट्स हिंदी में कक्षा 12 वीं भारत देश के बारे में सामान्य जानकारी राजस्थान की खारे पानी की झील राजस्थान का एकीकरण राजस्थान में मीठे पानी की झीलें