सैनिक का जीवन पर निबंध (essay on soldier’s life)
परिचय
यदि आपको जीवन में अनुशासन का सही उदाहरण देखना हो तो एक सैनिक से अवश्य मिलें। उनका अपने देश के लिए पागलपन देखते बनता है। उनका अनुशासन उन्हें अपने घर-परिवार से दूर तो रखता ही है, साथ ही साथ भोजन, नींद और आराम को भी त्यागना पड़ता है। वाकई यह किसी तपस्या से कम नहीं।
देश प्रेम कि भावना
हम सब भले देश प्रेम के नाम पर 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराने मात्र से अधिक और कुछ नहीं करते। परंतु एक सैनिक से कभी पूछें कि देश प्रेम क्या होता है, शायद उसकी बातों पर आपको यकीन न हो, पर वे सच्चे मायनों में आपको समझा देंगे।
हमारे जवान पूरे देश में पूरे साल वर्दी पहने अपनी ड्यूटी करते हैं, और अपनी जान कि चिंता किए बगैर हमारी हिफाजत करते हैं। सैनिक बहुत ही अनुशासित रहते और देश प्रेमी भी होते।
सैनिकों का जीवन
सैनिकों का जीवन बहुत ही कठिन होता है और एक सिपाही बनना सब के बस की बात नहीं होती। उन्हें कठिन प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है और कई बार ऐसा देखा गया है कि कुछ लोग ट्रेनिंग छोड़ के भाग आते हैं। सूरज के निकलने से पहले जगने से लेकर, उन्हें पूरे दिन बहुत दौड़ाया जाता है। शायद यही वजह है कि उनके भरती के दौरान होने वाले शारीरिक परीक्षा का स्तर बहुत कठिन होता है और ज्यादातर जवान इसमें बाहर हो जाते हैं। उनके कंधों पर आगे चल कर देश कि सुरक्षा का भार रहता है इसलिए ऐसा करना जरूरी भी होता है।
उन्हें अपने बाल कटवाने पड़ते हैं और परिवार से भी दूर रहना होता है। उनका खूब पसीना बहाया जाता है ताकी वे इतने तैयार हो जाएं कि उन्हें युद्ध में कम खून बहाना पड़े।
हमारे त्योहारों कि रौनक फीकी न पड़े इसके लिए ज्यादातर त्योहारों पर उनकी तैनाती भीड़-भाड़ वाले इलाकों पर कर दी जाती है। वे सदैव देश के लिए जीते हैं और कई बार अपना कर्तव्य निभाते-निभाते शहीद भी हो जाते हैं।
देशभक्ति कि भावना
आपको कभी मौका मिले तो किसी सैनिक से अवश्य बात करियेगा क्योंकि उनका देश के लिए जज्बा देखने लायक होता है। सैनिक रोज देश हित कि प्रतिज्ञा लेते हैं और अपने कर्तव्य का पालन करते हैं। जैसा कि कहा जाता है कि कार्य ही पूजा है – हमारे सैनिक इस बात को बड़ी अच्छी तरह निभाते भी हैं। यह सब उनका अपने देश के लिए प्रेम ही है जो वे अपनी जान तक की चिंता नहीं करते।
निष्कर्ष
सैनिकों का जीवन जीना कोई आसान कार्य नहीं है और हम, जब और कुछ नहीं कर सकते तो कम से कम एक जिम्मेदार नागरिक बन उनकी सहायता कर सकते हैं। हमेशा उनकी आदर करें और जब आप अपना त्योहार मनाएं तो उन्हें उस में शामिल करना न भूलें।