कोशिका का सामान्य परिचय संरचना तथा प्रकार
कोशिका विज्ञान (cell Biology)
जीव विज्ञान की इस शाखा में कोशिकाओ की संरचना और कार्य का अध्ययन किया जाता है । यह शब्द हर्टविग द्वारा दिया गया था ।
Cells की खोज रॉबर्ट हुक द्वारा की गई तथा उन्होंने कॉर्क में मृत कोशिका को देखा। इसलिए रॉबर्ट हूक(Robert Hooke) को साइटोलोजी का जनक कहा जाता है। लेकिन सबसे पहले ए. वी. ल्यूवेनहॉक ने जीवित कोशिका को देखा था।
जैव-विकास के दौरान प्रथम कोशिका का निर्माण अबायोटिक (अजैव) प्रक्रिया या रासायनिक संश्लेषण द्वारा किया गया।
कोशिका सिद्धांत {cell theory}
माल्थियस शेलेडेन (Malthias Sheleiden) और थिओडोर श्वान (Theodor Schwann) द्वारा प्रस्तुत किया गया। इसके अनुसार कोशिका जीवन की कार्यात्मक, संरचनात्मक और वंशागत इकाई है।
रूडोल्फ विर्चो ने कहा कि ओमनिस सेल्यूला ई-सेलुला जिसका मतलब है कि पहले से मौजूद कोशिकाओं से नए कोशिकाएं बनती हैं।
कोशिका सिद्धांत है –
(ए) सभी जीवित जीव कोशिकाओं और कोशिकाओं के उत्पाद से बना है।
(बी) सभी कोशिकाएं पूर्व-मौजूदा कोशिकाओं से उत्पन्न होती हैं।
कोशिका सिद्धांत के अपवाद {Exceptions to cell theory}
- Virus: – अकोशिकीय,केवल न्यूक्लिक अम्ल और प्रोटीन द्वारा बना होता है।
- Viriods: – वे केवल आरएनए कण है।
- Virions: – वे वायरल जीनोम के निष्क्रिय वाहक हैं।
- Prions: – केवल प्रोटीन द्वारा बना न्यूक्लिक अम्ल अनुपस्थित होते है।
- RBC: – केन्द्रक अनुपस्थित (उंट व लामा के आरबीसी में केन्द्रक उपस्थित होते है)
- बहूकेन्द्रकी जीव (Multi Nucleate Organism) : – जन्तुओं में Syncytium, पौधों में कोनोसाइट, अवपंक कवक में (slime moulds) प्लाइमोडियम ।
- बी और टी लसिकाणु – प्रारुपी आनुवांशिक पदार्थ अनुपस्थित होते हैं।
कोशिकाओं का आकार {Cell size}
माइकोप्लाज्मा: – सबसे छोटी कोशिका , लंबाई में 0.3 माइक्रोमीटर
बैक्टीरिया: – लंबाई में 3-5 माइक्रोमीटर
मानव आरबीसी: – 7 माइक्रोमीटर
तंत्रिका कोशिका: – सबसे लंबी कोशिका ,लंबाई में 90CM
boehmeria nivea: – सबसे लंबी पादप कोशिका
एसेटाबुलेरिया: – सबसे लंबा एककोशिकीय पादप
शुतुरमुर्ग अंडा- सबसे बड़ी एकल कोशिका
कोशिका की आकृति {Cell shape}
कोशिकाएं डिस्क जैसी, बहुभुज, स्तंभ, घनाभ, धागे समान या अनियमित होती हैं।
कोशिका का प्रकार {Cell type}
C. B. Van Neil ने कोशिकाओं को दो वर्गों में वर्गीकृत किया –
प्रोकैरियोटिक कोशिका {Prokaryotic cell}
- Pro–>प्रारम्भिक(Primitive), Karyon–> नाभिक(nucleus)
- बैक्टीरिया, नील हरित शैवाल, माइकोप्लास्मा(कोशिका भित्ति अनुपस्थित), PPLO (Pleuro निमोनिया जैसे जीव) आदि की कोशिकाएं प्रोकैरियोक्टिक कोशिका होती हैं।
- केन्द्रक अल्प विकसित होता है जिसे केन्द्रकाभ (Nucleiod) कहते है इसमें हिस्टोन प्रोटीन का अभाव होता हैं।
- झिल्ली आबंध कोशिकाग का अभाव होता हैं।
- कोशिकाओ में सबसे बाहर पॉलिसैकेराइड की बनी ग्लाइकोकैलिक्स होती है जो कठोर आवरण (संपुटिका CAPSULE) नरम आवरण (अवपंक परत SLIME LAYER) के रूप में होती है।
- कोशिकाभित्ति पेप्टीडोग्लाइकेन की बनी होती हैं।
- प्लाज्मा झिल्ली वसा, प्रोटीन तथा OLIGOSACCARIDE की बनी होती हैं।
- बैक्टीरिया ग्राम +VE और ग्राम –VE प्रकार के होते है।
- प्लाज्मा झिल्ली के अन्तर्वलन से मिसोसोम (MESOSOME) का निर्माण होता है। जिस पर श्वसन के लिए एन्जाइम होते हैं।
- जिनोमिक DNA के अतिरिक्त एकल वृताकार DNA को प्लाज्मिड(PLASMID) कहते है।
- बैक्टीरिया की कोशिकाएं गतिशील या अगतिशील होती है।
- फ्लैजिलम (FLAGELLUM) – तीन भागों होते हैं –
- फिलामेंट(तंतु) हुक(अंकुश ), और आधारी शरीर ·
- पिली(PILI), फ़िम्ब्री(FIMBRIAE) – गतिशीलता में एक भूमिका नहीं निभाती हैं। लेकिन चिपकने में मदद करती हैं।
- राइबोसोम(RIBOSOME) 15-20nm, 2 उप-इकाइयों में बँटे 50s और 30 s -एक साथ 70s –
- राइबोसोम प्रोटीन संश्लेषण में सहायता करते हैं।
- RNA+राइबोसोम –>पॉलीराइबोसोम POLYSOMES
- अंतर्विष्ट पिंड(INCLUSION BODIES): फॉस्फेट ग्रैन्यूल, साइनोफाइसिन, ग्लाइकोजन ग्रैन्यूल, गैस रसधानी।
यूकेरियोटिक कोशिका {Eukaryotic cells}
- Eu- विकसित, Karyon- केन्द्रक।
- यूकेरियोटिककोशिका में विकसित केन्द्रक पाया जाता हैं।
- इनमें एक या एक से अधिक केन्द्रक होते हैं।
- इनका आनुवंशिक पदार्थ गुणसूत्र में व्यवस्थित होता हैं।
- यूकेरियोटिक कोशिका में झिल्ली आबंध कोशिकांग होते हैं।
- सभी पौधे, जानवर, कवक, प्रोटीस्ट में यूकेरियोटिक कोशिकाएं होती हैं।
- पादप और जन्तु कोशिकाओं में भी अन्तर होता हैं।
कोशिका का सामान्य परिचय संरचना तथा प्रकार
Biology Notes In Hindi
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