अनुवांशिकता एवं जैव विकास
- स्पीशीज में विभिन्नताएँ उसे उत्तरजीविता के योग्य बना सकती हैं अथवा केवल आनुवंशिक विचलन में योगदान देती हैं।
- कायिक ऊतकों में पर्यावरणीय कारकों द्वारा उत्पन्न परिवर्तन वंशानुगत नहीं होते।
- विभिन्नताओं के भौगोलिक पार्थक्य के कारण स्पीशीकरण हो सकता है।
- विकासीय संबंधों को जीवों के वर्गीकरण में ढूँढ़ा जा सकता है।
- काल में पीछे जाकर समान पूर्वजों की खोज से हमें अंदाजा होता है कि समय के किसी बिंदु पर अजैव पदार्थों ने जीवन की उत्पत्ति की।
- जैव-विकास को समझने के लिए केवल वर्तमान स्पीशीश का अध्ययन पर्याप्त नहीं है, वरन् जीवाश्म अध्ययन भी आवश्यक है।
- अस्तित्व लाभ हेतु मध्यवर्ती चरणों द्वारा जटिल अंगों का विकास हुआ।
- जैव-विकास के समय अंग अथवा आकृति नए प्रकार्यों के लिए अनुकूलित होते हैं। उदाहरण के लिए, पर जो प्रारंभ में ऊष्णता प्रदान करने के लिए विकसित हुए थे, कालांतर में उड़ने के लिए अनुकूलित हो गए।
- विकास को ‘निम्न’ अभिरूप से ‘उच्चतर’ अभिरूप की ‘प्रगति’ नहीं कहा जा सकता। वरन् यह प्रतीत होता है कि विकास ने अधिक जटिल शारीरिक अभिकल्प उत्पन्न किए हैं जबकि सरलतम शारीरिक अभिकल्प भलीभाँति अपना अस्तित्व बनाए हुए हैं।
- मानव के विकास के अध्ययन से हमें पता चलता है कि हम सभी एक ही स्पीशीश के सदस्य हैं जिसका उदय अफ्रीका में हुआ और चरणों में विश्व के विभिन्न भागों में फैला |
आनुवंशिक एंव जैव विकास
Q1. मेंडल के एक प्रयोग में लंबे मटर के पौधे जिनके बैंगनी पुष्प थे, का संकरण बौने पौधें जिनके सफेद पुष्प थे, से कराया गया। इनकी संतति के सभी पौधें में पुष्प बैंगनी रंग के थे। परंतु उनमें से लगभग आधे बौने थे। इससे कहा जा सकता है कि लंबे जनक पौधें की आनुवंशिक रचना निम्न थी |
(a) TTWW
(b) TTww
(c) TtWW
(d) TtWw
उत्तर : (c) TtWW |
Q2. समजात अंगों का उदाहरण है |
(a) हमारा हाथ तथा कुत्ते अग्रपाद |
(b) हमारे दाँत तथा हाथी के दाँत |
(c) आलू एवं घास के उपरिभूस्तारी |
(d) उपरोक्त सभी |
उत्तर : (d) उपरोक्त सभी |
Q3. विकासीय दृष्टिकोण से हमारी किस से अध्कि समानता है ?
(a) चीन के विद्यार्थी
(b) चिम्पैंजी
(c) मकड़ी
(d) जीवाणु
उत्तर : (a) चीन के विद्यार्थी |
Q4 : एक अध्ययन से प्या चलन कि के रंग की आँखों वाले बच्चों के जनक ( माता-पिता ) की आँखें भी हलके रंग की होती हैं। इसके आधार पर क्या हम कह सकते हैं कि आँखों के हलके रंग का लक्षण प्रभावी है अथवा अप्रभावी? अपने उत्तर की व्याख्या कीजिए।
उत्तर : इस आधर पर यह खा जा सकता है | कि आँखों के हल्के रंग का लक्षण प्रभावी है | क्योंकि माता – पिता की आँखें भी हल्के रंग की है अत: हम प्रभावी लक्षण हल्के रंग को कहेंगें हांलाकि गहरे रंग का लक्षण अप्रभावी है |
5. जैव-विकास तथा वर्गीकरण का अध्ययन क्षेत्रा किस प्रकार परस्पर संबंध्ति है।
उत्तर : मानव के पूर्वज एक ही थे | धीरे – धीरे जीवों का विकास हुआ तथा इसी विकास के कारण जीव सरलता से जटिलता की ओर अग्रसर हुए तथा विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत हुए | इस प्रकार जैव विकास ही वर्गीकरण की सीढ़ी है |
6. समजात तथा समरूप अंगों को उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तर : वे अंग जो आधारभूत संरचना में एक समान है परन्तु भिन्न – भिन्न कार्य करते है , समजात अंग कहलाते है उदाहरण – पक्षी , जल – स्थलचर अन्य के चार पैर होते है परन्तु सबके कार्य भिन्न है | इसके ठीक विपरीत वे अंग जिनकी आधारभूत संरचना एक समान नंही होती परन्तु भिन्न – भिन्न जीवों में एक ही सामान कार्य करते है ,समरूप अंग कहलाते है | उदाहरण – चमगादड़ व पक्षी के पंख | चमगादड़ के पंख दिर्घित अंगुली के बीच की त्वचा के फैलने से परन्तु पक्षी पूरी अग्रबाहू की त्वचा के फैलने से बनती है |
7. कुत्ते की खाल का प्रभावी रंग ज्ञात करने के उद्देश्य से एक प्रोजेक्ट बनाइए।
उत्तर : इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए हमें एक काले रंग का कुता व एक सफ़ेद रंग की कुतिया लेनी होगी | यदि दोनों के मध्य संकरण करने के पश्चात सभी संतानें काली रंग की उत्पन्न होती है तो हम कह सकते है कि काला रंग प्रभावी है तथा सफ़ेद रंग अप्रभावी है |
8. विकासीय संबंध् स्थापित करने में जीवाश्म का क्या महत्त्व है?
उत्तर : जीवाश्म उन जीवों के अवशेष है जो अब विलुप्त हो चुके है | जब हम उन जीवों के जीवाश्मों की संरचना की तुलना वर्तमान जीवों से करते है तो हमें पता चलता है की किस प्रकार जीवों का विकास हुआ तथा जीवाश्म विकास क्रम प्रणाली की भी व्याख्या करते है |
9. किन प्रमाणों के आधार पर हम कह सकते हैं कि जीवन की उत्पत्ति अजैविक पदार्थों से हुई है?
उत्तर :सन् 1929 में ब्रिटिश वैज्ञानिक जे .बी.एस. हाल्डेन ने बताया कि शायद कुछ जटिल कार्बनिक अणुओं का संश्लेष्ण हुआ जो जीवो के लिए आवश्यक थे | प्राथमिक जीव अन्य रासायनिक संश्लेष्ण द्वारा उत्पन्न हुए होगें | इसके आमेनिया , मीथेन , तथा हाइड्रोजन सल्फाइड के अणु परन्तु ऑक्सीजन के नंही थे | 100० C से कम ताप पर गैसों के मिश्रण में चिंगारियां उत्पन्न करने पर एक सप्ताह बाद 15 प्रतिशत कार्बन सरल कार्बनिक यौगिकों में बदल गए | इनमें एमीनो अम्ल भी संश्लेषित हुए जो प्रोटीन के अणुओं को बनाते हैं | इस प्रकार अजैविक पदार्थो से जीवों की उत्पति हुई |
10. अलैंगिक जनन की अपेक्षा लैंगिक जनन द्वारा उत्पन्न विभिन्नताएँ अधिक स्थायी होती हैं, व्याख्या कीजिए। यह लैंगिक प्रजनन करने वाले जीवों वेफ विकास को किस प्रकार प्रभावित करता है?
उत्तर : अलैंगिक जनन विभिन्नताएँ बहुत कम होती है क्योंकि DNA प्रतिकृति लगभग समान होती है अतः संतान में भी अत्यधिक समानता पाई जाती को जन्म देते है | इस प्रकिया में DNA की विभिन्नताएँ स्थायी होती है तथ स्पीशीज के असितत्व के लिए भी लाभप्रद है |
11. संतति में नर एवं मादा जनकों द्वारा आनुवंशिक योगदान में बराबर की भागीदारी किस प्रकार सुनिश्चित की जाती है।
उत्तर : लैंगिक प्रजनन में जिन सेट केवल एक DNA श्रृंखला के रूप में नंही होता | DNA के दो स्वतंत्र अणु दो गुणसूत्र मिलते है | लैंगिक जनन में संतान को दो गुणसूत्र मिलते है – एक पिटे तथा एक माता से | जो लक्षण प्रभावी होता है व्ही संतान में दिखाई देता है |
12. केवल वे विभिन्नताएँ जो किसी एकल जीव ( व्यष्टि ) के लिए उपयोगी होती हैं, समष्टि में अपना अस्तित्व बनाए रखती हैं। क्या आप इस कथन से सहमत हैं? क्यों एवं क्यों नहीं?
उत्तर : हाँ , यह सत्य है | प्रकृति जीवों कण चयन करती है | वे जीव जो विभिन्नता दर्शाते है तथा स्वयं को पर्यावरण के अनुकूल बन लेते है जीवित रह पाते है | इसके विपरीत जो विभिन्नता नंही दर्शाते है , विलुप्त हो जाते है | iउदाहरण – पर्यावरण की प्रतिकूलता से बाघों की संख्या में कमी आना |
13.मेंडल ने अपने प्रयोगों के लिए किस पौधे को चुना?
उत्तर : मटर के पौधे को|
14. जीन क्या होता हैं?
उत्तर : जीन वह सूक्ष्मतम आनुवंशिक इकाई हैं, जो गुणसूत्रों में उपस्थित DNA का एक भाग होता हैं तथा लक्षण को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्थानांतरित करते हैं|