ब्लड प्रेशर क्या होता है

ब्लड प्रेशर क्या होता है

(What is blood pressure and how it is measured)

हम सभी जानते हैं कि ब्लड लाल रंग का होता है, जो हमारे शरीर में संचारित होता है. यह लाल रंग का इसीलिए होता है क्योंकि इसमें लाल रंग का एक पिगमेंट है जिसे हीमोग्लोबिन कहते है. इसमें प्लाज्मा (plasma), लाल रक्त कोशिकाएं (red blood cells), श्वेत रक्त कोशिकाएं (white blood cells ) और प्लेटलेट (platelets) होते हैं. रक्त ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, पचा हुआ भोजन आदि जैसे पदार्थों को शरीर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से तक पहुचाने में मदद करता है. यह रोगों से हमें बचाता है और रक्त का तापमान भी नियंत्रित करता है|

What is blood pressure - ब्लड प्रेशर क्या होता है
ब्लड प्रेशर क्या होता है

जब दिल धड़कता है, तो यह ऊर्जा और ऑक्सीजन को शरीर में पहुचाने के लिए  चारों ओर ब्लड को पंप करता है. जैसे ही शरीर में ब्लड फैल जाता हैं, यह रक्त वाहिकाओं के पक्षों के खिलाफ धक्का देता है. रक्त वाहिकाओं को आगे बढ़ाने की ताकत दबाव पैदा करती है, जिसे ब्लड प्रेशर के रूप में जाना जाता है. इसलिए, हम यह परिभाषित कर सकते हैं कि ब्लड प्रेशर वह दबाव या प्रेशर है जिसमें शरीर के चारों ओर ब्लड को हृदय के द्वारा पंप किया जाता है। यदि ब्लड प्रेशर ज्यादा या हाई होता है तो धमनियों या हृदय पर अतिरिक्त तनाव उत्पन्न होता है और हृदय का दौरा भी पड़ सकता है. इसलिए, ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखना बहुत आवश्यक है|

blood pressure - ब्लड प्रेशर क्या होता है
ब्लड प्रेशर क्या होता है

What is normal blood pressure
दो मूल्यों के रूप में ब्लड प्रेशर को बताया जा सकता है जैसे कि सिस्टोलिक दबाव और डायस्टोलिक दबाव.

आखिर सिस्टोल और डायस्टोल 

हृदय ब्लड पंप करता है और इस प्रक्रिया के दौरान यह सिकुड़ता और फैलता है. दिल धड़कने के एक चरण में यानी जब दिल सिकुड़ता है और धमनियों में ब्लड को पंप करता है उसे सिस्टोल कहा जाता है और हृदय की हड्डियों के चरण में जब हृदय फैलता है या रिलैक्स होता है और चैम्बर्स को ब्लड से भरने की अनुमति देता है तो उसे डायस्टोल कहा जाता है|

systolic diastolic blood pressure - ब्लड प्रेशर क्या होता है

संकुचन चरण के दौरान, अधिकतम दबाव जिस पर मुख्य धमनी के माध्यम से हृदय ब्लड को छोड़ देता है उसे सिस्टोलिक दबाव कहा जाता है। हृदय के रिलैक्स या विस्तार चरण के दौरान धमनियों के न्यूनतम दबाव को डायस्टोलिक दबाव कहा जाता है.
सिस्टोलिक दबाव 120 mm Hg है
डायस्टोलिक दबाव 80 mm Hg है
इसलिए, नार्मल (normal) ब्लड प्रेशर 120/80 होता है लेकिन यह समय-समय पर और व्यक्ति-व्यक्ति में भिन्न हो सकता हैं.

हाई ब्लड प्रेशर 

हाई ब्लड प्रेशर को हाइपरटेंशन के रूप में जाना जाता है. यह धमनियों या धमनी के संकुचन के कारण होता है. जिससे ब्लड प्रवाह के प्रतिरोध में वृद्धि होती है. इससे धमनियां टूट सकती है और आंतरिक रक्तस्राव भी हो सकता है. यह विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं को भी भड़ावा देता है|

Risks of high blood pressure - ब्लड प्रेशर क्या होता है

कैसे ब्लड प्रेशर मापा जाता है

ब्लड प्रेशर को स्फाइगनोमैनोमीटर (sphygmomano meter) उपकरण द्वारा मापा जाता है। ब्लड प्रेशर या रक्तचाप को मापने के लिए निम्न चरण इस प्रकार हैं:

How Blood Pressure is Measured - ब्लड प्रेशर क्या होता है

सबसे पहले जिस व्यक्ति के ब्लड प्रेशर को मापना है उस व्यक्ति की बाँह के चारों और से रबर के पट्टे को लपेट देते है. फिर ब्रेकियल धमनी में 200 mm Hg के दबाव से हवा को पंप करते है और रबर का पट्टा बढ़ जाता है. इस दबाव को आप यंत्र स्फाइगनोमैनोमीटर में देख सकते हैं. इस समय जब स्टेथोस्कोप को हाथ की धमनी पर रखा गया तो कोई आवाज नहीं सुनाई दी.
– अब, रबड़ के पट्टे के दबाव को डिफ्लेटिंग (deflating)  द्वारा कम किया जाता है और धमनी पर रखे गए स्टेथोस्कोप के माध्यम से पट्टे के दबाव से पहली टेपिंग ध्वनि सुनाई देती है तो वह सिस्टोलिक दबाव कहलाती है.
– जब रबड़ के पट्टे के दबाव को और अधिक डिफ्लेटिंग (deflating) द्वारा कम किया जाता है और धमनी पर रखे गए स्टेथोस्कोप के माध्यम से पट्टे के दबाव से टेपिंग ध्वनि गायब होती हुई सुनाई देती है तो वह डायस्टोलिक दबाव कहलाती है|

measuring blood pressure - ब्लड प्रेशर क्या होता है
ब्लड प्रेशर क्या होता है

इस तरह ब्लड प्रेशर या रक्तचाप मापा जाता है। इसे ऐसे भी समझ सकते है कि जब रबर के पट्टे द्वारा हाथ में 200 mm Hg का उच्च दबाव दिया जाता है तो ब्रेकियल धमनी बंद हो जाती है और इसमें कोई ब्लड प्रवाह नहीं होता है. नतीजा यह कि धमनी पर रखा स्टेथोस्कोप में कोई टेपिंग ध्वनि नहीं सुनाई देगी क्योंकि ब्लड नहीं बह रहा होगा. लेकिन जब रबड़ के पट्टे का दबाव कम हो जाता है और सिस्टोलिक दबाव के बराबर हो जाता है, ब्लड थोड़ा धमनियों से बहने लगता है और पहली ध्वनि स्टेथोस्कोप पर सुनाई देती है. इसके अलावा, जब रबड़ के पट्टे से दबाव कम हो जाता है और डायस्टोलिक दबाव के बराबर हो जाता है, तो धमनी पूरी तरह से खुल जाती है, ब्लड बहता है और ध्वनि अंततः गायब हो जाती है.
इस लेख से यह जानकारी प्राप्त होती है कि ब्लड प्रेशर या रक्तचाप क्या होता है, इसको कैसे मापते है और ब्लड प्रेशर के हाई होने से मानव के शारीर में क्या प्रभाव पड़ता है.

ब्लड प्रेशर क्या होता है

शहरी जीवनशैली में ही नहीं बल्कि गांव-देहात में भी हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) बहुत बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन गई है. बारत में करोड़ों लोग इसकी चपेट में हैं और यह प्राणघातक भी हो सकता है. हाई ब्लड प्रेशर को Silent Killer भी कहते हैं क्योंकि ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं होता कि वे इसकी गिरफ्त में हैं क्योंकि इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते |

पहले लोग मानते थे कि ब्लड प्रेशर की समस्या प्रौढ़ावस्था में होता है लेकिन अब छोटे बच्चों में भी ब्लड प्रेशर देखने में आ रहा है. ब्लड प्रेशर किसी को भी हो सकता है और एक बार दवा शुरु हो जाने उसे बंद करना सरल नहीं होता इसलिए High Blood Pressure की समस्या से बचाव में ही समझदारी है|

हमारी रक्त वाहिनियों (धमनियों तथा शिराओं) पर पड़नेवाले खून के दबाव को ब्लड प्रेशर कहते हैं. डॉक्टर इसे मापने के लिए एक मशीन का इस्तेमाल करते हैं जिसे Sphygmomanometer (स्फिग्नोमैनोमीटर) कहते हैं. रबर के ब्लैडर को दबाने पर पट्टा बांह में कसता है और प्रेशर रिलीज करने पर जब डॉक्टर या जांच करनेवाले को आले में टिकटिक की आवाज़ सुनाई देती है तो पारे के गिरते लेवल से दो आँकड़े मिलते हैं|

Normal Blood Pressure - ब्लड प्रेशर क्या होता है
ब्लड प्रेशर क्या होता है

आदर्श ब्लड प्रेशर (Normal Blood pressure) 120/80 माना जाता है. इसमें पहली संख्या को सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहा जाता है क्योंकि यह हृदय के धड़कने (सिस्टोल) के समय के ब्लड प्रेशर को दिखाता है. दूसरी संख्या को डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहते हैं क्योंकि हृदय के तनाव-मुक्त रहने के समय के ब्लड प्रेशर की सूचना देता है.

ब्लड प्रेशर को पारे के स्तंभ में मिलीमीटर में मापा जाता है. ब्लड प्रेशर के 140/90 से ज़्यादा होने पर उसे हाईपरटेंशन (Hypertension) की अवस्था मानते हैं. इसे ही हम ब्लड प्रेशर कहते हैं|

रक्तचाप बढ़ने के कारण – HIGH BLOOD PRESSURE REASONS IN HINDI :

– रक्तचाप बढ़ने के कई कारण हैं. आनुवांशिकतानमकमोटापातनावगर्भावस्थाधूम्रपानशराबकिडनी के रोगडायबिटीज (Diabetes)जंकफूडगर्भनिरोधक गोलियों (contraceptive pills)आधुनिक व आरामतलब जीवनशैलीहार्मोनल गड़बड़ियां आदि ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती हैं. भोजन में अधिक मात्रा में नमक लेने से कुछ लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है.

– रक्त वाहिनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से धमनियाँ संकरी हो जाती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. मोटे लोगों को भी High Blood pressure होने का खतरा रहता है. धूम्रपान करनेवालों को भी इसका रिस्क होता है. अधिक मात्रा में चायकॉफी पीने तथा सोडा ड्रिंक्स में मिले कैफीन से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. बहुत अधिक तनावग्रस्त रहने से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है|

उच्च रक्तचाप सामान्य रखने के लिए क्या करें  HOW TO CONTROL HIGH BLOOD PRESSURE IN HINDI :

– नमक का सेवन कम कर दें. दिन भर में एक छोटा चम्मच या लगभग पांच ग्राम नमक का सेवन पर्याप्त है. थाली में अलग से नमक लेकर न बैठें. साधारण नमक की जगह Low sodium salt का उपयोग करें. सप्ताह में एक बार बिना नमक का भोजन करने की आदत डालें. थाली में नमक के व्यंजनों की संख्या में कटौती करें|

– यदि दाल और सब्जी के साथ खाना खा रहे हों तो पापड़अचारचटनीनमकीन सलादरायते का सेवन न करें. इनमें से हर व्यंजन में नमक डला होता है और नमक की छोटी-छोटी मात्रा मिलकर अधिक हो जाती है.

– पैकेज्डकैन्डफ्रोज़न फूड नमक अधिक और प्रिजर्वेटिव होने के कारण इनका सेवन भी कम से कम करें. बेकिंग पाउडर व अजीनोमोटो वाले प्रोडक्ट्सबिस्कुटबेकरी आइटम्सनमकीनचिप्सरेड मीट (Red meat) आदि में भी नमक और Saturated fats होते हैं. इनसे भी परहेज करें|

– वज़न कम कीजिएतनाव कम करेंपर्याप्त नींद लीजिएऐसा भोजन लें जिसमें पोटैशियम युक्तकैल्शियम और मैग्नीशियम अधिक होशराब बहुत संतुलित मात्रा में पिएंभरपूर Exercise व Yoga आदि करेंरेशेदार भोजन व फल ज़्यादा लीजिए.

– धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दीजिएCholesterol Test करवाते रहेंमधुमेह को काबू में रखिए तथा अपनी Kidney की देखभाल करें. बहुत सी दवाओं के सेवन से भी High blood pressure हो सकता है इसलिए अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर ही दवाएं लें.

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