जन्तु विज्ञान की शाखाएँ (Branches of Zoology)
- एनाटोमी – शरीर एवं विविध अंगो की विच्छेदन द्वारा प्रदर्शित सकल रचना
- एंथ्रोपोलॉजी – मानव जाति के सांस्कृतिक विकास का अध्ययन
- एंजिओलॉजी – परिसंचरण तंत्र का अध्ययन
- एयरोबॉयोलॉजी – उड़ने वाले जंतुओं का अध्ययन
- एरेकनोलॉजी – मकड़ियों का अध्ययन
- बायोमेट्रिक्स – जीव विज्ञान के प्रयोगों के विभिन्न परिणामों का सांख्यिकी विश्लेषण व अध्ययन
- साइकोबायोलॉजी – जंतुओं की मनोवृत्ति का अध्ययन
- जूजियोग्राफ़ी – पृथ्वी पर जंतुओं के वितरण का अध्ययन
- पेलियेन्टोलॉजी – जीवाश्मों का अध्ययन
- फाइलोजेनी – जाती के उद्विकास का इतिहास
- आन्टोजेमी – जीवन वृत्ति का अध्ययन
- ट्राफोलॉजी – पोषण विज्ञान
- प्रोटोजोआलॉजी – प्रोटोजोआ का अध्ययन
- रेडियोलॉजी – जीवों पर विकिरण प्रभाव का अध्ययन
- सार्कोलॉजी – पेशियों का अध्ययन
- सिन्डेस्मोलॉजी – कंकाल संधियों एवं स्नायुओं का अध्ययन
- सिरोलॉजी – रुधिर सीरम का अध्ययन
- टेक्टोलॉजी – शरीर के रचनात्मक संघटन का अध्ययन
- टेक्सोनॉमी – जीवजातियों के नामकरण एवं वर्गीकरण का अध्ययन
- टटोलॉजी – उपार्जित लक्षणों का अध्ययन
- टॉक्सिकोलॉजी – जंतुओं के लिए विषैले पदार्थों और शरीर पर इनके प्रभावों का अध्ययन
- एन्जाइमोलॉजी – उत्प्रेरकों का अध्ययन
- एंटोमोलॉजी – कीट पतंगों का अध्ययन
- जेनेटिक्स – जीवों के आनुवंशिक लक्षण एवं उनकी वंशागति का अध्ययन
- हिस्टोलॉजी – सूक्ष्मदर्शी द्वारा अंगों की औतिक संरचना का अध्ययन
- हीमेटोलॉजी – रुधिर एवं रुधिर रोगों का अध्ययन
- हेल्मिन्थोलॉजी – परजीवी कृमियों का अध्ययन
- हर्पेटोलॉजी – उभयचारियों एवं सरीसृपों का अध्ययन
- इक्थियोलॉजी – मछलियों का अध्ययन
- इम्यूनोलॉजी – संक्रमण के विरुद्ध जंतु शरीर के प्रतिरोध का अध्ययन
- कैरियोलॉजी – केन्द्रक का अध्ययन
- मार्फोलॉजी – जंतुओं की आकृति एवं रचना का अध्ययन
- मायोलॉजी – पेशियों का अध्ययन
- मेमेलोलॉजी – स्तनधारियों का अध्ययन
- मेलेकोलॉजी – मोलस्का एवं इनके खोलों का अध्ययन
- मॉलिक्युलर बायोलॉजी – आणविक स्तर पर जंतुओं की रासायनी का अध्ययन
- माइक्रोबायोलॉजी – अतिसूक्ष्म जीवों का अध्ययन
- न्यूरोलॉजी – तंत्रिका तंत्र का अध्ययन
- ऑस्टियोलॉजी – कंकाल तंत्र का अध्ययन
- ओडोन्टोलॉजी – दन्त विज्ञान संबंधी अध्ययन
- ऑर्गेनोलॉजी – अंग विज्ञान संबंधी अध्ययन
- ऑर्निथोलॉजी – पक्षियों का अध्ययन
- ऑफियोलॉजी – साँपों का अध्ययन
- फीजियोलॉजी – शरीर के विभिन्न भागों के कार्य एवं कार्य विधियों का अध्ययन
- पारासिटोलॉजी – परजीवी जीवों का अध्ययन
- पैथोलॉजी – रोगों की प्रकृति, लक्षणों एवं कारणों का अध्ययन
- बॉयोमिक्स – जन्युओं के तंत्रिका तंत्र का अध्ययन
- सायटोलॉजी – कोशिकाओं का बहुमुखी अध्ययन
- क्रेनिओलॉजी – करोटि का अध्ययन
- इकोलॉजी – सजीव एवं निर्जीव वातावरण से जीवों के विविध संबंधों का अध्ययन
- एक्सटर्नल मॉर्फोलॉजी – जीवों के शरीर की बाहरी संरचना का अध्ययन
- एंडोक्राइनोलॉजी – अन्तःस्त्रावी तंत्रों का अध्ययन
- इथोलॉजी – जंतुओं के व्यव्हार का अध्ययन
- एम्ब्रायोलॉजी – भ्रूणीय परिवर्धन का अध्ययन
- इवोल्यूशन – जीव जंतुओं का उद्भव एवं विभेदीकरण का इतिहास
- यूजेनिक्स – आनुवांशिकी के सिद्धांतों द्वारा मानव जाती की उन्नति का अध्ययन
- यूफेनिक्स – कोशिकाओं में जीन →RNA →प्रोटीन श्रंखला में परिवर्तन करके मानव जाति की उन्नति का अध्ययन
वनस्पति विज्ञान की शाखाएँ ( Branches of Botany ) :-
- एग्रोस्टोलॉजी – घासों का अध्ययन एवं पालन
- बायोमेट्रिक्स – जीव वैज्ञानिकों के प्रेक्षणों का गणितीय विवेचन
- हिस्टोलॉजी – ऊतकों का अध्ययन
- एल्गोलॉजी – शैवालों का अध्ययन
- एन्थोलॉजी – फूलों का अध्ययन
- एनाटोमी – आतंरिक संरचना का अध्ययन
- टेक्सोनॉमी – पादप वर्गीकरण का अध्ययन
- स्पर्मोलॉजी – बीजों का अध्ययन
- स्पेसबायोलॉजी – अंतरिक्ष ततः वायुमण्डल में स्थित पादपों का अध्ययन
- फाइटोजिओग्राफी – पौधों के वितरण एवं उनके कारणों का अध्ययन
- टेरिडोलॉजी – टेरिडोफाइट्स का अध्ययन
- बैक्टीरियोलॉजी – जीवाणुओं का अध्ययन
- ब्रायोलॉजी – ब्रायोफाइटा का अध्ययन
- केसीडियोलॉजी – पादप में रोगजन्य गाँठों, पादप कैंसर का अध्ययन
- साइटोलॉजी – कोशिकाओं का अध्ययन
- डेंड्रोलॉजी – वृक्षों एवं झाड़ियों का अध्ययन
- डेंड्रोकोनोलॉजी – वृक्षों की आयु का अध्ययन
- इकोलॉजी – पौधों का वातावरण से संबंध का अध्ययन
- इकोनॉमिक बॉटनी – आर्थिक महत्त्व के पौधों का अध्ययन
- एम्ब्रियोलॉजी – युग्मकों के निर्माण, निषेचन एवं भ्रूण के परिवर्धन का अध्ययन
- इथेनोबॉटनी – आदिवासियों द्वारा पादप के उपयोग का अध्ययन
- इवोल्यूशन – सजीवों के विकास प्रक्रम का अध्ययन
- एक्सोबॉयोलॉजी – अन्य ग्रहों पर संभावित जीवों की उपस्थिति का अध्ययन
- फ्लोरीकल्चर – सजावटी फूलों का संवर्धन एवं अध्ययन
- फॉरेस्ट्री – वनों का अध्ययन
- जेनेटिक्स – आनुवांशिकता एवं विभिन्नताओं का अध्ययन
- जेनेटिक इंजीनियरिंग – कृत्रिम जीन का निर्माण एवं स्थानांतरण का अध्ययन
- जेरोन्टोलॉजी – आयु के साथ जीवों में होने वाले परिवर्तन का अध्ययन
- हेरीडिटी – पैतृक लक्षणों का संतति में पहुंचने का अध्ययन
- लाइकेनोलॉजी – लइकनों का अध्ययन
- लिम्नोलॉजी – झीलों तथा अलवणीय जलीय पादपों का अध्ययन
- माइक्रोबायलॉजी – सूक्ष्म जीवों का अध्ययन
- मार्फोलॉजी – पादपों का आकारीय संरचना का अध्ययन
- माइकोलॉजी – कवकों (फफूंद) का अध्ययन
- माइकोप्लाजमोलॉजी – माइकोप्लाज्मा का अध्ययन
- निमेटोलॉजी – निमेटोड्स का पादपों का साथ संबंध का अध्ययन
- पेलियोबॉटनी – पादप जीवाश्मों का अध्ययन
- पेलिनोलॉजी – परागकणों का अध्ययन
- पैथोलॉजी – पादप रोगों व उपचार का अध्ययन
- पिडोलॉजी – मृदा का अध्ययन
- पेरासिटोलॉजी – पोषिता तथा परजीवियों का संबंध का अध्ययन
- फाइकोलॉजी – शैवालों का अध्ययन
- फार्मेकोलॉजी – औषधीय पादपों का अध्ययन
- फिजियोलॉजी – विभिन्न पादप जैविक क्रियाओं का अध्ययन
- पॉमोलॉजी – फलों का अध्ययन
- एग्रोनोमी – फसली पादपों का अध्ययन
- बायोटेक्नोलॉजी – प्रोटोप्लास्ट का पृथक्करण एवं संवर्धन का अध्ययन
- रेडिएशन बायोलॉजी – विभिन्न उपकरणों का पादपों पर प्रभाव व उत्परिवर्तन का अध्ययन
- फाइटोफिजिक्स – भौतिक सिद्धांतों उपापचय में महत्त्व का अध्ययन
- बॉयोकेमिस्ट्री – सजीवों में कार्बनिक पदार्थों का अध्ययन
- वायरोलॉजी – विषाणुओं का अध्ययन
- हार्टीकल्चर – फल, सब्जियों तथा उद्यान पादपों का संवर्धन का अध्ययन
- मॉलिक्युलर बायोलॉजी – न्यूक्लिक अम्लों ( DNA व RNA ) का अध्ययन
- सिल्वीकल्चर – वनीय वृक्षों तथा उनके उत्पादों का संवर्धन व अध्ययन
- टिश्यू कल्चर – कृत्रिम माध्यम पर ऊतकों का संवर्धन का अध्ययन
- हिस्टोकेमिस्ट्री – कोशिकाओं एवं ऊतकों में विभिन्न रासायनिक पदार्थों की स्थिति का अध्ययन
विज्ञान की प्रमुख शाखाओं के जनक :-
- जन्तु विज्ञान – अरस्तु
- आनुवांशिकी – जी. जे. मेण्डल
- विकिरण आनुवांशिकी – एच जे मुलर
- आधुनिक आनुवांशिकी – बेटसन
- आधुनिक शारीरिकी – एंड्रियास विसैलियस
- रक्त परिसंचरण – विलियम हार्वे
- वर्गिकी – केरोलस लीनियस
- चिकित्सा शास्त्र – हिप्पोक्रेट्स
- उत्परिवर्तनवाद – ह्यूगो डी ब्रीज
- माइक्रोस्कोपी – मारसेलो माल्पीजी
- जीवाणु विज्ञान – रॉबर्ट कोच
- प्रतिरक्षा विज्ञान – एडवर्ड जेनर
- जीवाश्म विज्ञान – लिओनार्डो दी विन्ची
- सूक्ष्म जैविकी – लुई पाश्चर
- जिरोंटोलॉजी – ब्लादिमीर कोरनेचेवस्की
- एंडोक्राइनोलॉजी – थॉमस एडिसन
- आधुनिक भ्रूणिकी – कार्ल ई वॉन वेयर
- वनस्पति शास्त्र – थियोफ्रेस्टस
- पादप रोग विज्ञान – ए. जे. बटलर
- पादप क्रिया विज्ञान – स्टीफन हेल्स
- बैक्टिरियोफेज – टवार्टव दीहेरिल
- सुजननिकी – फ्रांसिस गाल्टन
जीव विज्ञान की शाखाएँ
जीवविज्ञान का दायरा व्यापक है, और इसे कई विषयों में विभाजित किया गया है। यहां एसएससी, यूपीएससी, राज्य सेवाओं, रेलवे और बैंकिंग परीक्षाओं में अक्सर पूछे जाने वाले जीव विज्ञान की सभी शाखाओं की एक सूची है। आप पूरी सूची को विस्तार से पढ़ें, और अपनी आने वाली परीक्षाओं में जीव विज्ञान और उसकी शाखाओं से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देने में सक्षम होने के लिए उन्हें याद करने की कोशिश करें।
- एग्रोस्टोलॉजी – घास का अध्ययन।
- कृषि – फसल का उत्पादन।
- एग्रोनॉमी– मृदा प्रबंधन और फसल का उत्पादन।
- ऑलोमेट्री – शरीर के आकार के आकार, शरीर रचना विज्ञान, शरीर विज्ञान और अंत में व्यवहार के संबंध का अध्ययन।
- एन्थोलॉजी – फूलों का अध्ययन।
- एनाटॉमी – विच्छेदन द्वारा प्रकट एक जीव की आंतरिक संरचना का अध्ययन।
- पुरातत्व – पुरातात्विक सामग्री के माध्यम से प्राचीन काल के जीव विज्ञान का अध्ययन।
- मानव विज्ञान – मनुष्य का विज्ञान जिसमें उसका शारीरिक, मानसिक संविधान, सांस्कृतिक विकास और वर्तमान और अतीत की सामाजिक परिस्थितियाँ शामिल हैं।
- कृषिविज्ञान – आदिम मनुष्य के रीति-रिवाजों का अध्ययन।
- आर्थ्रोलॉजी – जोड़ों का अध्ययन।
- एरोबायोलॉजी – अन्य उड़ने वाली वस्तुओं के संबंध में उड़ान जीवों का अध्ययन।
- बीओसीबेरनेटिक्स – जैव विज्ञान के लिए साइबरनेटिक्स के अनुप्रयोग।
- जीवाणु विज्ञान – जीवाणुओं का अध्ययन।
- बायोफिज़िक्स – जीवित प्रणालियों के भौतिक पहलुओं का अध्ययन।
- बायोकेमिस्ट्री – शरीर और रासायनिक प्रतिक्रियाओं को बनाने वाले रसायनों का अध्ययन।
- जैव प्रौद्योगिकी – औद्योगिक प्रक्रियाओं में जीवित जीवों का उपयोग।
- बायोग्राफी – जीवों के भौगोलिक वितरण का अध्ययन।
- कोशिका जीवविज्ञान – कोशिकाओं के संरचना, कार्यों, प्रजनन और जीवन चक्र का अध्ययन।
- क्रोनोबायोलॉजी – जीवित जीवों में समय-निर्भर घटनाओं का अध्ययन।
- क्रानियोलॉजी – खोपड़ी का अध्ययन।
- क्रायोबायोलॉजी – जीवित जीवों पर कम तापमान के प्रभाव का अध्ययन।
- साइटोलॉजी – कोशिकाओं की विस्तृत संरचना का अध्ययन।
- कार्डियोलॉजी – दिल और उसके कामकाज का अध्ययन।
- डेंड्रोलॉजी – झाड़ियों और पेड़ों का अध्ययन।
- पारिस्थितिकी – जीवों और पर्यावरण के बीच संबंधों का अध्ययन।
- ईडोनॉमी – एक जीव की बाहरी उपस्थिति का अध्ययन।
- एंडोक्रिनोलॉजी – एंडोक्राइन ग्रंथियों और उनके हार्मोन का अध्ययन।
- नैतिकता – जानवरों के व्यवहार का अध्ययन।
- नृवंशविज्ञान – विभिन्न मानव संस्कृतियों द्वारा पौधों और जानवरों का इलाज या उपयोग करने के तरीके का अध्ययन।
- विकास – जीवन की उत्पत्ति, भिन्नता और नई प्रजातियों के गठन का अध्ययन।
- एटियलजि – रोग के प्रेरक एजेंट का अध्ययन।
- एन्टोमोलॉजी – कीटों का अध्ययन।
- यूजीनिक्स – मानव जाति की क्रमिक पीढ़ियों को बेहतर बनाने वाले कारकों से निपटने का विज्ञान का अध्ययन।
- यूथेनिक्स – विज्ञान पर्यावरण को बदलकर मानवता के भविष्य के सुधार से संबंधित है।
- युफेनिक्स – आनुवंशिक इंजीनियरिंग के माध्यम से आनुवंशिकता में दोषपूर्ण का उपचार।
- एंजाइमोलॉजी – एंजाइमों का अध्ययन।
- भ्रूणविज्ञान – भ्रूण के विकास और इसके विकास और मरम्मत का अध्ययन।
- एक्सोबायोलॉजी – अंतरिक्ष में जीवन की संभावना का अध्ययन।
- एस्थिसियोलॉजी – संवेदना का वैज्ञानिक अध्ययन।
- फूलों की खेती – फूलों की पैदावार की खेती।
- फोरेंसिक जीवविज्ञान – कानून प्रवर्तन के लिए जीव विज्ञान के आवेदन।
- किण्वन – अधूरा ऑक्सीकरण की प्रक्रिया जो ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में रोगाणुओं और अन्य कोशिकाओं में होती है, जिससे एथिल अल्कोहल का निर्माण होता है।
- वानिकी – वन का विकास और प्रबंधन।
- खाद्य प्रौद्योगिकी – खाद्य की वैज्ञानिक प्रसंस्करण, संरक्षण, भंडारण और परिवहन।
- मत्स्य – मछलियों का पालन, प्रजनन, पालन और विपणन।
- फोरेंसिक विज्ञान – नागरिकों के विभिन्न तथ्यों की पहचान के लिए विज्ञान का अनुप्रयोग।
- आनुवांशिकी – आनुवंशिकता और विविधताओं का अध्ययन।
- वृद्धि – एक जीव के वजन, मात्रा और आकार में स्थायी वृद्धि।
- जेनेटिक इंजीनियरिंग – जीव को बेहतर बनाने के लिए जीन का हेरफेर।
- जेरोन्टोलॉजी – उम्र बढ़ने के सामाजिक, मनोवैज्ञानिक, संज्ञानात्मक और जैविक पहलुओं का अध्ययन।
- स्त्री रोग – मादा प्रजनन अंग का अध्ययन।
- गैस्ट्रोएंटरोलॉजी – एलिमेंटरी कैनाल या पेट, आंत और उनकी बीमारी का अध्ययन।
- हेमेटोलॉजी – रक्त और इसके कारण होने वाले रोग का अध्ययन।
- हेपेटोलॉजी – लिवर का अध्ययन।
- स्वच्छता – स्वास्थ्य का ध्यान रखने वाला विज्ञान।
- हेल्मिनथोलॉजी – परजीवी कीड़े का अध्ययन।
- हाइड्रोपोनिक्स-पानी में मिट्टी के बिना बढ़ते पौधे के पोषक तत्व जिसमें पोषक तत्व होते हैं।
- हाइपोटोनिक – दो समाधानों में जो कम विलेय सांद्रता रखते हैं उन्हें हाइपोटोनिक कहा जाता है।
- हेरप्टोलॉजी-सरीसृप सरीसृप।
- हाइड्रोबायोलॉजी – पानी में जीवन और जीवन प्रक्रियाओं का विज्ञान।
- इम्यूनोलॉजी – विशिष्ट रोगों के लिए प्राकृतिक या अधिग्रहित प्रतिरोध का अध्ययन।
- इचथोलॉजी – मछली और इसकी संस्कृति का अध्ययन।
- क्रायोलॉजी – नाभिक का अध्ययन।
- कटोलॉजी – मानव सौंदर्य का अध्ययन।
- काइन्सियोलॉजी – मांसपेशियों के आंदोलनों का अध्ययन।
- कोनोलॉजी – स्वास्थ्य पर इसके प्रभावों के संबंध में धूल का अध्ययन।
- मास्टोलॉजी – स्तनों का अध्ययन।
- आकृति विज्ञान – रूप और संरचना का अध्ययन।
- मोलोग्य – मांसपेशियों का अध्ययन।
- माइकोलॉजी – कवक का अध्ययन।
- माइक्रोबायोलॉजी – बैक्टीरिया और वायरस जैसे सूक्ष्मजीवों का अध्ययन।
- आणविक जीवविज्ञान – आणविक स्तर पर रहने वाले रसायनों का अध्ययन
- स्तनधारी – स्तनधारियों का अध्ययन।
- मैमोग्राफी – विज्ञान की शाखा जो स्तन कैंसर से संबंधित है।
- मेकेनोबायोलॉजी – बायोलॉजी एंड इंजीनियरिंग के इंटरफेस का अध्ययन।
- नवजात विज्ञान – 2 महीने की उम्र तक नवजात शिशु का अध्ययन।
- नेफ्रोलॉजी – किडनी का अध्ययन।
- न्यूरोलॉजी – न्यूरॉन्स और तंत्रिका के छल्ले का अध्ययन।
- नोसोलॉजी – रोगों का वर्गीकरण।
- ओस्टियोलॉजी – कंकाल प्रणाली का अध्ययन।
- ओडोन्टोलॉजी – दांत का अध्ययन।
- जीव – विभिन्न अंगों का अध्ययन।
- प्रसूति – प्रसव से पहले, दौरान और बाद में गर्भवती महिलाओं की देखभाल से।
जीव विज्ञान की शाखाओं पर पूछे गए प्रश्न के उदाहरण
- जीव विज्ञान की निम्नलिखित शाखाओं में से कौन सी जीवित जीवों पर विकिरण के प्रभाव से संबंधित है?
- क्रोबिओलोजी
- क्रोगेनिकलोज
- एक्टिनोबियोलॉजी
- एरोबिओलॉजी
- जीव विज्ञान की निम्नलिखित में से कौन सी शाखा हड्डियों का जोड़ है?
- ओतेकोलॉजी
- अरनोलॉजी
- अर्थ्रोलॉजी
- एंथ्रोपोलॉजी
- पर्यावरण में सुधार के द्वारा मानव जाति के सुधार का अध्ययन किसके नाम से जाना जाता है?
- Euthenics
- युजनिक्स
- Euphenics
- एटियलॉजी
- आघात, बीमारी या दोष से मोटर नियंत्रण को बढ़ाने या बढ़ाने के लिए मानव मांसपेशियों के कंकाल और तंत्रिका तंत्र के साथ यांत्रिक उपकरणों का उपयोग करने का विज्ञान कहा जाता है
- गेरोटेक्नोलॉजी
- बिओमेचट्रॉनिक्स
- ऑर्थोटिक्स
- बायोनिक्स
- डेंड्रोकलॉजी ’निम्नलिखित में से किस आयु का अध्ययन है?
- कवक
- लकड़ी वाले पौधे
- झाड़ियाँ
- ऊपर के सभी
- भ्रूणजनन के दौरान असामान्यताओं का अध्ययन क्या कहलाता है
- टेरटालॉजी
- जूपथोलॉजी
- रतिजरोग
- चिकित्साविधान
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