इलेक्ट्रिक बोर्ड की वायरिंग कैसे होती है

इलेक्ट्रिक बोर्ड की वायरिंग कैसे होती है

इलेक्ट्रिक बोर्ड की वायरिंग कैसे होती है

बोर्ड की वायरिंग कैसे होती है - इलेक्ट्रिक बोर्ड की वायरिंग कैसे होती है
इलेक्ट्रिक बोर्ड की वायरिंग कैसे होती है
सबसे पहले आपको ये पता होना चाहिए कि किस कलर का वायर किस लिए उपयोग करते हैं ।

लाल वायर     –    फेज
नीला वायर     –   फेज
पीला वायर     –   फेज
● काला वायर    –   न्यूट्रल
हरा वायर       –   अर्थ

नियमों के अनुसार हमें हर कनेक्शन में उपयुक्त क्रम के अनुसार ही वायरों का उपयोग करना चाहिए ।
स्विच बोर्ड कनेक्शन करते समय फाॅलो किये जाने वाले कुछ नियम –
● स्विच से केवल फेज वायर ही जोडना चाहिए ।
● तीन पिन तथा पांच पिन साॅकेट में मोटे पिन को अर्थ अवश्य दें ।
● बिना जानकारी कनेक्शन न करें ।
नोट:फेज वायर के शुरुआत में फ्यूज का प्रयोग अवश्य करें |
● स्विच के एक बिंदु को को फेज से जोड़ें ।
● तथा स्विच के दूसरे बिंदु को साॅकेट/बल्ब के एक बिंदु से जोड़ें ।
● साॅकेट/बल्ब के दूसरे बिंदु से न्यूट्रल जोड़े ।
● अर्थ बिंदु को अर्थ से जोड़े ।
बोर्ड में कनेक्शन करने से पहले इसका एक चित्र अथवा Diagram बना लें ।

इलेक्ट्रिक बोर्ड में फ्यूज का कनेक्शन कैसे करे

फ्यूज के 2 पिन में से एक पिन में इनपुट गर्मी का कनेक्शन होगा और दुसरे पिन से गर्मी का आउटपुट मिलेगा जिसे आगे की वायरिंग में गर्मी ही माना जायेगा। बस एक बात का ध्यान रहे कि सप्लाई वाले गर्मी को सिर्फ फ्यूज में ही जोड़ना है ताकि उस बोर्ड का पूरा लोड फ्यूज पर पड़ सके। साथ ही ध्यान रहे कि बोर्ड तक जो इनपुट गर्मी और ठंडी आता है वो इलेक्ट्रिक मीटर से होकर आता है।

इलेक्ट्रिक बोर्ड में गर्मी का कनेक्शन कहाँ किया जायेगा

इलेक्ट्रिक बोर्ड में गर्मी के तार का कनेक्शन सिर्फ फ्यूज से ही किया जायेगा। लेकिन फ्यूज के आउटपुट को भी गर्मी ही माना जाएगा।

फ्यूज के आउटपुट का कनेक्शन कहाँ किया जाता है|

बिजली के मेन सप्लाई के गर्मी के तार को सिर्फ फ्यूज के साथ ही जोड़ा जायेगा। तो अब सवाल ये उठता है कि फ्यूज के आउटपुट गर्मी का कनेक्शन कहाँ किया जायेगा? फ्यूज के आउटपुट गर्मी का कनेक्शन इंडिकेटर और सिर्फ स्विच से ही किया जायेगा। यहाँ ध्यान रहे कि स्विच में ठंडी के तार का भी कनेक्शन किया जा सकता है |

इलेक्ट्रिक बोर्ड में इंडिकेटर का कनेक्शन कैसे करें

इंडिकेटर के एक पिन में इनपुट गर्मी और दुसरे पिन में इनपुट ठंडी का कनेक्शन किया जाता है। लेकिन एक बात का ध्यान रहे कि यहाँ इनपुट गर्मी का मतलब फ्यूज के आउटपुट गर्मी का है। आगे हम जहाँ भी इनपुट गर्मी का उल्लेख करेंगे उन सभी का मतलब भी यही होगा।

कौन से रंग का तार किस लिए होता है

अगर आप किसी भी बिजली के उपकरण की वायरिंग करना चाहते हैं. तो आपको सभी प्रकार के तारों की जानकारी अच्छे से होनी चाहिए ताकि आप एक अच्छे तरीके से अपने घर में वायरिंग कर सकें |

लाल तार ( Red Wire):-

लाल तार को हम गर्म तार या फेस लाइन वाला तार भी बोलते हैं. जिस में बिजली होती है. और इफ्तार का कनेक्शन हमेशा सभी सभी के ऊपर किया जाता है. ताकि जब भी आप किसी उपकरण की बिजली को बंद करें तो उस पूरे उपकरण में बिजली ना रहे. और इस तार को कभी भी नंगे हाथों से ना छुए |

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काला तार (Black Wire)

काला तार को हम ठंडे तार के रूप में भी जानते हैं जिसमें किसी तरह की बिजली नहीं होती है. और इसका कनेक्शन सीधे उपकरण पर किया जाता है.

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हरा तार (Green Wire)

भारत में हरे रंग के तार को अर्थिंग के लिए इस्तेमाल में लिया जाता है. अगर आप किसी उपकरण के अर्थिंग वायर को देखेंगे तो उसका रंग आपको हरा मिलेगा तो इसलिए आप अपने घर में भी हरे रंग का तार ही अर्थिंग में लगाएं

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नीला या पीला तार

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