विद्युत ऊर्जा उत्पादन के स्रोत
विद्युत् शक्ति के लिए, वस्तुत:, तीन संघटक आवश्यक हैं :
(1) चालक, जो व्यावहारिक रूप में एक निर्धारित व्यवस्था के अनुसार योजित संवाहक समूह होता है,
(2) चुंबकीय क्षेत्र, व्यावहारिक रूप में एक कुंडली में विद्युत् धारा प्रवाहित करके प्राप्त किया जाता है और
(3) चालक समूह को चुंबकीय क्षेत्र में घुमाने की व्यवस्था, जिसका तात्पर्य है यांत्रिक ऊर्जा का प्रावधान।
वस्तुत:, यही यांत्रिक ऊर्जा, विद्युत् ऊर्जा के रूप में परिवर्तित होती है और ऊर्जा अविनाशिता नियम का प्रतिपादन करती है।
उपर्युक्त विवेचन के आधार पर किसी भी विद्युत् जनित्र के तीन मुख्य अवयव होते हैं :
1. चालकों को धारण करनेवाले आर्मेचर (armature) की, जो सामन्यत: नरम लोहे के पटलित स्तरों का बना होता है, परिधि के चारों ओर खाँचे बने होते हैं, जिनमें चालन कुंडलियाँ रखी जाती हैं। चालकों को एक निश्चित व्यवस्था के अनुसार योजित किया जाता है, जिसे आर्मेचर कुंडलन (Armature winding) कहते हैं।
2. क्षेत्र कुंडली – इसमें धारा के प्रवाहित होने पर चुंबकीय क्षेत्र की उत्पत्ति होती है।
3. यांत्रिक शक्ति का संभारक – यह साधारणतया एक प्रधान चालक होता है। यह जल का टरबाइन, भाप का टरबाइन, भाप का इंजन, अथवा डीजल इंजन में से कोई भी हो सकता है।
भारत में विद्युत उत्पादन के विभिन्न स्रोतों की मौजूदा स्थिति का वर्णन निम्नवत् है:
ऊर्जा संयत्रों के प्रकार | संस्थापित क्षमता (मेगावाट) | प्रतिशत हिस्सेदारी |
1. थर्मल बिजली | 153848 | 68.14 |
(i) कोयला गैस | 132288 | 58.59 |
(ii) गैस आधारित | 20360 | 9.02 |
(iii) तेल आधारित | 1200 | 0.53 |
2. जल विद्युत (हाइड्रो पावर) | 39623 | 17.55 |
3. परमाणु ऊर्जा (न्यूक्लियर पावर) | 4780 | 2.12 |
4. ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत | 27542 | 12.20 |
Total Energy | 225793 | 100.00 |
नोट: योजनाओं में अतिरिक्त क्षमता (मेगावाट):
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (लक्ष्य): 62000 मेगावाट
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (उपलब्धि): 58000 मेगावाट
बारहवीं पंचवर्षीय योजना: (लक्ष्य): 100000 मेगावाट
भारत में विद्युत उत्पादन
राज्य क्षेत्र (स्टेट सेक्टर) | केंद्रीय क्षेत्र (सेंट्रल सेक्टर) | निजी क्षेत्र (प्राइवेट सेक्टर) | ||||
स्थापित क्षमता | हिस्सेदारी | स्थापित क्षमता | हिस्सेदारी | स्थापित क्षमता | हिस्सेदारी | |
89092 | 39.5 | 65613 | 29.0 | 71088 | 31.5 |
कोयला आधारित विद्युत उत्पादन संयत्र का काल्पनिक ढाचा
गैस आधारित विद्युत उत्पादन संयत्र का काल्पनिक ढांचा
परमाणु ऊर्जा संयत्र का काल्पनिक ढांचा
- उत्पादन:
- राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (RVUNL)
- ट्रांसमिशन:
- राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड (RVPNL)
- वितरण:
- जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JVVNL)
- जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (JDVVNL)
- अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (AVVNL)
राजस्थान के विद्युत ऊर्जा स्त्रोत के प्रकार:
ऊर्जा स्त्रोतों को दो भागों में विभक्त किया जाता है
- परम्परागत ऊर्जा स्त्रोत
- तापीय ऊर्जा – कोयला (हार्मल पावर) खनिज तेल (पेट्रोलियम),
- जल विद्युत
- अणु शक्ति
- गैर-परम्परागत स्त्रोत (अथवा ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोत)
- सौर ऊर्जा,
- पवन ऊर्जा,
- ज्वारीय ऊर्जा,
- बायो गैस।
मार्च, 2019 तक, राजस्थान की अधिष्ठापित बिजली क्षमता 21,077.64 मेगावाट (लगभग 21 गीगावॉट) है। वर्ष 2018-19 के दौरान कुल वृद्धि 1524.87 मेगावाट है।
राजस्थान के विद्युत ऊर्जा स्त्रोत एवम क्षमता
राजस्थान के विद्युत ऊर्जा स्त्रोत | अधिष्ठापित क्षमता (मेगावाट) | कुल का प्रतिशत |
तापीय ऊर्जा (कोयला) | 11385.5 | 54.0% |
जल विद्युत | 1757.95 | 8.3% |
गैस आधारित | 824.6 | 3.9% |
अणु शक्ति | 456.74 | 2.2% |
सौर ऊर्जा | 2411.7 | 11.4% |
पवन | 4139.2 | 19.6% |
बायोमास | 101.95 | 0.5% |
Total | 21077.64 | 100% |
राजस्थान के विद्युत ऊर्जा स्त्रोतों का विस्तृत विवरण
- तापीय ऊर्जा
- कोयला (थर्मल पावर),
- खनिज तेल (पेट्रोलियम),
- गैस आधारित,
- जल विद्युत
- अणु शक्ति
- सौर ऊर्जा
- पवन
- बायोमास