DC मोटर क्या है ? इसका कार्य सिद्धांत, भाग, प्रकार और स्टार्टर
DC मोटर क्या है
DC विद्युत ऊर्जा (DC Electrical Energy) को यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical Energy) में बदलने वाली मशीन को दिष्टधारा मोटर (DC Motor) कहते हैं ।
DC मोटर का कार्य सिद्धांत
डीसी मोटर धारा के विद्युत चुम्बकीय खिंचाव के सिद्धांत पर कार्य करती है ।
चुम्बकीय क्षेत्र के बीच स्थित आर्मेचर में जब विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो आर्मेचर में भी चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न हो जाता है ।
दोनों चुम्बकीय क्षेत्र आपस में क्रिया करते है तो आर्मेचर में एक घुमाव बल लगता है और आर्मेचर घूमने लगता है ।
इस घुमाव बल की दिशा फ्लेमिंग के बांये हाथ के नियम के अनुसार होती है ।
डीसी मोटर कितने प्रकार की होती है ?
ये तीन प्रकार की होती है –
● सीरीज मोटर – इसमें फील्ड, आर्मेचर के श्रेणीक्रम मे जोड़ी जाती है । इसका शुरुआती घुमाव बल (टाॅर्क) बहुत अधिक होता है ।
● शंट मोटर – इसमें फील्ड, आर्मेचर के समानांतर क्रम मे जोड़ी जाती है इसका starting torque सीरीज मोटर से कम होता है ।
● कम्पाउंड मोटर – इसमें सीरीज तथा समानांतर दोनों प्रकार की फील्ड जोड़ी जाती है ।
DC Motor के मुख्य भाग
● चुम्बकीय क्षेत्र
● आर्मेचर – यह सिलिकॉन स्टील की लेमिनेटेड पत्तियों से बना बेलन की आकृति का होता है, इसमें खांचे कटे होते हैं ।
इसे चुम्बकीय फील्ड में स्थापित किया जाता है ।
● ब्रुश – ये कार्बन का बना होता है जो कम्युटेटर को स्पर्श करता है ।
डीसी मोटर को स्टार्ट करते समय धारा के मान को सीमित रखने तथा अन्य सुरक्षा उपाय के लिए स्टार्टर का उपयोग किया जाता है ।
ये तीन प्रकार के होते हैं –
● Two Point Starter
● Three Point Starter
● Four Point Starter
● Three Point Starter
● Four Point Starter