मुक्त इलेक्ट्रॉन और इलेक्ट्रॉन क्या है
इलेक्ट्रॉन किसे कहते हैं
विभिन्न कक्षाओं में इलेक्ट्रॉन का वितरण
मुक्त इलेक्ट्राॅन किसे कहते हैं ?
मुक्त इलेक्ट्रॉन मॉडल
त्रिबीमीय अवकाश में, फर्मिऑन गैस के स्टेट्स का घनत्व कणों की गतिज ऊर्जा के वर्गमूल के समानुपाती होता है। ठोस अवस्था भौतिकी में मुक्त इलेक्ट्रान माडल (free electron model) धात्विक ठोसों के क्रिस्टल संरचना में संयोजक इलेक्ट्रानों के व्यवहार को अभिव्यक्त करने वाला सरल मॉडल है। इसका विकास मुख्य रूप से अर्नाल्ड समरफिल्ड ने किया था। अत्यन्त सरल होने के बावजूद भी यह मॉडल अनेकों प्रायोगिक परिघटनाओं की व्याख्या करने में सक्षम है |
ठोस अवस्था भौतिकी
हीरा की संरचना का चलित दृष्य ठोस अवस्था की भौतिकी (Solid-state physics) को ठोस अवस्था का सिद्धांत (Solid-state theory) के नाम से भी जाना जाता है। यह भौतिकी की वह शाखा है जिसमें ठोस की संरचना और उसके भौतिक गुणों का अध्ययन किया जाता है। यह संघनित प्रावस्था भौतिकी की सबसे बड़ी शाखा है। ठोस अवस्था भौतिकी में इस बात पर विचार किया जाता है कि ठोसों के वाह्य गुण उनके परमाणु-स्तरीय गुणों से किस प्रकार सम्बन्धित हैं। इस प्रकार ठोस अवस्था भौतिकी, पदार्थ विज्ञान का सैद्धान्तिक आधार बनाती है। इसके अलावा ट्रांजिस्टरों की प्रौद्योगिकी एवं अर्धचालकों की तकनीकी आदि में इसका सीधा उपयोग भी होता है।
भौतिक मॉडल
सिंगापुर सिटी सेन्टर का लघु प्रारूप (मॉडल) युद्ध के दृष्य का प्रारूप — आस्ट्रेलियायी युद्ध स्मारक, कैन्बरा किसी वस्तु या प्रक्रम के वास्तविक आकार से बड़ा या छोटा आकार की प्रतिकृति उस वस्तु या प्रक्रम की भौतिक प्रतिरूप या भौतिक मॉडल (physical model) कहलाती है। जिस वस्तु का (भौतिक) मॉडल बनाया जाता है उसका वास्तविक आकार बहुत ही छोटा (जैसे-परमाणु) या बहुत बड़ा (जैसे- सौर तंत्र) हो सकता है; अथवा वास्तविक आकार के बजाय उसका लघु आकार का मॉडल बनाकर परीक्षण करना कम खर्चीला हो सकता है। पहले भौतिक मॉडल का निर्माण बहुत प्रचलित था किन्तु वर्तमान समय में कम्प्यूटर और सिमुलेशन सॉफ्टवेयर की सहायता से गणितीय मॉडल बनाकर सिमुलेशन करना अधिक सस्ता, सरल, सुरक्षित एवं सुविधाजनक हो गया है। भौतिक मॉडल का उपयोग किसी जटिल वस्तु, तन्त्र या प्रक्रिया के देखने (visualization) के लिये भी किया जाता है/था किन्तु आजकल कम्प्यूटर ग्राफिक्स की सहायता से भांति-भांति से और अलग-अलग कोणों से किसी वस्तु के चित्र को देखा और समझा जा सकता है।