प्राथमिक सेल और द्वितीयक सेल क्या है

प्राथमिक सेल और द्वितीयक सेल क्या है
What is primary cell and secondary cell

प्राथमिक सेल क्या है

वह सेल जिन्हे पुनः आवेशित नहीं जा सकता है ओर इसमे रासायनिक क्रिया अनुक्रमणीय होती है, प्राथमिक सेल कहलाता है।

प्राथमिक सेल के उदाहरण —

 शुष्क सेल (Dry cell)
वोल्टीय सेल (Voltaic cell)
लेक्लांशी सेल (Leklanshi cell)
डेनियल सेल (Daniel cell)

द्वितीयक सेल क्या है? 

वह सेल जिन्हे पुनः आवेशित किया जा सकता है ओर इसमे रासायनिक क्रिया उत्क्रमणीय होती है, द्वितीयक सेल कहलाता है।

उदाहरण :- एडीसन सेल (Basic ) एवं लोहा निकल सेल, सीसा संचायक सेल

सीसा संचायक सेल

इसमें कई ग्रिडनुमा ( जालीदार) सीसे की पट्टियाँ होती हैं। जिनमें लेडमोनोऑक्साइड ( लिथार्ज,pbo)और गन्धक अम्ल का पेस्ट भर दिया जाता हैं। ये पट्टियाँ एकान्तर क्रम में आपस में जुड़ी होती हैं। पट्टियाँ को तनु गन्धक – अम्ल ( सल्फयूरिक अम्ल H2so4)से (आपेक्षिक घन्तव 1.18)भरे काँच आयताकार बर्तन में डुबोकर रखा जाता हैं पट्टियाँ पर चढ़ा लिथार्ज,गन्धक से क्रिया करके लेड सल्फेट(PbO2) बना देता है।
Pbo+h2so4 → pbso4  +h2o

आवेशित करना 

इन सेल को विद्युत स्त्रोत या battery चार्जर से चार्ज में जोड़ देते हैं। सेल में धारा प्रवाहित होने के कारण अम्लीय जल का विद्युत अपघटन होता हैं।
              H2so4     →    2H+    +    so4–
हाइड्रोज आयन (2h+) ऋण प्लेट की और तथा सल्फेट आयन (so4- -) धन  प्लेट की और चलने लगते  है।

नोट 

  1. सेल पूर्णतया आवेशित होने पर गन्धक के तनु अम्ल का आपेक्षिक घन्तव 1.18 से बढ़कर 1.25 हो जाता है
  2. सेल का विद्युत वाहक बल 2.2 volt हो जाता हैं।

प्राथमिक सेल और द्वितीयक सेल में अंतर

आवश्यकता होती है।
आवश्यकता होती है।

पुनः उपयोग –

● प्राथमिक सेल को उपयोग के पश्चात् पुनः उपयोग नहीं किया जा सकता है ( केवल एक बार उपयोग किया जा सकता है )
● द्वितीयक सेल को एक बार उपयोग करने के पश्चात पुनः आवेशित कर उपयोग किया जा सकता है ( कई बार उपयोग किया जा सकता है )

विद्युत ऊर्जा –

● प्राथमिक सेल में कम विद्युत ऊर्जा स्टोर की जा सकती है
● द्वितीयक सेल में अधिक विद्युत ऊर्जा स्टोर की जा सकती है

वोल्टेज और धारा –

● प्राथमिक सेल से कम मान का वोल्टेज और विद्युत धारा प्राप्त होती है
● द्वितीयक सेल से अधिक मान का वोल्टेज और धारा प्राप्त होती है

वजन –

● प्राथमिक सेल आकार में छोटे और वजन में हल्के होते हैं
● द्वितीयक सेल आकार में बड़े और वजन में भारी होती हैं

प्राथमिक सेल   

 द्वितीयक सेल 

(1) यह सस्ता होता है।  यह महंगा होता है।
(2)यह आकार में छोटा  व हल्का होता है। यह आकार में बढ़ा व भारी होता है।
(3)इसे पुनः आवेशित नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसमें रासायनिक क्रिया अनुक्रमणीय होती है। इसे पुनः आवेशित किया जा सकता है, क्योंकि इसमें रासायनिक क्रिया उत्क्रमणीय होती है।
(4)इसका उपयोग टॉर्च, घड़ियों,  ट्रांजिस्टर सर्किट आदि में किया जाता है जहां कम धारा की आवश्यकता होती है। इसका उपयोग कार,एम्पलीफायर इत्यादि में किया जाता है , जहां स्थित धारा की आवश्यकता होती है।
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